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जेल में बंद सपा नेताओं से मिलने पहुंचे सपा प्रतिनिधिमंडल को जेल के गेट से ही लौटाया - Varanasi District Magistrate Kaushal Raj Sharma

समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के हंगामे के बाद हुई गिरफ्तारी को लेकर वाराणसी की जिला जेल में बंद पार्टी कार्यकर्ताओं का 6 लोगों का दल उनसे मिलने पहुंचा. पुलिस के रवैये को लेकर सपा कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी दिखी.

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ओपी सिंह, सपा नेता
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Published : Apr 19, 2022, 9:26 PM IST

वाराणसी: विधानसभा चुनाव के दौरान मतगणना से पहले वाराणसी में ईवीएम बदले जाने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था. इसे लेकर बाद में कुछ गिरफ्तारियां हुई थीं जिन्हें वाराणसी जिला जेल में बंद कर दिया गया है.

इन समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं से 6 लोगों का दल अखिलेश यादव के निर्देश पर वाराणसी जिला जेल इनसे मिलने पहुंचा. हालांकि पार्टी नेताओं को नियमों का हवाला देकर जेल में बंद सपा कार्यकर्ताओं से मिलने नहीं दिया गया. इसे लेकर सपा कार्यकर्ता काफी नाराज दिखे. उन लोगों ने वाराणसी जिला प्रशासन पर मनमाने ढंग से कार्रवाई करते हुए सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया.

ओपी सिंह, सपा नेता

दरअसल, वाराणसी में 10 मार्च को होने वाली मतगणना से पहले पहाड़िया मंडी के बाहर कुछ ईवीएम मशीनें ले जा रही गाड़ी को सपा कार्यकर्ताओं ने रोककर जबरदस्त हंगामा किया. सपाइयों ने ईवीएम बदलने का आरोप लगाते हुए शहर के अलग-अलग इलाकों में हंगामा शुरू कर दिया. मतगणना पूरी होने के पश्चात पुलिस एक्शन में आई और कई सपा कार्यकर्ताओं का मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की गई.

इस मामले में समाजवादी पार्टी लगातार वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को टारगेट करते हुए सपा कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न का आरोप लगाती रही. अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक ओम प्रकाश सिंह समेत एमएलसी आशुतोष सिन्हा, पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल, सपा नेता किशन दिक्षित और दो अन्य लोगों की कमेटी बनाकर जेल में सपा नेताओं से मुलाकात कर इस मामले को सदन में उठाने की तैयारी की गई थी.

इसे भी पढ़ेंः एआईएमआईएम ने आजम खां को दिया पार्टी में शामिल होने का ऑफर

इसी प्लानिंग के तहत मंगलवार को वाराणसी में सपा नेता का यह प्रतिनिधिमंडल जेल में मुलाकात करने पहुंचा लेकिन जेल अधीक्षक ने नियमों का हवाला देकर इन सभी को जेल के अंदर ही नहीं दाखिल होने दिया. इससे नाराज होकर सपा नेताओं ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वाराणसी में जिला प्रशासन मनमाने तरीके से सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न करने पर अमादा है. इस मामले को सपा कार्यकर्ताओं ने उठाया. यह जनहित से जुड़ा मामला था. धरना प्रदर्शन का अधिकार भारत के संविधान में सभी को है.

नियम के मुताबिक एक विधायक अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से जेल में मुलाकात कर सकता है. इसके बावजूद ओमप्रकाश सिंह को जेल के अंदर दाखिल भी नहीं होने दिया गया. यहां अपना कानून चलाने का काम वाराणसी का जिला प्रशासन कर रहा है. ओमप्रकाश सिंह ने आरोप लगाया कि वाराणसी जिला प्रशासन उत्तर प्रदेश सरकार के इशारे पर सपा कार्यकर्ताओं को सिर्फ परेशान करने का काम कर रहा है. जेल मैनुअल के हिसाब से बनाए गए नियमों की अनदेखी भी की जा रही है जो सही नहीं है.

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वाराणसी: विधानसभा चुनाव के दौरान मतगणना से पहले वाराणसी में ईवीएम बदले जाने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था. इसे लेकर बाद में कुछ गिरफ्तारियां हुई थीं जिन्हें वाराणसी जिला जेल में बंद कर दिया गया है.

इन समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं से 6 लोगों का दल अखिलेश यादव के निर्देश पर वाराणसी जिला जेल इनसे मिलने पहुंचा. हालांकि पार्टी नेताओं को नियमों का हवाला देकर जेल में बंद सपा कार्यकर्ताओं से मिलने नहीं दिया गया. इसे लेकर सपा कार्यकर्ता काफी नाराज दिखे. उन लोगों ने वाराणसी जिला प्रशासन पर मनमाने ढंग से कार्रवाई करते हुए सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया.

ओपी सिंह, सपा नेता

दरअसल, वाराणसी में 10 मार्च को होने वाली मतगणना से पहले पहाड़िया मंडी के बाहर कुछ ईवीएम मशीनें ले जा रही गाड़ी को सपा कार्यकर्ताओं ने रोककर जबरदस्त हंगामा किया. सपाइयों ने ईवीएम बदलने का आरोप लगाते हुए शहर के अलग-अलग इलाकों में हंगामा शुरू कर दिया. मतगणना पूरी होने के पश्चात पुलिस एक्शन में आई और कई सपा कार्यकर्ताओं का मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की गई.

इस मामले में समाजवादी पार्टी लगातार वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को टारगेट करते हुए सपा कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न का आरोप लगाती रही. अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक ओम प्रकाश सिंह समेत एमएलसी आशुतोष सिन्हा, पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल, सपा नेता किशन दिक्षित और दो अन्य लोगों की कमेटी बनाकर जेल में सपा नेताओं से मुलाकात कर इस मामले को सदन में उठाने की तैयारी की गई थी.

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इसी प्लानिंग के तहत मंगलवार को वाराणसी में सपा नेता का यह प्रतिनिधिमंडल जेल में मुलाकात करने पहुंचा लेकिन जेल अधीक्षक ने नियमों का हवाला देकर इन सभी को जेल के अंदर ही नहीं दाखिल होने दिया. इससे नाराज होकर सपा नेताओं ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वाराणसी में जिला प्रशासन मनमाने तरीके से सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न करने पर अमादा है. इस मामले को सपा कार्यकर्ताओं ने उठाया. यह जनहित से जुड़ा मामला था. धरना प्रदर्शन का अधिकार भारत के संविधान में सभी को है.

नियम के मुताबिक एक विधायक अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से जेल में मुलाकात कर सकता है. इसके बावजूद ओमप्रकाश सिंह को जेल के अंदर दाखिल भी नहीं होने दिया गया. यहां अपना कानून चलाने का काम वाराणसी का जिला प्रशासन कर रहा है. ओमप्रकाश सिंह ने आरोप लगाया कि वाराणसी जिला प्रशासन उत्तर प्रदेश सरकार के इशारे पर सपा कार्यकर्ताओं को सिर्फ परेशान करने का काम कर रहा है. जेल मैनुअल के हिसाब से बनाए गए नियमों की अनदेखी भी की जा रही है जो सही नहीं है.

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