काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को देश के पहले उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के काफिले को निशाना बना कर किए गए बम हमले में 10 नागरिकों की मौत हो गई और कम से कम एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हैं, जिसमें उप राष्ट्रपति के कई बॉडीगार्ड भी शामिल हैं. गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.
अधिकारियों ने बताया कि अभी किसी संगठन ने तत्काल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है और तालिबान ने हमले में भूमिका से इनकार किया है. देश के पहले उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह इस बम हमले में मामूली रूप से झुलस गए हैं.
सालेह अफगानिस्तान के खुफिया प्रमुख रह चुके हैं. उन्होंने हमले के शीघ्र बाद टेलीविजन पर बताया कि वह सुरक्षित हैं और वह मामूली रूप से झुलसे हैं. टीवी फुटेज में उनके एक हाथ में बैंडेज लगा दिखा है. सालेह फुटेज में यह कहते हुए दिखे हैं कि वह और उनके छोटे बेटे सुरक्षित हैं. हमले के समय उनके छोटे बेटे उनके साथ थे.
उन्होंने कहा, 'मेरा चेहरा और हाथ मामूली रूप से आग की लपटों से जला है. मेरे पास अभी सटीक जानकारियां नहीं हैं, लेकिन मैं उन लोगों से माफी मांगता हूं जिनकी मृत्यु हुई और जिन्हें इस हमले में संपत्ति का नुकसान हुआ.'
उनके प्रवक्ता रजवान मुराद ने इस हमले को सालेह की जिंदगी खत्म करने की कोशिश का 'खतरनाक प्रयास बताया' है. उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्र की सड़कें बंद कर दी गई हैं.
गृह मंत्रालय ने बताया कि सालेह का काफिला काबुल के उस हिस्से से गुजर रहा था जहां खाना बनाने और घरों को गर्म रखने वाले गैस सिलेंडर की बिक्री होती है. इस विस्फोट की वजह से कई दुकानों में आग लग गई.
विस्फोट के बाद घटनास्थल पर विध्वंस के निशान थे. विस्फोट के बाद कम से कम 10 दुकानों में आग की लपटें उठ रही थी और निकट के दर्जनों घरों के शीशे टूट गए थे. कारें क्षतिग्रस्त हो गई थीं और मलबा बिखरा पड़ा था.
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गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियन ने एसोसिएटेड प्रेस से पुष्टि की है कि इस बम हमले में सालेह के काफिले को निशाना बनाया गया. उन्होंने बताया था कि इस विस्फोट में कम से कम दो नागरिकों की मौत हो गई, लेकिन बाद में मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हो गई. मंत्रालय ने बताया कि कम से कम 15 लोग घायल हो गए.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने हमले के तुरंत बाद इसमें संगठन की भूमिका से इनकार किया. तालिबान और इस्लामिक स्टेट काबुल में सक्रिय हैं और अफगानिस्तान के एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल और तालिबान के बीच संभावित वार्ता से पहले तनाव का माहौल बना हुआ है.