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बांग्लादेश-पाक के बीच सुलह पर अटकलें, इमरान कर रहे प्रयास

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच हुई बातचीत के बाद कयास लागए जा रहे हैं कि इस्लामाबाद, ढाका के साथ द्विपक्षीय संबंध बहाल करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तान द्वारा किए गए पाप के कारण इसकी बहुत कम उम्मीद है. पढ़ें पूरी खबर...

Pakistan Prime Minister Imran Khan
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान
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Published : Jul 27, 2020, 6:32 PM IST

ढाका : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से टेलीफोन पर बातचीत की थी. इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बांग्लादेश ने कार्रवाई के लिए अपने अगले कदम के बारे में भारत को बता दिया है.

22 जुलाई को, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना को फोन किया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीफोनिक बातचीत में दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने अभिवादन का आदान-प्रदान किया और दोनों देशों में बाढ़ और कोरोना की स्थिति पर चर्चा की.

बताया जा रहा है कि बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और सार्क के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा की. इमरान खान ने भारत के साथ मुद्दों पर भी अपना रुख बताया और शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद जताई.

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक बांग्लादेश द्वारा कार्रवाई के अगले कदम की ओर इशारा कर रहे हैं. उनका मानना है कि इस्लामाबाद और ढाका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में ऐतिहासिक सुधार होने की संभावना है.

बांग्ला न्यूज 24 ने बताया कि अगर बांग्लादेश पाकिस्तान की बातचीत की पहल का सकारात्मक जवाब देता है, तो वह भारत-चीन के टकराव पर अपना रुख साफ कर देगा.

बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन ने कहा, 'उन्होंने (इमरान खान) कोविड​​-19 और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा करने के लिए फोन किया था. यह सामान्य शिष्टाचार बातचीत के अलावा कुछ भी नहीं था. यह अच्छा है कि अगर वे (पाकिस्तान) हमारे साथ संबंध बेहतर कर सकें.'

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश 1971 में मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तान द्वारा 30 लाख बांग्लादेशियों की निर्मम हत्या और सैकड़ों हजारों महिलाओं के बलात्कार को नहीं भूला है.

मोमिन ने कहा, 'हालांकि, पाकिस्तान ने 1971 के मुक्ति युद्ध के दौरान किए गए नरसंहार के लिए अभी तक माफी नहीं मांगी है. हम हर किसी के साथ दोस्ती बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन अगर वे माफी नहीं मांग सकते हैं तो यह कैसे संभव है.'

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान : इमरान की कैबिनेट के सात सलाहकारों के पास दोहरी राष्ट्रीयता

पाकिस्तान वर्तमान में बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. पाकिस्तान ने हाल ही में बांग्लादेश के युद्ध अपराधों के मुकदमों के खिलाफ प्रस्तावों को अपनाया था, जिसमें 1971 में मानवता के खिलाफ अपराध करने के लिए कुछ प्रमुख अपराधियों को फांसी दी गई थी.

पाकिस्तान पर यह भी आरोप हैं कि वह बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति को प्रभावित करने और वहां अशांति फैलाने के लिए गतिविधियों में शामिल है.

बांग्लादेश के जहाजरानी राज्यमंत्री खालिद महमूद चौधरी के हवाले से कहा गया था, 'बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों सार्क देश हैं. दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष दक्षिण एशिया से संबंधित किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं.'

उन्होंने कहा, 'हालांकि, हमारे बीच अभी भी कुछ अनसुलझे मुद्दे हैं. यदि वे (पाकिस्तान) संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले उन मुद्दों को हल करना होगा. बांग्लादेश ने खूनी युद्ध के माध्यम से स्वतंत्रता प्राप्त की, न कि टेबल चर्चा के माध्यम से.'

ढाका : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से टेलीफोन पर बातचीत की थी. इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बांग्लादेश ने कार्रवाई के लिए अपने अगले कदम के बारे में भारत को बता दिया है.

22 जुलाई को, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना को फोन किया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीफोनिक बातचीत में दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने अभिवादन का आदान-प्रदान किया और दोनों देशों में बाढ़ और कोरोना की स्थिति पर चर्चा की.

बताया जा रहा है कि बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और सार्क के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा की. इमरान खान ने भारत के साथ मुद्दों पर भी अपना रुख बताया और शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद जताई.

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक बांग्लादेश द्वारा कार्रवाई के अगले कदम की ओर इशारा कर रहे हैं. उनका मानना है कि इस्लामाबाद और ढाका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में ऐतिहासिक सुधार होने की संभावना है.

बांग्ला न्यूज 24 ने बताया कि अगर बांग्लादेश पाकिस्तान की बातचीत की पहल का सकारात्मक जवाब देता है, तो वह भारत-चीन के टकराव पर अपना रुख साफ कर देगा.

बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन ने कहा, 'उन्होंने (इमरान खान) कोविड​​-19 और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा करने के लिए फोन किया था. यह सामान्य शिष्टाचार बातचीत के अलावा कुछ भी नहीं था. यह अच्छा है कि अगर वे (पाकिस्तान) हमारे साथ संबंध बेहतर कर सकें.'

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश 1971 में मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तान द्वारा 30 लाख बांग्लादेशियों की निर्मम हत्या और सैकड़ों हजारों महिलाओं के बलात्कार को नहीं भूला है.

मोमिन ने कहा, 'हालांकि, पाकिस्तान ने 1971 के मुक्ति युद्ध के दौरान किए गए नरसंहार के लिए अभी तक माफी नहीं मांगी है. हम हर किसी के साथ दोस्ती बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन अगर वे माफी नहीं मांग सकते हैं तो यह कैसे संभव है.'

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पाकिस्तान वर्तमान में बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. पाकिस्तान ने हाल ही में बांग्लादेश के युद्ध अपराधों के मुकदमों के खिलाफ प्रस्तावों को अपनाया था, जिसमें 1971 में मानवता के खिलाफ अपराध करने के लिए कुछ प्रमुख अपराधियों को फांसी दी गई थी.

पाकिस्तान पर यह भी आरोप हैं कि वह बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति को प्रभावित करने और वहां अशांति फैलाने के लिए गतिविधियों में शामिल है.

बांग्लादेश के जहाजरानी राज्यमंत्री खालिद महमूद चौधरी के हवाले से कहा गया था, 'बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों सार्क देश हैं. दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष दक्षिण एशिया से संबंधित किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं.'

उन्होंने कहा, 'हालांकि, हमारे बीच अभी भी कुछ अनसुलझे मुद्दे हैं. यदि वे (पाकिस्तान) संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले उन मुद्दों को हल करना होगा. बांग्लादेश ने खूनी युद्ध के माध्यम से स्वतंत्रता प्राप्त की, न कि टेबल चर्चा के माध्यम से.'

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