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पुलिस रिमांड में PFI के रिजवान और शाहिद ने खोले राज, शहर में बड़ी साजिश की थी तैयारी - श्रृंगार गौरी मंदिर

पुलिस रिमांड के दौरान PFI के मोहम्मद शाहिद और रिजवान अहमद ने अपनी प्लानिंग के बारे में बताया है. उन्होंने बताया कि वाराणसी शहर में धीमे-धीमे जहर घोलकर बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी थी.

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Published : Sep 30, 2022, 10:04 AM IST

Updated : Sep 30, 2022, 10:53 AM IST

वाराणसी: देशभर में PFI के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद 5 साल तक इस संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर राजनीति जारी है. विपक्ष लगातार हमलावर है और अन्य संगठनों समेत RSS पर भी बैन की मांग कर रहा है. इन सबके बीच पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नाम से संचालित होने वाले संगठन से जुड़े 2 लोगों की गिरफ्तारी प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से भी की गई है. इनका नाम मोहम्मद शाहिद और रिजवान अहमद है.

इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद इनको 55 घंटे की पुलिस कस्टडी में रखा गया. उसके बाद गुरुवार की शाम दोनों को जेल वापस भेज दिया गया. 55 घंटों में पूछताछ के दौरान दोनों से कई राज बताए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को हमेशा से ही अति संवेदनशील शहरों की श्रेणी में रखा जाता है और यहां पर वीआईपी मूवमेंट भी लगातार बना रहता है. इसी वजह से दोनों की एक्टिविटी बनारस के अलग-अलग क्षेत्रों में धीरे-धीरे फैल रही थी. दोनों आरोपी जैसे कि बनारस में स्लो पॉइजन की तर्ज पर धीरे-धीरे लोगों के बीच जहर घोलने का काम कर रहे थे.

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक रिजवान के घर से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है. इसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई बड़े नेताओं के नंबर भी मिले हैं. यह डायरेक्ट उनके संपर्क में था और अपने साथी मोहम्मद शाहिद के साथ मिलकर उनकी तरफ से दिए जा रहे निर्देशों का पालन करता था.

PFI संगठन ने वाराणसी के करीब 12 युवाओं को अपने संपर्क में रखा हुआ था. इनमें से अब तक 3 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और इनसे पूछताछ की जा रही है. इनमें दो लोग कोतवाली और एक लोहता से भी है. इसके अलावा आदमपुर और जैतपुरा क्षेत्र से भी कुछ युवकों को हिरासत में लिया गया था, लेकिन उनसे पूछताछ के बाद उन्हें फिलहाल छोड़ दिया गया.


पढ़ें- PFI बैन का जगह-जगह स्वागत, अन्नपूर्णा भारती ने कहा सरकार इस्लामिक जिहाद की जड़ पर शुरु कर दे वार

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक PFI के मोहम्मद शाहिद और रिजवान अहमद ने ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर जो चंदा इकट्ठा किया था, वह एक बैंक खाते में ट्रांसफर भी किया गया है. अब इसकी जांच भी संभावित है कि वह बैंक खाता लोकल था या फिर दिल्ली, मुंबई से संचालित हो रहा था. श्रृंगार गौरी मंदिर के नाम पर एक्टिव हिंदू संगठनों की लिस्ट भी इन सभी के द्वारा अपने मुख्यालय को भेजी गई थी. इस लिस्ट से हिंदू संगठनों की एक्टिविटी पर नजर रखी जा रही थी. जिले में भगवा रक्षा वाहिनी की तरफ से ज्ञानवापी प्रकरण की कार्बन डेटिंग की मांग करते हुए हिंदू पक्ष द्वारा पोस्टर लगाए गए थे.

पढ़ें- पकड़े गए PFI के दो सदस्य हैं, ज्ञानवापी प्रकरण के लिए लोगों को कर रहे थे एकजुट

वाराणसी: देशभर में PFI के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद 5 साल तक इस संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर राजनीति जारी है. विपक्ष लगातार हमलावर है और अन्य संगठनों समेत RSS पर भी बैन की मांग कर रहा है. इन सबके बीच पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नाम से संचालित होने वाले संगठन से जुड़े 2 लोगों की गिरफ्तारी प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से भी की गई है. इनका नाम मोहम्मद शाहिद और रिजवान अहमद है.

इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद इनको 55 घंटे की पुलिस कस्टडी में रखा गया. उसके बाद गुरुवार की शाम दोनों को जेल वापस भेज दिया गया. 55 घंटों में पूछताछ के दौरान दोनों से कई राज बताए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को हमेशा से ही अति संवेदनशील शहरों की श्रेणी में रखा जाता है और यहां पर वीआईपी मूवमेंट भी लगातार बना रहता है. इसी वजह से दोनों की एक्टिविटी बनारस के अलग-अलग क्षेत्रों में धीरे-धीरे फैल रही थी. दोनों आरोपी जैसे कि बनारस में स्लो पॉइजन की तर्ज पर धीरे-धीरे लोगों के बीच जहर घोलने का काम कर रहे थे.

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक रिजवान के घर से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है. इसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई बड़े नेताओं के नंबर भी मिले हैं. यह डायरेक्ट उनके संपर्क में था और अपने साथी मोहम्मद शाहिद के साथ मिलकर उनकी तरफ से दिए जा रहे निर्देशों का पालन करता था.

PFI संगठन ने वाराणसी के करीब 12 युवाओं को अपने संपर्क में रखा हुआ था. इनमें से अब तक 3 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और इनसे पूछताछ की जा रही है. इनमें दो लोग कोतवाली और एक लोहता से भी है. इसके अलावा आदमपुर और जैतपुरा क्षेत्र से भी कुछ युवकों को हिरासत में लिया गया था, लेकिन उनसे पूछताछ के बाद उन्हें फिलहाल छोड़ दिया गया.


पढ़ें- PFI बैन का जगह-जगह स्वागत, अन्नपूर्णा भारती ने कहा सरकार इस्लामिक जिहाद की जड़ पर शुरु कर दे वार

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक PFI के मोहम्मद शाहिद और रिजवान अहमद ने ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर जो चंदा इकट्ठा किया था, वह एक बैंक खाते में ट्रांसफर भी किया गया है. अब इसकी जांच भी संभावित है कि वह बैंक खाता लोकल था या फिर दिल्ली, मुंबई से संचालित हो रहा था. श्रृंगार गौरी मंदिर के नाम पर एक्टिव हिंदू संगठनों की लिस्ट भी इन सभी के द्वारा अपने मुख्यालय को भेजी गई थी. इस लिस्ट से हिंदू संगठनों की एक्टिविटी पर नजर रखी जा रही थी. जिले में भगवा रक्षा वाहिनी की तरफ से ज्ञानवापी प्रकरण की कार्बन डेटिंग की मांग करते हुए हिंदू पक्ष द्वारा पोस्टर लगाए गए थे.

पढ़ें- पकड़े गए PFI के दो सदस्य हैं, ज्ञानवापी प्रकरण के लिए लोगों को कर रहे थे एकजुट

Last Updated : Sep 30, 2022, 10:53 AM IST
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