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नागरिकों को 'सुरक्षित जाने' देने पर राजी हुआ तालिबान : व्हाइट हाउस

तालिबान काबुल से अमेरिका के विमानों से बाहर जाने के लिए नागरिकों को सुरक्षित जाने देने के लिए तैयार हो गया है. यह जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मंगलवार को दी.

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Published : Aug 18, 2021, 10:05 AM IST

व्हाइट हाउस
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वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मंगलवार को कहा कि तालिबान काबुल से अमेरिका के विमानों से बाहर जाने के लिए संघर्ष कर रहे नागरिकों को अफगानिस्तान से 'सुरक्षित जाने' देने के लिए राजी हो गया है. हालांकि अमेरिकी, अफगान एवं अन्य देशों के नागरिकों को बाहर निकालने की समयसीमा पर अभी देश के नए शासकों से बातचीत नहीं हुई है.

जैक सुलिवान ने उन खबरों का जिक्र किया कि काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचने की कोशिश करते हुए कुछ नागरिकों को रोका गया, उन्हें वापस भेजा गया या कुछ को तो पीटा भी गया. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग हवाईअड्डे पर पहुंच रहे हैं.

पेंटागन के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को रुकावटों के बाद विमानों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया गया है और मौसम की दिक्कतों के बावजूद इसे तेज कर दिया गया है. अतिरिक्त अमेरिकी बल पहुंच गए हैं तथा और सैनिक रास्ते में हैं. आने वाले दिनों में हवाईअड्डे को सुरक्षित करने में 6,000 से अधिक सैनिकों के शामिल होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें - काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान के साथ समन्वय कर रही अमेरिकी सेना : पेंटागन

पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि अमेरिकी कमांडरों ने हवाईअड्डे पर झड़प से बचने को लेकर 'एक दिन में कई बार' तालिबानी कमांडरों से बात की. इससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिका के समर्थन वाली काबुल सरकार के खिलाफ 20 वर्षों तक संघर्ष के बाद सत्ता में आए अफगानिस्तान के नए शासकों की नागरिकों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को बाधित करने की योजना नहीं है.

सुलिवान ने बताया कि तालिबान लोगों को बाहर निकालने के लिए कितना वक्त देगा, इस पर अभी बातचीत हो रही है. बाइडेन ने कहा कि वह 31 अगस्त तक इसे पूरा करना चाहते हैं.

काबुल में अमेरिकी सेना के कमांडर जनरल फ्रैंक मैक्केंजी ने मंगलवार को अफगानिस्तान की राजधानी की अघोषित यात्रा की. उन्होंने दोहा में रविवार को तालिबानी नेताओं के साथ नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के समझौते पर वार्ता की.

यह पूछे जाने पर कि क्या बाइडेन प्रशासन तालिबान को अफगानिस्तान के वैध शासक की मान्यता देता है, इस पर सुलिवान ने कहा कि यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी और तालिबान का अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के मानकों का पालन करना का रिकॉर्ड 'अच्छा नहीं रहा है.'

ये भी पढ़ें - जमीनी सैन्य उपस्थिति के बिना आतंकवाद को कुचल सकता है अमेरिका

सेना के मेजर जनरल विलियम टेलर ने पेंटागन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रातभर में हवाईअड्डे से वायु सेना के नौ सी-17 विमान साजोसामान और करीब 1,000 सैनिकों को लेकर पहुंचे तथा सात सी-17 विमान 700-800 नागरिकों को लेकर आए.

इस बीच अमेरिका के कुछ दंपति अफगान बच्चों को गोद लेने और उन्हें अपने साथ अमेरिका ले जाने की जद्दोजहद में हैं. विदेश विभाग के अनुसार, बच्चा गोद लेने के लिए अफगान पारिवारिक अदालत से अनुमति लेनी होती है और इसके बाद बच्चे को अमेरिका लाया जा सकता है लेकिन तालिबान के शासन में ऐसा होना मुश्किल नजर आ रहा है.

ऐसा ही एक दंपति बहाउदीन मुज्तबा और उनकी पत्नी लीजा 10 साल के अफगान लड़के को गोद लेना चाहते हैं. वे पांच साल पहले इस बच्चे से मिले थे और उसकी मां की कैंसर से मौत हो गयी थी तथा उसका पिता उसकी देखभाल करने में असमर्थ था.

