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श्वसन तंत्र को रखना है मजबूत तो जरूर करें ये योग

कोरोना महामारी में निरोग रहने के लिए लोग योग का सहारा ले रहे हैं. योग के कई आसन सांस संबंधी तकलीफों को दूर करने में कारगर हैं. अगर आप भी श्वसन तंत्र को मजबूत करना चाहते हैं, तो इन योगासनों को रोजाना करें.

योगमुद्रा
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Published : Apr 27, 2021, 7:12 AM IST

लखनऊ: कोरोना काल में सेहतमंद रहने के लिए लोग योग कर रहे हैं. सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉ. एस देव बताते हैं कि दुनियाभर में लोग योग को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं. रोजाना लोग सुबह और शाम योग करते हैं. इससे शारीरिक और मानसिक सेहत पर अनुकूल असर पड़ता है.

विशेषज्ञों की मानें तो योग करने से व्यक्ति हमेशा निरोग रह सकता है. योग के कई साधन हैं. इनमें कई आसन सांस संबंधी तकलीफों को दूर करने में कारगर हैं. अगर आप भी श्वसन तंत्र को मजबूत करना चाहते हैं, तो इन योगासनों को रोजाना करें.

उज्जायी प्राणायाम करें

यह संस्कृत के शब्द उज्जायी से मिलकर बना है. हिंदी में इसका अर्थ 'जीत' होता है. इस योग को करने से एकाग्रता बढ़ती है और चिंता दूर होती है. साथ ही फेफड़े भी सुचारु रूप से काम करने लगते हैं. इस योग में गहरी सांस लेकर छोड़ी जाती है. रोजाना उज्जायी प्राणायाम करने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है.

कपालभाति

यह प्राणायाम का हिस्सा है. यह हिंदी के दो शब्दों कपाल अर्थात ललाट और भाति अर्थात चमक से बना है. इस योग में सांस को लंबे समय तक रोकने की कोशिश की जाती है. साथ ही पेट और फेफड़ों की मदद से सांस को बाहर छोड़ा जाता है. इससे फेफड़ों की शुद्धि होती है. इस योग को करने से पाचन और श्वसन तंत्र मजबूत होता है.

भस्त्रिका प्राणायाम करें

भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का संचार तीव्र गति से होता है, जबकि कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर कम होता है, इससे हृदय रोग दूर होता है. इस योग को करने से सांस और गले से संबंधित सभी तकलीफें दूर हो जाती हैं. इसके लिए स्वच्छ वातावरण में पद्मानस की मुद्रा में बैठ जाएं. इसके बाद अपनी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें. शरीर झुका और ढीला-ढाला न हो. इसके बाद लंबी सांस लें और फेफड़े में वायु को भर जाने दें. इसके बाद एकबार में तेजी से सांस छोड़ें. इस आसन को एक बार में कम से कम 10 बार जरूर करें.

इसे भी पढ़ें- हर जिले की दो सीएचसी पर आईसीयू, जिला अस्पतालों में लगेगा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

लखनऊ: कोरोना काल में सेहतमंद रहने के लिए लोग योग कर रहे हैं. सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉ. एस देव बताते हैं कि दुनियाभर में लोग योग को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं. रोजाना लोग सुबह और शाम योग करते हैं. इससे शारीरिक और मानसिक सेहत पर अनुकूल असर पड़ता है.

विशेषज्ञों की मानें तो योग करने से व्यक्ति हमेशा निरोग रह सकता है. योग के कई साधन हैं. इनमें कई आसन सांस संबंधी तकलीफों को दूर करने में कारगर हैं. अगर आप भी श्वसन तंत्र को मजबूत करना चाहते हैं, तो इन योगासनों को रोजाना करें.

उज्जायी प्राणायाम करें

यह संस्कृत के शब्द उज्जायी से मिलकर बना है. हिंदी में इसका अर्थ 'जीत' होता है. इस योग को करने से एकाग्रता बढ़ती है और चिंता दूर होती है. साथ ही फेफड़े भी सुचारु रूप से काम करने लगते हैं. इस योग में गहरी सांस लेकर छोड़ी जाती है. रोजाना उज्जायी प्राणायाम करने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है.

कपालभाति

यह प्राणायाम का हिस्सा है. यह हिंदी के दो शब्दों कपाल अर्थात ललाट और भाति अर्थात चमक से बना है. इस योग में सांस को लंबे समय तक रोकने की कोशिश की जाती है. साथ ही पेट और फेफड़ों की मदद से सांस को बाहर छोड़ा जाता है. इससे फेफड़ों की शुद्धि होती है. इस योग को करने से पाचन और श्वसन तंत्र मजबूत होता है.

भस्त्रिका प्राणायाम करें

भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का संचार तीव्र गति से होता है, जबकि कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर कम होता है, इससे हृदय रोग दूर होता है. इस योग को करने से सांस और गले से संबंधित सभी तकलीफें दूर हो जाती हैं. इसके लिए स्वच्छ वातावरण में पद्मानस की मुद्रा में बैठ जाएं. इसके बाद अपनी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें. शरीर झुका और ढीला-ढाला न हो. इसके बाद लंबी सांस लें और फेफड़े में वायु को भर जाने दें. इसके बाद एकबार में तेजी से सांस छोड़ें. इस आसन को एक बार में कम से कम 10 बार जरूर करें.

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