ETV Bharat / city

वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह - broke all previous records

कोरोना की मार से सबसे ज्यादा कोई सेक्टर प्रभावित हुआ तो वो था पर्यटन. कोरोना फैलते ही लोगों ने घर से बाहर निकलना छोड़ दिया. नतीजा यह हुआ कि तमाम पर्यटन स्थल सूने हो गए. पिछले 2 सालों में वाराणसी के स्थानीय व्यापारियों और होटल मालिकों को काफी नुकसान झेलना पड़ा.

etv bharat
वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह
author img

By

Published : Mar 30, 2022, 5:03 PM IST

वाराणसी : 2019 दिसंबर में भारत में कोविड-19 की शुरुआत और मार्च 2020 के बाद से लगे लाॅकडाउन ने जिंदगी की रफ्तार थाम सी दी. हर तरफ गम, मायूसी और निराशा के बीच लोगों के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया. सबसे बड़ा असर पर्यटन के उस हिस्से पर पड़ा जिसकी वजह से एक-दो नहीं बल्कि लाखों लोगों की जीविका चलती है. लगातार 2 सालों तक पर्यटन उद्योग पूरी तरह से प्रभावित रहा. हालांकि अब जब स्थिति सामान्य होने लगी है तो एक बार फिर पर्यटन उद्योग रफ्तार पकड़ रहा है.

वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह

पूरे देश में पर्यटन को लेकर एक नई उम्मीद दिखाई दे रही है लेकिन इन सबसे अलग धर्म नगरी वाराणसी में पर्यटकों की तो जैसे बाढ़ सी आ गई है. यह सब हुआ है सिर्फ और सिर्फ 3 महीने के अंदर. यानी 13 दिसंबर के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया. उसके बाद बनारस में पर्यटकों के आने का क्रम रुक ही नहीं रहा है. हर महीने 15 से 20 लाख की संख्या में पर्यटक काशी पहुंच रहे हैं. मार्च में तो अब तक रिकॉर्ड ही टूट चुका है. खुद पर्यटन विभाग का मानना है कि मार्च के महीने में अभी तक 20 लाख से भी अधिक सैलानी बनारस आ चुके हैं. यह रफ्तार अभी बढ़ती ही जा रही है.

etv bharat
वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह

दरअसल, वाराणसी में धार्मिक पर्यटन हमेशा से मजबूत रहा है. यहां आने वाले पर्यटकों के लिए गंगा का किनारा, बाबा विश्वनाथ का मंदिर (Baba Vishwanath Temple), काल भैरव का आशीर्वाद और बनारसी पान के साथ यहां की साड़ी और गलियां हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही है. हालांकि 13 दिसंबर 2021 यानी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का दिन सबके लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है क्योंकि इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जब देश को विश्वनाथ धाम का एक नया स्वरूप समर्पित किया. उसके बाद बनारस में पर्यटकों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है.

etv bharat
वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह

इस बारे में पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव (Tourism Officer Kirtiman Srivastava) का कहना है कि बनारस में आए दिन कोई न कोई इवेंट और सेमिनार के अलावा कई-बड़े कार्यक्रम किए जा रहे हैं. इसकी वजह से लगातार लोगों की भीड़ यहां आ रही है. यही नहीं, बनारस में साउथ और पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में सैलानी आ रहे हैं.

etv bharat
वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह

अकेले डोमेस्टिक सैलानियों की वजह से बनारस में प्रतिदिन सवा लाख से डेढ़ लाख के बीच लोग काशी विश्वनाथ में दर्शन कर रहे हैं. यह अपने आप में बेहद बड़ी और रिकॉर्ड वाली बात है क्योंकि सावन और शिवरात्रि के मौके पर यह संख्या आमतौर पर देखी जाती थी. आम दिनों में इस तरह की भीड़ विश्वनाथ मंदिर में आना पर्यटन को एक नई ऊंचाइयों पर ले कर जा रहा है.

etv bharat
वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह

इसे भी पढ़ेंः धार्मिक पर्यटन के जरिए प्रदेश को चमकाने में जुटी योगी सरकार, मठों-मंदिरों का होगा नए सिरे से विकास
लगातार पर्यटकों के आने की वजह से वाराणसी में 28 मार्च से लेकर 16 अप्रैल तक होटल से लेकर टूरिस्ट व्हेकिल, गाइड्स सभी की एडवांस बुकिंग चल रही है. अब तो इंटरनेशनल टूरिस्ट के आने का सिलसिला भी शुरू होने जा रहा है जिसकी वजह से बनारस को इकोनॉमिकली दृष्टि से काफी फायदा होने वाला है. इंटरनेशनल टूरिस्ट पैसा खर्च करने के मामले में काफी आगे होते हैं.

