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ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ की फंडिंग रोकी, कोरोना वायरस प्रसार में भूमिका की होगी जांच - कोरोना वायरस

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दी जाने वाली सालाना 50 करोड़ डॉलर तक की अमेरिकी धनराशि को रोकने की घोषणा की है. चीन में कोरोना वायरस के प्रसार को गलत तरीके से संभालने और छिपाने को लेकर अमेरिका डब्ल्यूएचओ की जांच भी करेगा. पढ़ें विस्तार से...

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
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Published : Apr 15, 2020, 9:11 AM IST

Updated : Apr 15, 2020, 7:47 PM IST

वॉशिंगटन : कोरोना वायरस महामारी के चीन में पहली बार सामने आने के बाद से इस बीमारी के 'गंभीर रूप से कुप्रबंधन और इसे छिपाने' में उसकी भूमिका की समीक्षा की जा रही है. जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार कोरोना वायरस, जो नवंबर में मध्य चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में उत्पन्न हुआ था, उसके चलते अब तक अमेरिका में 25,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दुनिया भर में कम से कम 1.19 लाख लोग मारे गए हैं.

ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में महामारी पर अपने दैनिक संवाददाता सम्मलेन में कहा, 'आज मैं अपने प्रशासन को विश्व स्वास्थ्य संगठन के वित्त पोषण को रोकने का निर्देश दे रहा हूं, साथ ही कोरोना वायरस के प्रसार में गंभीर कुप्रबंधन और इसे छिपाने की कोशिश के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका की समीक्षा की जा रही है. हर कोई जानता है कि वहां क्या हुआ.'

ट्रंप और उनके वरिष्ठ अधिकारी इससे पहले भी जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगा चुके हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने डब्ल्यूएचओ की आलोचना करते हुए कहा है कि संगठन को कार्रवाई करने से महीनों पहले कोरोना वायरस के खतरों के बारे में पता था.

ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी करदाता हर साल 40 करोड़ से 50 करोड़ डालर तक डब्ल्यूएचओ को देते हैं, जबकि चीन एक साल में लगभग चार करोड़ डॉलर का योगदान देता है या इससे भी कम. उन्होंने कहा कि संगठन के प्रमुख प्रायोजक के रूप में अमेरिका का यह कर्तव्य है कि वह डब्ल्यूटीओ की पूर्ण जवाबदेही तय करे.

उन्होंने कहा कि दुनिया डब्ल्यूएचओ पर निर्भर है कि वह देशों के साथ काम करे ताकि अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य खतरों के बारे में सटीक जानकारी समय पर साझा की जाए. उन्होंने कहा, 'डब्ल्यूएचओ इस मूल कर्तव्य में विफल रहा और उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.'

गौरतलब है कि अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश रहा है. इस वायरस के फैलने के बाद से देश में 25,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कम से कम 594,207 इस वायरस के संक्रमित हैं.

पढ़ें- ट्रम्प ने दिया संकेत: कोरोना पर चीन की गलत सूचना के भुगतने होंगे दुष्परिणाम

डब्ल्यूएचओ की चीन के साथ कथित मिलीभगत के लिए विश्व स्तर पर आलोचना की जा रही है, जिसके कारण कोरोना वायरस महामारी में तब्दील हो गया और अब तक इससे विश्वभर में सवा लाख से ज्यादा जानें जा चुकी हैं.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से अब तक विश्वभर में करीब 19 लाख लोग प्रभावित हैं, वहीं 1.26 लाख से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है.

वॉशिंगटन : कोरोना वायरस महामारी के चीन में पहली बार सामने आने के बाद से इस बीमारी के 'गंभीर रूप से कुप्रबंधन और इसे छिपाने' में उसकी भूमिका की समीक्षा की जा रही है. जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार कोरोना वायरस, जो नवंबर में मध्य चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में उत्पन्न हुआ था, उसके चलते अब तक अमेरिका में 25,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दुनिया भर में कम से कम 1.19 लाख लोग मारे गए हैं.

ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में महामारी पर अपने दैनिक संवाददाता सम्मलेन में कहा, 'आज मैं अपने प्रशासन को विश्व स्वास्थ्य संगठन के वित्त पोषण को रोकने का निर्देश दे रहा हूं, साथ ही कोरोना वायरस के प्रसार में गंभीर कुप्रबंधन और इसे छिपाने की कोशिश के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका की समीक्षा की जा रही है. हर कोई जानता है कि वहां क्या हुआ.'

ट्रंप और उनके वरिष्ठ अधिकारी इससे पहले भी जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगा चुके हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने डब्ल्यूएचओ की आलोचना करते हुए कहा है कि संगठन को कार्रवाई करने से महीनों पहले कोरोना वायरस के खतरों के बारे में पता था.

ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी करदाता हर साल 40 करोड़ से 50 करोड़ डालर तक डब्ल्यूएचओ को देते हैं, जबकि चीन एक साल में लगभग चार करोड़ डॉलर का योगदान देता है या इससे भी कम. उन्होंने कहा कि संगठन के प्रमुख प्रायोजक के रूप में अमेरिका का यह कर्तव्य है कि वह डब्ल्यूटीओ की पूर्ण जवाबदेही तय करे.

उन्होंने कहा कि दुनिया डब्ल्यूएचओ पर निर्भर है कि वह देशों के साथ काम करे ताकि अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य खतरों के बारे में सटीक जानकारी समय पर साझा की जाए. उन्होंने कहा, 'डब्ल्यूएचओ इस मूल कर्तव्य में विफल रहा और उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.'

गौरतलब है कि अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश रहा है. इस वायरस के फैलने के बाद से देश में 25,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कम से कम 594,207 इस वायरस के संक्रमित हैं.

पढ़ें- ट्रम्प ने दिया संकेत: कोरोना पर चीन की गलत सूचना के भुगतने होंगे दुष्परिणाम

डब्ल्यूएचओ की चीन के साथ कथित मिलीभगत के लिए विश्व स्तर पर आलोचना की जा रही है, जिसके कारण कोरोना वायरस महामारी में तब्दील हो गया और अब तक इससे विश्वभर में सवा लाख से ज्यादा जानें जा चुकी हैं.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से अब तक विश्वभर में करीब 19 लाख लोग प्रभावित हैं, वहीं 1.26 लाख से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है.

Last Updated : Apr 15, 2020, 7:47 PM IST
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