विदेश विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अन्य देशों के मुकाबले अफगानिस्तान से बच्चे गोद देने की दर काफी कम है. 1999 से 2019 तक अमेरिकी परिवारों ने 41 अफगान बच्चों को गोद लिया.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मंगलवार को कहा कि तालिबान काबुल से अमेरिका के विमानों से बाहर जाने के लिए संघर्ष कर रहे नागरिकों को अफगानिस्तान से 'सुरक्षित जाने' देने के लिए राजी हो गया है. हालांकि अमेरिकी, अफगान एवं अन्य देशों के नागरिकों को बाहर निकालने की समयसीमा पर अभी देश के नए शासकों से बातचीत नहीं हुई है.

जैक सुलिवान ने उन खबरों का जिक्र किया कि काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचने की कोशिश करते हुए कुछ नागरिकों को रोका गया, उन्हें वापस भेजा गया या कुछ को तो पीटा भी गया. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग हवाईअड्डे पर पहुंच रहे हैं.

पेंटागन के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को रुकावटों के बाद विमानों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया गया है और मौसम की दिक्कतों के बावजूद इसे तेज कर दिया गया है. अतिरिक्त अमेरिकी बल पहुंच गए हैं तथा और सैनिक रास्ते में हैं. आने वाले दिनों में हवाईअड्डे को सुरक्षित करने में 6,000 से अधिक सैनिकों के शामिल होने की उम्मीद है.

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पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि अमेरिकी कमांडरों ने हवाईअड्डे पर झड़प से बचने को लेकर 'एक दिन में कई बार' तालिबानी कमांडरों से बात की. इससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिका के समर्थन वाली काबुल सरकार के खिलाफ 20 वर्षों तक संघर्ष के बाद सत्ता में आए अफगानिस्तान के नए शासकों की नागरिकों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को बाधित करने की योजना नहीं है.

सुलिवान ने बताया कि तालिबान लोगों को बाहर निकालने के लिए कितना वक्त देगा, इस पर अभी बातचीत हो रही है. बाइडेन ने कहा कि वह 31 अगस्त तक इसे पूरा करना चाहते हैं.

काबुल में अमेरिकी सेना के कमांडर जनरल फ्रैंक मैक्केंजी ने मंगलवार को अफगानिस्तान की राजधानी की अघोषित यात्रा की. उन्होंने दोहा में रविवार को तालिबानी नेताओं के साथ नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के समझौते पर वार्ता की.

यह पूछे जाने पर कि क्या बाइडेन प्रशासन तालिबान को अफगानिस्तान के वैध शासक की मान्यता देता है, इस पर सुलिवान ने कहा कि यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी और तालिबान का अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के मानकों का पालन करना का रिकॉर्ड 'अच्छा नहीं रहा है.'

ये भी पढ़ें - जमीनी सैन्य उपस्थिति के बिना आतंकवाद को कुचल सकता है अमेरिका

सेना के मेजर जनरल विलियम टेलर ने पेंटागन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रातभर में हवाईअड्डे से वायु सेना के नौ सी-17 विमान साजोसामान और करीब 1,000 सैनिकों को लेकर पहुंचे तथा सात सी-17 विमान 700-800 नागरिकों को लेकर आए.

इस बीच अमेरिका के कुछ दंपति अफगान बच्चों को गोद लेने और उन्हें अपने साथ अमेरिका ले जाने की जद्दोजहद में हैं. विदेश विभाग के अनुसार, बच्चा गोद लेने के लिए अफगान पारिवारिक अदालत से अनुमति लेनी होती है और इसके बाद बच्चे को अमेरिका लाया जा सकता है लेकिन तालिबान के शासन में ऐसा होना मुश्किल नजर आ रहा है.

ऐसा ही एक दंपति बहाउदीन मुज्तबा और उनकी पत्नी लीजा 10 साल के अफगान लड़के को गोद लेना चाहते हैं. वे पांच साल पहले इस बच्चे से मिले थे और उसकी मां की कैंसर से मौत हो गयी थी तथा उसका पिता उसकी देखभाल करने में असमर्थ था.

विदेश विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अन्य देशों के मुकाबले अफगानिस्तान से बच्चे गोद देने की दर काफी कम है. 1999 से 2019 तक अमेरिकी परिवारों ने 41 अफगान बच्चों को गोद लिया.

(पीटीआई-भाषा)

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