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मां के बिना जीवन की कल्पना अधूरी: राज्यपाल - मदर्स डे

राजधानी लखनऊ में मदर्स-डे पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आम्बा फाउंडेशन की तरफ से आयोजित वेबिनार को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कोरोना काॅल में लॉकडाउन के कारण हम सभी का अधिकांश समय घर पर ही मां की छांव में बीतता है. इसलिए बच्चों का दायित्व बनता है कि वह ऐसा कुछ करें जिससे मां अच्छा अनुभव करें.

वेबिनार को संबोधित करतीं राज्यपाल
वेबिनार को संबोधित करतीं राज्यपाल
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Published : May 9, 2021, 5:56 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मातृ दिवस पर आम्बा फाउंडेशन की तरफ से आयोजित वेबिनार को राजभवन से संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में माता को मातृ देवो भवः कहा गया है. अर्थात मां का स्थान भगवान से ऊपर है. कहा कि मां की गोद बच्चे के लिए दुनिया का सबसे सुरक्षित स्थान है. अत: मां के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है.

बच्चे भी दे सकते हैं इस तरह से मां को खुशी

राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश महान संस्कृति और परंपराओं का देश है जहां लोग अपनी मां को प्राथमिकता देते हैं. हम सभी अपनी मां के प्यार, देखभाल, कड़ी मेहनत और प्रेरणादायक विचारों को महसूस करते हैं. कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण हम सभी का अधिकांश समय घर पर ही मां की छांव में बीतता है. इसलिए बच्चों का दायित्व है कि वह ऐसा कुछ करें जिससे मां अच्छा अनुभव करें. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बच्चे मां की पसंद का खाना बना सकते हैं, उनके कार्यों में मदद कर सकते हैं. उनके लिए सुंदर सा गिफ्ट तैयार कर सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- रेलवे के इंडोर अस्पताल में अब नहीं होगी ऑक्सीजन की किलल्त

मां की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता

राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के दौरान मां की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता. माताएं भी कोरोना महामारी के दौरान एक साथ रह रहे परिवार को टीम भावना के साथ कार्य करने बच्चों को उनके हुनर के हिसाब से काम करने और संकट के इस समय में धैर्य, संयम एवं साहस से कार्य करने की सीख दे सकती हैं. एक मां भी कोरोना वालंटियर की भूमिका में सदैव परिवार के लिए तैयार रहती है. इस दृष्टि से मातृत्व की भावना को सलाम किया जाना चाहिए.

जो महिलाएं अंतिम संस्कार में कर रहीं सहयोग, उनका करें सम्मान

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपील की कि कोविड-19 की दूसरी लहर का दौर अभी थमा नहीं है. इसलिए वैक्सीनेशन के कार्य में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें और कोविड सुरक्षा मानकों का स्वयं पालन करें. अपने परिवार, समाज को भी इसके लिये प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में श्मशान घाटों पर जो महिलाएं अंतिम संस्कार में सहयोग कर रही हैं, उनका भी सम्मान किया जाना चाहिए.

ऑनलाइन जुड़ीं महापौर और सांसद

इस अवसर पर सांसद रीता बहुगुणा जोशी, महापौर संयुक्ता भाटिया, आम्बा फाउंडेशन की संस्थापिका विनीता बक्शी, फिक्की लखनऊ चैप्टर की चेयरपर्सन आरुषी टंडन, फैशन डिजाइनर अस्मा हुसैन, सामाजिक कार्यकर्ता हिना हैदर रिजवी, आम्बा फाउंडेशन के सदस्य संदीप भार्गव और हसन याकूब सहित अन्य लोग भी ऑनलाइन जुड़े.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मातृ दिवस पर आम्बा फाउंडेशन की तरफ से आयोजित वेबिनार को राजभवन से संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में माता को मातृ देवो भवः कहा गया है. अर्थात मां का स्थान भगवान से ऊपर है. कहा कि मां की गोद बच्चे के लिए दुनिया का सबसे सुरक्षित स्थान है. अत: मां के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है.

बच्चे भी दे सकते हैं इस तरह से मां को खुशी

राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश महान संस्कृति और परंपराओं का देश है जहां लोग अपनी मां को प्राथमिकता देते हैं. हम सभी अपनी मां के प्यार, देखभाल, कड़ी मेहनत और प्रेरणादायक विचारों को महसूस करते हैं. कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण हम सभी का अधिकांश समय घर पर ही मां की छांव में बीतता है. इसलिए बच्चों का दायित्व है कि वह ऐसा कुछ करें जिससे मां अच्छा अनुभव करें. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बच्चे मां की पसंद का खाना बना सकते हैं, उनके कार्यों में मदद कर सकते हैं. उनके लिए सुंदर सा गिफ्ट तैयार कर सकते हैं.

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मां की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता

राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के दौरान मां की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता. माताएं भी कोरोना महामारी के दौरान एक साथ रह रहे परिवार को टीम भावना के साथ कार्य करने बच्चों को उनके हुनर के हिसाब से काम करने और संकट के इस समय में धैर्य, संयम एवं साहस से कार्य करने की सीख दे सकती हैं. एक मां भी कोरोना वालंटियर की भूमिका में सदैव परिवार के लिए तैयार रहती है. इस दृष्टि से मातृत्व की भावना को सलाम किया जाना चाहिए.

जो महिलाएं अंतिम संस्कार में कर रहीं सहयोग, उनका करें सम्मान

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपील की कि कोविड-19 की दूसरी लहर का दौर अभी थमा नहीं है. इसलिए वैक्सीनेशन के कार्य में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें और कोविड सुरक्षा मानकों का स्वयं पालन करें. अपने परिवार, समाज को भी इसके लिये प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में श्मशान घाटों पर जो महिलाएं अंतिम संस्कार में सहयोग कर रही हैं, उनका भी सम्मान किया जाना चाहिए.

ऑनलाइन जुड़ीं महापौर और सांसद

इस अवसर पर सांसद रीता बहुगुणा जोशी, महापौर संयुक्ता भाटिया, आम्बा फाउंडेशन की संस्थापिका विनीता बक्शी, फिक्की लखनऊ चैप्टर की चेयरपर्सन आरुषी टंडन, फैशन डिजाइनर अस्मा हुसैन, सामाजिक कार्यकर्ता हिना हैदर रिजवी, आम्बा फाउंडेशन के सदस्य संदीप भार्गव और हसन याकूब सहित अन्य लोग भी ऑनलाइन जुड़े.

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