वॉशिंगटन : अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने बुधवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को अफगानिस्तान में पैदा स्थिति के बारे में जानकारी दी. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
बाइडेन और हैरिस के अलावा, बैठक में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले (Mark Milley), नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक एवरिल डैनिका हैन्स, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
अधिकारी ने कहा कि ब्रीफिंग के दौरान, उन्होंने अमेरिकी नागरिकों की निकासी में तेजी लाने, अफगान नागरिकों के लिए विशेष अप्रवासी वीजा और हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए सुरक्षित मार्ग की सुविधा के प्रयासों पर चर्चा की.
अधिकारी ने कहा, 'राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और उनकी टीम ने ISIS-K सहित अफगानिस्तान में किसी भी संभावित आतंकवादी खतरे की निगरानी पर ध्यान केंद्रित करने पर भी चर्चा की.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने और उनकी सरकार गिरने के बाद बीते रविवार को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया. जिसके बाद से अमेरिका तथा कई अन्य देश अपने नागरिकों और देश छोड़ने के इच्छुक अफगान नागरिकों को वहां से निकालने की कोशिश में लगे हैं.
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अमेरिका ने अपने नागरिकों की तेजी से निकासी सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त 6,000 सैनिकों को काबुल भेजा है. अमेरिकी सरकार ने कहा है कि आने वाले दिनों में हजारों अमेरिकी नागरिकों, स्थानीय दूतावास के कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ-साथ शरण लेने वाले अफगान नागरिकों को एयरलिफ्ट किया जाएगा.
राष्ट्रपति बाइडेन ने सोमवार को अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के अपने फैसले का बचाव करते हुए अफगान नेतृत्व को बिना किसी संघर्ष के तालिबान को सत्ता सौंपने के लिए जिम्मेदार ठहराया था.
उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा था, मैं अपने फैसले के साथ पूरी तरह हूं. मैंने 20 वर्षों के बाद यह सीखा कि अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का कभी अच्छा समय नहीं आया, इसलिए हम अभी तक वहां थे. हम जोखिमों को लेकर स्पष्ट थे. हमने हर आकस्मिक स्थिति की योजना बनाई लेकिन मैंने अमेरिकी लोगों से हमेशा वादा किया कि मैं आपसे बिल्कुल स्पष्ट बात करूंगा.