वाराणसी: नामांकन के आखिरी दिन बनारस में अजीब ड्रामा दिखने को मिला. सपा के टिकट पर 2-2 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा और दोनों खुद को अधिकृत प्रत्याशी बताते रहे. दरअसल, कांग्रेस से आईं शालिनी यादव को सपा ने पीएम के खिलाफ वाराणसी लोकसभा से उतारा था, लेकिन सोमवार को जब शालिनी यादव नामांकन भरने पहुंचीं तो वहां तेज बहादुर सपा का सिंबल जमा करने आए थे. वहीं उनके साथ सपा जिलाध्यक्ष डॉ. पीयूष यादव थे.
तेज बहादुर यादव बीएसएफ के पूर्व जवान हैं, जिन्होंने सेना में खाने की घटिया क्वालिटी का वीडियो वायरल किया था. वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बतौर निर्दलीय प्रत्याशी दम भर रहे थे, लेकिन अचानक गठबंधन ने अपना मास्टर स्ट्रोक चलाया और तेज बहादुर यादव को अपना सिंबल देकर प्रत्याशी बना दिया. अब तक तेज बहादुर के साथ जहां सेना के कुछ रिटार्यड जवान ही थे, अब गठबंधन के कार्यकर्ता भी आ गए.
असमंजस में रहे प्रत्याशी और कार्यकर्ता
पहले शालिनी यादव को सपा की ओर से अधिकृत प्रत्याशी बताया गया था. मगर नामांकन जुलूस निकलने के दोपहर बाद सेना में खराब भोजन का वीडियो वायरल होने के बाद से चर्चा में आए बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नाम भी सामने आ गया. इसके बाद वह भी सपा के दूसरे धड़े के साथ समर्थकों की टीम लेकर सिंबल जमा करने कलेक्ट्रेट सभागार पहुंच गए. इससे सपा के कार्यकर्ताओं में भी असमंजस की स्थिति हो गई. देखते ही देखते सामान्य माहौल गहमागहमी से भर गया और असमंजस को देखते हुए शालिनी यादव सपा के पदाधिकारियों के साथ सभागार में चली गईं.