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यूपी एसटीएफ ने पेपर सॉल्वर गैंग के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया

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Published : Feb 12, 2022, 11:06 PM IST

यूपी एसटीएफ ने शनिवार को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इलेक्ट्रानिक डिवाइस के माध्यम से नकल कराने वाले पेपर सॉल्वर गैंग के 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया.

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सॉल्वर गैंग के 3 सदस्य गिरफ्तार

वाराणसी: यूपी एसटीएफ ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इलेक्ट्रानिक डिवाइस के माध्यम से नकल कराने वाले संगठित सॉल्वर गैंग के 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. इन अभियुक्तों को वाराणसी के चितईपुर थाना इलाका जी.टी. रोड नुआंव अण्डर पास के नजदीक से गिरफ्तार किया गया. इनकी पहचान धर्मराज यादव, पुष्पराज सिंह और प्रभाकर पटेल के रुप में हुई है. इनमें से दो अभियुक्तों पर 15,000 और एक पर 10,000 रुपये पुरस्कार घोषित थे. वहीं, इनके पास से एक इनोवा कार, महिन्द्रा स्कार्पियो, 5 मोबाइल और उप निरीक्षक परीक्षा से संबंधित प्रवेश पत्र बरामद किए गये.

17 नवम्बर 2021 और 23 नवम्बर 2021 को भर्ती में सफल होने के लिए आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए कुछ अभ्यर्थियों के सिर में विग के अन्दर विशेष डिवाइस के साथ कान के अन्दर अति सूक्ष्म माइक्रोफोन लगाकर परीक्षा केन्द्र में प्रवेश करते समय ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने 3 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया. इसके संबंध में जनपद वाराणसी के थाना चितईपुर में मुकदमा पंजीकृत किया गया था.



एसटीएफ वाराणसी टीम को सूचना मिली थी कि थाना चितईपुर क्षेत्रान्तर्गत जीटी रोड पर नुआंव अण्डर पास के निकट नौकरी दिलाने के नाम पर अवैध वसूली करने गैंग के पुरस्कार घोषित अपराधी धर्मराज यादव, पुष्पराज सिंह और प्रभाकर पटेल आने वाले हैं. इस सूचना पर अभियोगों के विवेचक से सम्पर्क किया गया और उन्हें साथ लेकर तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया.

इसे भी पढ़ेंः यूपी TET परीक्षा में सक्रिय सॉल्वर गैंग के 10 शातिर गिरफ्तार...

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वो लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं में भर्ती के अवैध धंधे से जुड़े हुए हैं. इनका एक संगठित गिरोह है. इस गैंग में अमित यादव भी शामिल है. जो जी.एम. रेलवे आफिस प्रयागराज में ग्रुप सी में सिग्नल विभाग में नौकरी करता है. अमित के नैनी स्थित घर में ही धर्मराज रहता है. अभियुक्तों से बरामद इनोवा गाड़ी अमित यादव की पत्नी के ही नाम से है. ये लोग इस अपराध से कमाये गये धन को रियल स्टेट में इन्वेस्ट करते थे. इसके लिए प्रभाकर ने भैरवा इन्फ्रावर्ल्ड प्रा.लि. नाम की कम्पनी बनायी थी. पुष्पराज ने अश्वनी इन्फ्रा एण्ड टेक्चर प्रा.लि. नाम की कम्पनी बनायी. रियल स्टेट में अनिल और अमित यादव का भी पैसा लगा है.

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वाराणसी: यूपी एसटीएफ ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इलेक्ट्रानिक डिवाइस के माध्यम से नकल कराने वाले संगठित सॉल्वर गैंग के 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. इन अभियुक्तों को वाराणसी के चितईपुर थाना इलाका जी.टी. रोड नुआंव अण्डर पास के नजदीक से गिरफ्तार किया गया. इनकी पहचान धर्मराज यादव, पुष्पराज सिंह और प्रभाकर पटेल के रुप में हुई है. इनमें से दो अभियुक्तों पर 15,000 और एक पर 10,000 रुपये पुरस्कार घोषित थे. वहीं, इनके पास से एक इनोवा कार, महिन्द्रा स्कार्पियो, 5 मोबाइल और उप निरीक्षक परीक्षा से संबंधित प्रवेश पत्र बरामद किए गये.

17 नवम्बर 2021 और 23 नवम्बर 2021 को भर्ती में सफल होने के लिए आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए कुछ अभ्यर्थियों के सिर में विग के अन्दर विशेष डिवाइस के साथ कान के अन्दर अति सूक्ष्म माइक्रोफोन लगाकर परीक्षा केन्द्र में प्रवेश करते समय ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने 3 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया. इसके संबंध में जनपद वाराणसी के थाना चितईपुर में मुकदमा पंजीकृत किया गया था.



एसटीएफ वाराणसी टीम को सूचना मिली थी कि थाना चितईपुर क्षेत्रान्तर्गत जीटी रोड पर नुआंव अण्डर पास के निकट नौकरी दिलाने के नाम पर अवैध वसूली करने गैंग के पुरस्कार घोषित अपराधी धर्मराज यादव, पुष्पराज सिंह और प्रभाकर पटेल आने वाले हैं. इस सूचना पर अभियोगों के विवेचक से सम्पर्क किया गया और उन्हें साथ लेकर तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वो लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं में भर्ती के अवैध धंधे से जुड़े हुए हैं. इनका एक संगठित गिरोह है. इस गैंग में अमित यादव भी शामिल है. जो जी.एम. रेलवे आफिस प्रयागराज में ग्रुप सी में सिग्नल विभाग में नौकरी करता है. अमित के नैनी स्थित घर में ही धर्मराज रहता है. अभियुक्तों से बरामद इनोवा गाड़ी अमित यादव की पत्नी के ही नाम से है. ये लोग इस अपराध से कमाये गये धन को रियल स्टेट में इन्वेस्ट करते थे. इसके लिए प्रभाकर ने भैरवा इन्फ्रावर्ल्ड प्रा.लि. नाम की कम्पनी बनायी थी. पुष्पराज ने अश्वनी इन्फ्रा एण्ड टेक्चर प्रा.लि. नाम की कम्पनी बनायी. रियल स्टेट में अनिल और अमित यादव का भी पैसा लगा है.

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