सियोल: उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कहा कि उसने 'सामरिक निर्देशित मिसाइलों' (tactical guided missiles) का परीक्षण किया. दक्षिण कोरिया की सेना ने एक दिन पहले ही उत्तर कोरिया की दो बैलिस्टिक मिसाइलों का समुद्र में प्रक्षेपण (fires two ballistic missiles into the sea ) किए जाने की बात कही थी. उत्तर कोरिया का सोमवार को किया गया परीक्षण उसके द्वारा इस महीने किया गया चौथा मिसाइल प्रक्षेपण था. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के उसके हालिया परीक्षण को लेकर नए प्रतिबंध लगाने के खिलाफ उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी और उसके बाद से यह दूसरा परीक्षण था.
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन, अमेरिका और पड़ोसी देशों से रियायतें हासिल करने के लिए उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि इस समय उनका देश बदहाल अर्थव्यवस्था और कोविड-19 वैश्विक महामारी से जुड़ी कठिनाइयों का सामना कर रहा है. उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार समिति ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने कहा कि इस परीक्षण का लक्ष्य उन मिसाइलों का मूल्यांकन करना था, जो तैयार हैं और तैनात की जा चुकी हैं.
एजेंसी ने बताया कि प्रणाली की 'सटीकता, सुरक्षा और दक्षता' की पुष्टि करने के लिए मिसाइलों को समुद्र में दागा गया. खबर में मिसाइलें किस प्रकार की थी, यह स्पष्ट नहीं किया गया. ‘सियोल यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कोरियन स्टडीज़’ के प्रोफेसर किम डोंग-यूब ने कहा कि सरकारी मीडिया द्वारा दिखाई जा रहीं तस्वीरों से प्रतीत होता है कि उत्तर कोरिया ने कम-दूरी वाले हथियार का परीक्षण किया है, जो ‘यू.एस. एमजीएम-140 आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम’ के समान दिखता है.
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मिसाइल का परीक्षण उत्तर कोरिया के कम दूरी के हथियारों की संख्या को बढ़ाने के कार्यक्रम का हिस्सा था. इसके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इसका उद्देश्य उत्तर एशिया में मिसाइल सुरक्षा को बढ़ाना है. उत्तर कोरिया के ताजा मिसाइल परीक्षणों के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन ने पिछले सप्ताह एशियाई देश के पांच अधिकारियों पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे और कहा था कि वह संयुक्त राष्ट्र से उत्तर कोरिया पर और प्रतिबंध लगाने का आग्रह करेंगे. वहीं, उत्तर कोरिया ने इस कार्रवाई के बाद प्रशासन पर निशाना साधते हुए चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका अपने ‘टकराव वाले रुख’ पर कायम रहता है, तो उसके खिलाफ कड़ी एवं स्पष्ट कार्रवाई की जाएगी.
(पीटीआई-भाषा)