मुंबई: बॉलीवुड की आइकॉनिक 'ड्रीम गर्ल' और 'बसंती' के नाम से मशहूर हेमा मालिनी आज अपना 75वां जन्मदिन मना रही हैं. बॉलीवुड से राजनीतिक तक का सफर तय करने वाली हेमा मालिनी को आज भी उनके किरदारों के लिए जाना जाता है, वो चाहे फिर शोले की 'बसंती' हो या फिर 'ड्रीम गर्ल'. सदाबहार एक्ट्रेस को आज भी उनके फैंस से प्यार मिलता है. उन्होंने शानदार एक्टिंग से ना केवल हिंदी सिनेमा में बल्कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री में भी पहचान बनाई है.
हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को चेन्नई में एक तमिल अयंगर ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साउथ फिल्म इंडस्ट्री में कुछ भूमिकाएं निभाकर की. उन्हें राज कपूर के साथ लीड एक्ट्रेस के रूप में चुना गया. इसके बाद हेमा मालिनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह जल्द ही मनोरंजन की दुनिया की 'ड्रीम गर्ल' बन गईं.
सीता और गीता (1972)
हेमा मालिनी ने सीता और गीता की दोहरी भूमिका निभाकर सभी का दिल जीत लिया था. उन्होंने फिल्म में दोनों भूमिकाओं के लिए काफी सरहाना मिली. फिल्म में उनके पति धर्मेंद्र ने को-स्टार की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म से हेमा मालिनी ने खुद को एक बेहतरीन एक्ट्रेस के रूप में स्थापित कर लिया.
बसंती (शोले, 1975)
बसंती के रूप में उनकी भूमिका ने इंडस्ट्री की सभी अभिनेत्रियों के लिए एक बेंचमार्क छोड़ दिया. उनकी यह भूमिका आज भी कई एक्ट में देखने को मिलती हैं. बसंती का किरदार सिर्फ उसका सुंदर होना नहीं था, बल्कि उनकी बातूनी और पॉपुलर डायलॉग 'यूं की, ये कौन बोला?' आज तक दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है.
चंपाबाई (ड्रीम गर्ल, 1977)
1977 की यह वहीं फिल्म, जिसकी वजह से उन्हें आज भी 'ड्रीम गर्ल' के नाम से जाना जाता है. इस रोमांटिक कॉमेडी फिल्म में हेमा मालिनी ने एक ठग कलाकार की भूमिका निभा,ई जिसने दर्शकों का दिल उनकी ओर खींच लिया. उन्होंने अपने किरदार के साथ इस तरह न्याय किया कि दशकों बाद भी लोग उनके अभिनय को ऐसे याद करते हैं जैसे उन्होंने कुछ देर पहले ही फिल्म देखी हो.
इंदु आर. आनंद (सत्ते पे सत्ता, 1982)
7 भाइयों के इर्द-गिर्द घूमती फिल्म सत्ते पे सत्ता में हेमा मालिनी एक बार फिर अमिताभ बच्चन के साथ नजर आई थी.इस फिल्म में 7 भाइयों की जिम्मेदारी उठाते हुए देखा गया है. उन्होंने इंदु की भूमिका निभाई, जिसके अंदर प्यार के साथ-साथ गुस्सा, दर्द और केयरिंग जैसी इमोशन्स भी हैं.
पूजा मल्होत्रा (बागबान, 2003)
बागबान एक ऐसी फिल्म है जिसे दर्शक चाहे कितनी भी बार देखें, उनकी आंखें नम हो ही जाती हैं. अगर पूजा की भूमिका कोई अन्य अभिनेत्री निभाती तो फिल्म कभी भी वैसी नहीं होती, जैसा दर्शक देखने पसंद करते. हेमा मालिनी पर यह किरदार काफी सूट किया. किसी भी पीढ़ी के लोग इस फिल्म देख सकते हैं और समझ सकते हैं कि पूजा अपने बच्चों की खातिर क्या कर रही थी. फिल्म को देखने के बाद यह स्पष्ट होगा कि उन्होंने उस भूमिका को कितनी बखूबी तरीके से निभाया है.