पर्यटकों की बढ़ रही संख्या का सबसे बड़ा फायदा यहां पर पर्यटन कारोबार से जुड़े तमाम लोगों के जीवन पर पड़ रहा है. खुद टूरिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों का मानना है कि बनारस में 2019 तक 65 लाख की संख्या में डोमेस्टिक टूरिस्ट का आना होता था लेकिन इन 3 महीनों में ही 50 लाख के आसपास की संख्या यह साफ कर रही है कि इस साल बनारस में सवा करोड़ से डेढ़ करोड़ के बीच सैलानी आने वाले हैं जो यहां के पर्यटन कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला साबित होने वाला है.

पदाधिकारियों की मानें तो जिस तरह से वाराणसी में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है उसकी वजह से यहां होटलों की कमी महसूस होने लगी है. टूरिस्ट को प्रोवाइड कराए जाने वाली गाड़ियों की संख्या भी कम पड़ने की वजह से पड़ोसी जिलों से गाड़ियों की व्यवस्था करनी पड़ रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर्यटकों के साथ इस वक्त इवेंट बड़ी संख्या में हो रहे हैं. कई मल्टीनेशनल कंपनियां अपने सेमिनार और इयरली मीटिंग जैसे बड़े कार्यक्रम भी बनारस में ही आकर कर रही है. इसकी वजह से पर्यटन को एक नया आयाम मिल रहा है. यही वजह है कि होटल कारोबार से जुड़े लोग भी पर्यटन उद्योग में उछाल की वजह से इस वक्त कमरे ना होने की बात कह रहे हैं.

फिलहाल लगातार वाराणसी में पर्यटकों के आने से यहां बीते 2 सालों के नुकसान की भरपाई होती दिखाई दे रही है और यदि ऐसा ही दो-तीन महीने तक चलता रहा तो मार्च 2020 से 2021 के आखिरी महीनों तक में कोरोनावायरस से हुए नुकसान की रिकवरी पर्यटन कारोबार के जरिए बनारस की में तेजी से देखने को मिलेगी.

साल दर साल सैलानियों का हाल

वर्षसंख्या (लगभग में)
201557,16, 297
2016 59,12,665
201762,82,215
201864,45,160
201967,97,775
202088,93,239
202130,78,479
2022- 29 मार्च तक47 लाख

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी : 2019 दिसंबर में भारत में कोविड-19 की शुरुआत और मार्च 2020 के बाद से लगे लाॅकडाउन ने जिंदगी की रफ्तार थाम सी दी. हर तरफ गम, मायूसी और निराशा के बीच लोगों के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया. सबसे बड़ा असर पर्यटन के उस हिस्से पर पड़ा जिसकी वजह से एक-दो नहीं बल्कि लाखों लोगों की जीविका चलती है. लगातार 2 सालों तक पर्यटन उद्योग पूरी तरह से प्रभावित रहा. हालांकि अब जब स्थिति सामान्य होने लगी है तो एक बार फिर पर्यटन उद्योग रफ्तार पकड़ रहा है.

वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह

पूरे देश में पर्यटन को लेकर एक नई उम्मीद दिखाई दे रही है लेकिन इन सबसे अलग धर्म नगरी वाराणसी में पर्यटकों की तो जैसे बाढ़ सी आ गई है. यह सब हुआ है सिर्फ और सिर्फ 3 महीने के अंदर. यानी 13 दिसंबर के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया. उसके बाद बनारस में पर्यटकों के आने का क्रम रुक ही नहीं रहा है. हर महीने 15 से 20 लाख की संख्या में पर्यटक काशी पहुंच रहे हैं. मार्च में तो अब तक रिकॉर्ड ही टूट चुका है. खुद पर्यटन विभाग का मानना है कि मार्च के महीने में अभी तक 20 लाख से भी अधिक सैलानी बनारस आ चुके हैं. यह रफ्तार अभी बढ़ती ही जा रही है.

etv bharat
वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह

दरअसल, वाराणसी में धार्मिक पर्यटन हमेशा से मजबूत रहा है. यहां आने वाले पर्यटकों के लिए गंगा का किनारा, बाबा विश्वनाथ का मंदिर (Baba Vishwanath Temple), काल भैरव का आशीर्वाद और बनारसी पान के साथ यहां की साड़ी और गलियां हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही है. हालांकि 13 दिसंबर 2021 यानी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का दिन सबके लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है क्योंकि इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जब देश को विश्वनाथ धाम का एक नया स्वरूप समर्पित किया. उसके बाद बनारस में पर्यटकों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है.

