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पद्म विभूषण की घोषणा के बाद पंडित छन्नूलाल मिश्र बोले- कठिन तपस्या का सम्मान मिला है

देश के शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को शनिवार को देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से नवाजे जाने की घोषणा की गई है. 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपने जीवन के संघर्षों को याद करके भारत सरकार को धन्यवाद दिया.

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Published : Jan 25, 2020, 11:01 PM IST

Updated : Nov 8, 2021, 1:02 PM IST

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पद्म विभूषण की घोषणा के बाद बोले पंडित छन्नूलाल मिश्र

वाराणसी: देश के ख्याति प्राप्त शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को शनिवार को देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से नवाजे जाने की घोषणा की गई है. देश में 7 हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा जाएगा. 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर उन्हें यह सम्मान दिए जाने की घोषणा के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की और खुशी के इस पल को साझा किया.

गायक पंडित छन्नूलाल ने देश की सरकार और लोगों को 26 जनवरी की शुभकामना देने के साथ ही बहुत-बहुत बधाई दी और अपने जीवन के संघर्ष की कहानी को भी बयां किया. 2010 में पंडित छन्नूलाल मिश्र को पद्मभूषण और 2012-13 में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यश भारती सम्मान पहले ही दिया जा चुका है. उसके बाद शनिवार को पद्म विभूषण की घोषणा के बाद उनके घर में खुशी की लहर दौड़ गई है.

पद्म विभूषण की घोषणा के बाद बोले पंडित छन्नूलाल मिश्र.

पंडित छन्नूलाल मिश्र ने भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा, कि मैं पूरे देशवासियों को आशीर्वाद देता हूं और सभी का आभार व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि यह हमारी कठिन तपस्या का फल है. उन्होंने कहा 'काशी कबहु ना छोड़िए विश्वनाथ दरबार'. पंडित छन्नूलाल मिश्र का कहना है कि मुझे काशी अतिप्रिय है और मैंने काशी को अभी तक नहीं छोड़ा. यही नतीजा है कि बाबा विश्वनाथ और मेरे गुरु महाराज ने मुझे यह सम्मान दिलवाया.

पंडित छन्नूलाल मिश्र ने 26 जनवरी के मौके पर अपने अंदाज में गीत प्रस्तुत कर उन शहीद जवानों को भी नमन किया, जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान न्यौछावर कर दी. पंडित छन्नूलाल मिश्र ने चार पंक्तियों के गीत को गाकर 26 जनवरी के मौके पर निश्चित तौर पर एक संदेश भी देने की कोशिश भी की है. पंडित छन्नूलाल मिश्र इस सम्मान के बाद बेहद खुश हैं और घर आने वाले हर व्यक्ति को मिठाई खिलाकर सभी का आभार व्यक्त कर रहे हैं.

वाराणसी: देश के ख्याति प्राप्त शास्त्रीय संगीत गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र को शनिवार को देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से नवाजे जाने की घोषणा की गई है. देश में 7 हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा जाएगा. 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर उन्हें यह सम्मान दिए जाने की घोषणा के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की और खुशी के इस पल को साझा किया.

गायक पंडित छन्नूलाल ने देश की सरकार और लोगों को 26 जनवरी की शुभकामना देने के साथ ही बहुत-बहुत बधाई दी और अपने जीवन के संघर्ष की कहानी को भी बयां किया. 2010 में पंडित छन्नूलाल मिश्र को पद्मभूषण और 2012-13 में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यश भारती सम्मान पहले ही दिया जा चुका है. उसके बाद शनिवार को पद्म विभूषण की घोषणा के बाद उनके घर में खुशी की लहर दौड़ गई है.

पद्म विभूषण की घोषणा के बाद बोले पंडित छन्नूलाल मिश्र.

पंडित छन्नूलाल मिश्र ने भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा, कि मैं पूरे देशवासियों को आशीर्वाद देता हूं और सभी का आभार व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि यह हमारी कठिन तपस्या का फल है. उन्होंने कहा 'काशी कबहु ना छोड़िए विश्वनाथ दरबार'. पंडित छन्नूलाल मिश्र का कहना है कि मुझे काशी अतिप्रिय है और मैंने काशी को अभी तक नहीं छोड़ा. यही नतीजा है कि बाबा विश्वनाथ और मेरे गुरु महाराज ने मुझे यह सम्मान दिलवाया.

पंडित छन्नूलाल मिश्र ने 26 जनवरी के मौके पर अपने अंदाज में गीत प्रस्तुत कर उन शहीद जवानों को भी नमन किया, जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान न्यौछावर कर दी. पंडित छन्नूलाल मिश्र ने चार पंक्तियों के गीत को गाकर 26 जनवरी के मौके पर निश्चित तौर पर एक संदेश भी देने की कोशिश भी की है. पंडित छन्नूलाल मिश्र इस सम्मान के बाद बेहद खुश हैं और घर आने वाले हर व्यक्ति को मिठाई खिलाकर सभी का आभार व्यक्त कर रहे हैं.

Last Updated : Nov 8, 2021, 1:02 PM IST

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