बुलंदशहर : पिछले साल से मुआवजे की मांग को लेकर खुर्जा तहसील क्षेत्र के 27 गांव के किसान आंदोलन कर रहे थे. लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का ऐलान भी इन्होंने किया था. जिलाधिकारी ने इस मामले में गम्भीरता दिखाई और अब सभी ने मतदान करने का मन बना लिया है. दरअसल, अब चुनाव बाद किसानों की समस्याओं का हल जिला प्रशासन ने निकालने का वादा किया है.
बुलंदशहर में जिला प्रशासन द्वारा खुर्जा क्षेत्र के 27 गांव के अन्नदाताओं को समझाने-बुझाने का प्रयास किया गया. ग्रामीणों की जिलाधिकारी से फोन पर वार्ता होने के बाद बुलंदशहर बुलाया गया. यहां शमशाद हुसैन अपर जिलाधिकारी न्यायिक ने 27 गांव के किसानों के साथ वार्ता की और किसानों को मनाने की कोशिश की गई.
दरअसल, खुर्जा तहसील क्षेत्र के करीब 27 गांव के किसान रेलवे फ्रेट कोरिडोर द्वारा भूमि अधिग्रहण के बाद किए जा रहे काम को रोककर आंदोलन की राह पर हैं. किसानों का आरोप है कि उन्हें एक समान मुआवजा नहीं दिया गया, जिसकी वजह से खुरजा तहसील क्षेत्र में लम्बे समय से अन्नदाता आंदोलित हैं. कई बार जिला प्रशासन ने आंदोलित किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की थी. किसान नेताओं को जेल भी जाना पड़ा था.
पिछले सप्ताह उस वक्त 27 गांव के किसानों ने प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी थी, जब किसानों ने एकजुट होकर जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था कि जब तक उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक वह मताधिकार के बारे में नहीं सोचेंगे. चुनाव के बहिष्कार का भी निर्णय सर्वसम्मति से ग्रामीणों ने लिया था.
इस पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया और सोमवार को किसानों से इस बारे में संवाद स्थापित करने की कोशिश की गई. मंगलवार को 27 गांवों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा और यहां अपर जिलाधिकारी ने उनसे बात की, जिसके बाद किसान मान गए.