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पीएमएल-एन के 246 सदस्यों को नजरबंद करेगी पाक सरकार, जानें कारण

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सरकार ने विधानसभा और संसद के 246 सदस्यों को नजरबंद रखने के आदेश जारी किए हैं. ये सख्त आदेश पीएमएल-एन पार्टी के सदस्यों के खिलाफ आया है. इन सभी सदस्यों को 30 दिनों तक नजरबंद रखा जाएगा.

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Published : Jul 30, 2019, 12:05 AM IST

सालेहा सईद

लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सरकार ने 'सार्वजनिक व्यवस्था और शांति' बनाए रखने के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) के कई सदस्यों को नजरबंद करने के आदेश जारी किए हैं. इसमें 246 सदस्य शामिल हैं. इनको 30 दिनों के लिए नजरबंद रखा जाएगा.

ये सभी पाकिस्तान संसद और पंजाब प्रांत की विधानसभा के सदस्य हैं. नजरबंदी का आदेश लाहौर की डिप्टी कमिश्नर सालेहा सईद द्वारा लोक आदेश के रखरखाव (एमपीओ) की धारा तीन के तहत जारी किया गया है.

आदेश के अनुसार कहा जा रहा है कि पीएमएल-एन के सदस्य आपत्तिजनक गतिविधियों में शामिल थे. बताया जा रहा है कि ये लोग आम जनता को उकसाने और भड़काने के लिए बैयानबाजी और नारेबाजी कर रहे थे. इसके साथ ही ये भी आरोप लगे हैं कि ये आम जनता को रैलियां और मार्च निकाने के लिए भी उकसा रहे थे. ये करने का सिर्फ एक मकसद बताया जा रहा कि वे शहर में लोगों के लिए बाधाएं पैदा करना चाहते थे.

पढ़ें: पाकिस्तान में आधे से अधिक परिवारों को नहीं मिल पा रही रोटी

जारी आदेशानुसार ये सार्वजनिक शांति, कानून और व्यवस्था के लिए खतरा बताए जा रहे हैं. इस तरह के कार्यकर्ताओं व उपद्रवियों पर यदि नजर न रखी गई तो ये सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था और शांति को भंग कर परेशानियां खड़ी करेंगे.

बता दें, नजरबंदी का ये आदेश ऐसे समय में आए हैं, जब पाकिस्तान की इमरान सरकार को पहले से ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. इन आलोचनाओं के पीछे का कारण मीडिया और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं को बताया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर प्रतिद्वंद्वी नेता भी लगातार सरकार का घेराव कर रहे हैं.

लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सरकार ने 'सार्वजनिक व्यवस्था और शांति' बनाए रखने के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) के कई सदस्यों को नजरबंद करने के आदेश जारी किए हैं. इसमें 246 सदस्य शामिल हैं. इनको 30 दिनों के लिए नजरबंद रखा जाएगा.

ये सभी पाकिस्तान संसद और पंजाब प्रांत की विधानसभा के सदस्य हैं. नजरबंदी का आदेश लाहौर की डिप्टी कमिश्नर सालेहा सईद द्वारा लोक आदेश के रखरखाव (एमपीओ) की धारा तीन के तहत जारी किया गया है.

आदेश के अनुसार कहा जा रहा है कि पीएमएल-एन के सदस्य आपत्तिजनक गतिविधियों में शामिल थे. बताया जा रहा है कि ये लोग आम जनता को उकसाने और भड़काने के लिए बैयानबाजी और नारेबाजी कर रहे थे. इसके साथ ही ये भी आरोप लगे हैं कि ये आम जनता को रैलियां और मार्च निकाने के लिए भी उकसा रहे थे. ये करने का सिर्फ एक मकसद बताया जा रहा कि वे शहर में लोगों के लिए बाधाएं पैदा करना चाहते थे.

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जारी आदेशानुसार ये सार्वजनिक शांति, कानून और व्यवस्था के लिए खतरा बताए जा रहे हैं. इस तरह के कार्यकर्ताओं व उपद्रवियों पर यदि नजर न रखी गई तो ये सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था और शांति को भंग कर परेशानियां खड़ी करेंगे.

बता दें, नजरबंदी का ये आदेश ऐसे समय में आए हैं, जब पाकिस्तान की इमरान सरकार को पहले से ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. इन आलोचनाओं के पीछे का कारण मीडिया और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं को बताया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर प्रतिद्वंद्वी नेता भी लगातार सरकार का घेराव कर रहे हैं.

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