लिमा : लैटिन अमेरिकी देश पेरू में जारी राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा (Martin Vizccara) ने राष्ट्रपति भवन छोड़ने की घोषणा की है. विजकारा ने सोमवार को कहा कि आज मैं सरकारी महल छोड़ रहा हूं. मैं अपने घर जा रहा हूं.
उत्तराधिकार श्रंखला के अनुसार, विधायिका का प्रमुख उनकी जगह लेगा. मंगलवार सुबह (स्थानीय समयानुसार) नए नेता को शपथ दिलाने के लिए समारोह का आयोजन किया जाएगा.
बता दें कि पेरू के सांसदों ने राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा पर महाभियोग चलाने के लिए सोमवार रात मतदान किया. सांसदों का आरोप है कि राष्ट्रपति ने वर्षों पहले रिश्वत ली थी और वह कोविड-19 महामारी से कुशलता से निपटने में नाकाम रहे हैं.
हालांकि, विजकारा इस महाभियोग का रुख पलटने की बजाय खुद सरकारी महल छोड़ दिया.
सोमवार को पेरू की राजधानी लिमा में हजारों लोग सड़कों पर उतर पर राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.
वहीं, पेरू के कई नेताओं ने राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा को हटाने की निंदा की है. कुछ नेताओं ने कहा है कि किसी भी नए राष्ट्रपति को गैर-कानूनी माना जाएगा.
पेरू में कोविड-19 के प्रति व्यक्ति मृत्यु दर दुनिया में सबसे ज्यादा है और देश महामारी से जूझ रहा है और ऐसे में राजनीतिक गतिरोध का एक और नया अध्याय शुरू हो गया है.
इससे पहले राष्ट्रपति ने संसद में आरोप से इनकार किया था, लेकिन सांसदों का कहना है कि उन्हें राष्ट्रपति पर भरोसा नहीं है. सांसदों ने उन पर वायरस से निपटने, देश में बढ़ती गरीबी, ऑक्सीजन की भयानक कमी और त्वरित एंटीबॉडी जांच में खामियों को लेकर भी निशाना साधा.
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विजकारा पर विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया है कि वह जब दक्षिणी पेरू के एक छोटे से राज्य में 2011 से 2014 के बीच गवर्नर थे, तो उन्होंने दो निर्माण परियोजनाओं के बदले 6,30,000 अमेरिकी डॉलर की राशि रिश्वत में ली थी.