इस्लामाबाद : वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) इस महीने के उत्तरार्द्ध में होने वाली एक डिजिटल बैठक में पाकिस्तान की ग्रे सूची में स्थिति पर फैसला कर सकता है. पेरिस स्थित वैश्विक धनशोधन और आतंकवाद वित्तपोषण निगरानी संस्था ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल दिया था और इस्लामाबाद से 2019 के अंत तक धनशोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण पर रोकथाम के लिए कार्रवाई की योजना को लागू करने को कहा था. हालांकि, बाद में कोविड-19 महामारी के कारण समय-सीमा बढ़ा दी गई.
88 प्रतिबंधित आतंकी समूहों पर वित्तीय पाबंदियां लगाईं
एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर आने को प्रयासरत पाकिस्तान ने अगस्त में 88 प्रतिबंधित आतंकी समूहों और उनके नेताओं पर वित्तीय पाबंदियां लगा दी थीं. इनमें 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों का षड्यंत्रकर्ता और जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम शामिल है.
डिजिटल पूर्ण सत्र 21 से 23 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा
एफएटीएफ का डिजिटल पूर्ण सत्र 21 से 23 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा. इसमें निर्णय होगा कि पाकिस्तान को धनशोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ उसकी लड़ाई पर वैश्विक प्रतिबद्धताओं तथा मानकों को पूरा करने के उसके कार्य प्रदर्शन के आधार पर ग्रे सूची से हटाया जाना चाहिए या नहीं. डॉन न्यूज ने यह खबर प्रकाशित की है. पहले यह बैठक जून में होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के बाद इस्लामाबाद को इस मामले में राहत मिल गई.