ख़ार्तूम : सूडान में इस वक्त राजनीतिक संकट आया हुआ है. देश में तख्तापलट होते ही लोग सड़कों पर आ गए है. सत्ता में नए नेता के आने से लोग विरोध प्रदर्शन कर रहें है और चाहते है कि देश में सैन्य शासन नहीं बल्कि नागरिक शासन हो.
बता दें कि सेना ने गुरुवार को इस देश पर 30 साल से तक राज करने वाले राष्ट्रपति उमर अल-बशीर का तख्तापलट कर दिया था. इसके अलावा सेना ने दो साल के लिए सैन्य शासन की घोषणा भी कर दी थी और कहा था कि इसके बाद ही चुनाव कराए जाएंगे.
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तेजी से बदलते राजनीतिक हालात के चलते वहां के रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख अवद इब्ने औफ ने इस्तीफा दे दिया. गौरतलब है कि बशीर को हटाने के बाद अवाद इब्न औफ ने बागडोर संभाली थी. लेकिन उनके इस्तीफे के बाद अवाद ने लेफ़्टिनेंट जनरल अब्दुल फ़तह अब्दुर्रहमान बुरहान को देश की बागडौर सौंप दी है. सूडान के लोगों को यह तख़्तापलट मंज़ूर नहीं है क्योंकि उनका कहना है कि इसकी अगुवाई करने वाले नेता बशीर के क़रीबी हैं.
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इन सब के बाद सेना ने देश में आपातकाल घोषित किया और रातो रात कफ्र्यू भी लगा दिया लेकिन बावजूद इसके लोगों ने सेना मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन जारी रखा.
प्रदर्शन की एक वजह यह भी है कि सेना ने एलान किया है कि सूडान में दो साल बाद चुनाव कराने पर विचार होगा और तब तक देश की कमान सेना के हाथ में ही रहेगी. इस बात को लेकर आम जनता भड़क गई और विरोध प्रदर्शन पर उचर आई.