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दूषित हो रही हैं मां गंगा, अगर नहीं सुधरे हम तो होंगे ये दुष्परिणाम - varanasi news

मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने को लेकर सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं. बीएचयू के शोध छात्र ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मित्र ने बताया कि मां गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए हमें ही आगे आना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मनुष्य ही गंदगी फैलाता है, अगर सभी लोग गंदगी न फैलाने की बात तय कर लें तो गंदगी होगी ही नहीं.

प्रदूषित हो रही है गंगा.
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Published : Jun 17, 2019, 10:18 AM IST

वाराणसी: गंगा दशहरा के ही दिन भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा, सगर के साठ हजार पुत्रों को मुक्त करने धरती पर आई थीं. प्रदेश और देश में बनने वाली सरकारें गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए तमाम योजनाएं बनाती रहती हैं. मोदी सरकार में भी गंगा की स्वच्छता को लेकर तमाम प्रयास किए गए, लेकिन मां गंगा की स्थिति आज भी चिंताजनक बनी हुई है.

प्रदूषित हो रही है गंगा.

गंगा प्रदूषण की वजह पर बोले ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मिश्र-

  • भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जीवंत बनाने में सबसे अधिक योगदान मां गंगा का रहा.
  • मां गंगा की वजह से हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को लेकर गौरवान्वित महसूस करते हैं.
  • जिन पांच तत्वों से हमारा संपूर्ण ब्रह्मांड रचित है, उन्हीं पंचमहाभूतों से हमारा शरीर भी निर्मित है.
  • पंचमहाभूतों में जल भी शामिल है, जो मां गंगा में भी है और हम सब में भी है.
  • अगर हम मां गंगा को दूषित करते हैं, तो कहीं न कहीं अपने शरीर को दूषित करते हैं.
  • ऐसे में गंगा जी को स्वच्छ रखना हमारा प्रथम कर्तव्य बनता है.

मां गंगा को स्वच्छ और स्वस्थ रखने का सर्वप्रथम दायित्व मनुष्य का है. अगर हम मां गंगा को गंदा नहीं करेंगे तो गंगा गंदी नहीं होगी. हमें मां को साफ रखना चाहिए, नहीं तो आने वाले दिनों में मां गंगा के अस्तित्व के साथ-साथ हमारी संस्कृति और सभ्यता भी खतरे में पड़ जाएगी.
-ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मिश्र, शोध छात्र, बीएचयू

वाराणसी: गंगा दशहरा के ही दिन भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा, सगर के साठ हजार पुत्रों को मुक्त करने धरती पर आई थीं. प्रदेश और देश में बनने वाली सरकारें गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए तमाम योजनाएं बनाती रहती हैं. मोदी सरकार में भी गंगा की स्वच्छता को लेकर तमाम प्रयास किए गए, लेकिन मां गंगा की स्थिति आज भी चिंताजनक बनी हुई है.

प्रदूषित हो रही है गंगा.

गंगा प्रदूषण की वजह पर बोले ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मिश्र-

  • भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जीवंत बनाने में सबसे अधिक योगदान मां गंगा का रहा.
  • मां गंगा की वजह से हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को लेकर गौरवान्वित महसूस करते हैं.
  • जिन पांच तत्वों से हमारा संपूर्ण ब्रह्मांड रचित है, उन्हीं पंचमहाभूतों से हमारा शरीर भी निर्मित है.
  • पंचमहाभूतों में जल भी शामिल है, जो मां गंगा में भी है और हम सब में भी है.
  • अगर हम मां गंगा को दूषित करते हैं, तो कहीं न कहीं अपने शरीर को दूषित करते हैं.
  • ऐसे में गंगा जी को स्वच्छ रखना हमारा प्रथम कर्तव्य बनता है.

मां गंगा को स्वच्छ और स्वस्थ रखने का सर्वप्रथम दायित्व मनुष्य का है. अगर हम मां गंगा को गंदा नहीं करेंगे तो गंगा गंदी नहीं होगी. हमें मां को साफ रखना चाहिए, नहीं तो आने वाले दिनों में मां गंगा के अस्तित्व के साथ-साथ हमारी संस्कृति और सभ्यता भी खतरे में पड़ जाएगी.
-ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मिश्र, शोध छात्र, बीएचयू

Intro:गंगा दशहरा आज ही के दिन स्वर्ग से मां गंगा ने सगर के साठ हजार पुत्रों को मुक्त करने के लिए भागीरथी की तपस्या से प्रसन्न होकर धरती पर आई थी।

लेकिन नई नई सरकारी आती हैं मां गंगा को साफ करने और उन्हें प्रदूषण मुक्त करने के लिए योजनाएं बनती हैं इस सरकार ने तो गंगा मंत्रालय भी बना दिया और बाद में उसे समाप्त भी कर दिया लेकिन मां गंगा की स्थिति आज भी चिंताजनक बनी हुई है।


Body:इस पूरे मामले पर हमने ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मिश्र से यह जानने का प्रयास किया कि आखिर क्या वजह है कि मां गंगा दूषित हो रही है और जिस तरह मां गंगा दूषित हो रही है उसका आने वाले दिनों में क्या परिणाम होगा हमारे वेद और पुराण इस पर क्या कहते हैं।


Conclusion:काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शोध छात्र ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मिश्र ने बताया भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जीवंत बनाने में सबसे अधिक योगदान देखा जाए मां गंगा का है जिस हम अपने संस्कृति और सभ्यता को लेकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं अगर अतीत को देखा जाए तो उसमें मां गंगा का योगदान अति महत्वपूर्ण है। जिन पांच तत्वों से हमारा यह संपूर्ण ब्रह्मांड रचित है उन्हें पंच महाभूत ओं से हमारा यह शरीर निर्मित है उन पंचमहाभूत ओं में एकता तो देखा जाए तो जल्दी है जल अर्थात मा गंगा। अगर हम मां गंगा को दूषित करते हैं तो कहीं ना कहीं अपने शरीर को दूषित करते हैं क्योंकि यत पिंडे तक ब्रह्मांड ए कि हम बात करते हैं जल को गंदा करने अर्थात अपने शरीर को गंदा करना इसलिए गंगा जी को स्वच्छ रखना हमारा प्रथम कर्तव्य बनता है।

मिश्र ने बताया कि सरकारी आरती हैं और वह गंगा पर काम कर रही हैं इस सरकार ने गंगा पर कुछ काम किया देखिया गंगा को साफ दिख रही हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव य मां गंगा को स्वच्छ और स्वस्थ रखने मनुष्य का है हमसे मगर मां गंगा को गंदा नहीं करना चाहेंगे तो मां गंगा गंदी नहीं होगी गंदा करता तो मनुष्य ही है इसलिए हमें मां को साफ रखना चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में मां गंगा के अस्तित्व के साथ हमारे संस्कृति और सभ्यता भी खतरे में पड़ जाएगी।
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