etv bharat
वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह

इस बारे में पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव (Tourism Officer Kirtiman Srivastava) का कहना है कि बनारस में आए दिन कोई न कोई इवेंट और सेमिनार के अलावा कई-बड़े कार्यक्रम किए जा रहे हैं. इसकी वजह से लगातार लोगों की भीड़ यहां आ रही है. यही नहीं, बनारस में साउथ और पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में सैलानी आ रहे हैं.

etv bharat
वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह

अकेले डोमेस्टिक सैलानियों की वजह से बनारस में प्रतिदिन सवा लाख से डेढ़ लाख के बीच लोग काशी विश्वनाथ में दर्शन कर रहे हैं. यह अपने आप में बेहद बड़ी और रिकॉर्ड वाली बात है क्योंकि सावन और शिवरात्रि के मौके पर यह संख्या आमतौर पर देखी जाती थी. आम दिनों में इस तरह की भीड़ विश्वनाथ मंदिर में आना पर्यटन को एक नई ऊंचाइयों पर ले कर जा रहा है.

etv bharat
वाराणसी में 2 सालों में हुए पर्यटन के नुकसान की भरपाई 3 महीनों में हुई, जानें क्या रही वजह

इसे भी पढ़ेंः धार्मिक पर्यटन के जरिए प्रदेश को चमकाने में जुटी योगी सरकार, मठों-मंदिरों का होगा नए सिरे से विकास
लगातार पर्यटकों के आने की वजह से वाराणसी में 28 मार्च से लेकर 16 अप्रैल तक होटल से लेकर टूरिस्ट व्हेकिल, गाइड्स सभी की एडवांस बुकिंग चल रही है. अब तो इंटरनेशनल टूरिस्ट के आने का सिलसिला भी शुरू होने जा रहा है जिसकी वजह से बनारस को इकोनॉमिकली दृष्टि से काफी फायदा होने वाला है. इंटरनेशनल टूरिस्ट पैसा खर्च करने के मामले में काफी आगे होते हैं.

पर्यटकों की बढ़ रही संख्या का सबसे बड़ा फायदा यहां पर पर्यटन कारोबार से जुड़े तमाम लोगों के जीवन पर पड़ रहा है. खुद टूरिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों का मानना है कि बनारस में 2019 तक 65 लाख की संख्या में डोमेस्टिक टूरिस्ट का आना होता था लेकिन इन 3 महीनों में ही 50 लाख के आसपास की संख्या यह साफ कर रही है कि इस साल बनारस में सवा करोड़ से डेढ़ करोड़ के बीच सैलानी आने वाले हैं जो यहां के पर्यटन कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला साबित होने वाला है.

पदाधिकारियों की मानें तो जिस तरह से वाराणसी में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है उसकी वजह से यहां होटलों की कमी महसूस होने लगी है. टूरिस्ट को प्रोवाइड कराए जाने वाली गाड़ियों की संख्या भी कम पड़ने की वजह से पड़ोसी जिलों से गाड़ियों की व्यवस्था करनी पड़ रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर्यटकों के साथ इस वक्त इवेंट बड़ी संख्या में हो रहे हैं. कई मल्टीनेशनल कंपनियां अपने सेमिनार और इयरली मीटिंग जैसे बड़े कार्यक्रम भी बनारस में ही आकर कर रही है. इसकी वजह से पर्यटन को एक नया आयाम मिल रहा है. यही वजह है कि होटल कारोबार से जुड़े लोग भी पर्यटन उद्योग में उछाल की वजह से इस वक्त कमरे ना होने की बात कह रहे हैं.

फिलहाल लगातार वाराणसी में पर्यटकों के आने से यहां बीते 2 सालों के नुकसान की भरपाई होती दिखाई दे रही है और यदि ऐसा ही दो-तीन महीने तक चलता रहा तो मार्च 2020 से 2021 के आखिरी महीनों तक में कोरोनावायरस से हुए नुकसान की रिकवरी पर्यटन कारोबार के जरिए बनारस की में तेजी से देखने को मिलेगी.

साल दर साल सैलानियों का हाल

वर्षसंख्या (लगभग में)
201557,16, 297
2016 59,12,665
201762,82,215
201864,45,160
201967,97,775
202088,93,239
202130,78,479
2022- 29 मार्च तक47 लाख

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.