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पिछले 23 दिनों से प्रदर्शन कर रहे दृष्टिबाधित छात्रों को पुलिस ने उठाया, बीएचयू मुख्य द्वार पर प्रदर्शन - varanasi latest news

प्रदर्शन कर रहे लगभग 12 दृष्टिबाधित छात्रों को पुलिस ने रविवार देर रात धरना स्थल से जबरन हटा दिया. इसके विरोध में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रहने वाले से सैकड़ों दृष्टिबाधित छात्रों ने मुख्य द्वार बंद कर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. एहतियात के तौर पर कई थानों की फोर्स और पीएसी गेट के बाहर तैनात कर दी गई है.

पिछले 23 दिनों से प्रदर्शन कर रहे दृष्टिबाधित छात्रों को पुलिस ने उठाया
पिछले 23 दिनों से प्रदर्शन कर रहे दृष्टिबाधित छात्रों को पुलिस ने उठाया
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Published : Aug 30, 2021, 8:23 AM IST

Updated : Aug 30, 2021, 12:16 PM IST

वाराणसी : पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते 23 दिनों से हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय के बाहर दृष्टिबाधित छात्र धरने पर बैठे हुए. प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर के बाहर छात्रों का यह आंदोलन लगातार चल रहा था. इन्हें अब राजनीतिक पार्टियों के साथ सामाजिक संस्थानों के जनसमर्थन मिलने लगा था.

यहां प्रदर्शन कर रहे लगभग 12 दृष्टिबाधित छात्रों को पुलिस ने रविवार देर रात धरना स्थल से जबरन हटा दिया. इसके विरोध में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रहने वाले से सैकड़ों दृष्टिबाधित छात्रों ने मुख्य द्वार बंद कर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इससे एक बार फिर काशी हिंदू विश्वविद्यालय का माहौल गर्म हो गया. एहतियात के तौर पर कई थानों की फोर्स और पीएसी गेट के बाहर तैनात कर दी गई है.

यह भी पढ़ें : वाराणसी पहुंचे औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने की व्यापारियों के साथ बैठक

घटनास्थल पर पहुंचे कई पार्टियों के बड़े नेता

दृष्टि बाधित छात्रों के इस आंदोलन को विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं ने अपना समर्थन दिया. इसमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस आम आदमी पार्टी शामिल है. इन सभी दलों के बड़े नेता जिनमें सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र, कांग्रेस के राजेश मिश्र, अजय राय समेत सभी लोगों ने अपना समर्थन दिया था.

यह है मामला

बताते चलें कि पोद्दार अंध विद्यालय के कक्षा 9 से लेकर 12 तक की कक्षाओं में प्रवेश बंद कर दिया गया है. निजी ट्रस्ट द्वारा संचालित इस विद्यालय के ट्रस्टी ने बताया कि आर्थिक फंडिंग न होने से और आर्थिक कारणों से इन कक्षाओं को बंद किया गया है.

इसी के खिलाफ बीते 23 दिन से अंध विद्यालय के वर्तमान और पूर्व छात्र आंदोलनरत थे जोकि अब धीरे-धीरे प्रशासन के लिए एक सिरदर्द साबित हो रहा था. यहां से पढ़ने वाले छात्र ही इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय, दिल्ली यूनिवर्सिटी जेएनयू और लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र हैं.

पिछले 23 दिनों से प्रदर्शन कर रहे दृष्टिबाधित छात्रों को पुलिस ने उठाया, बीएचयू मुख्य द्वार पर प्रदर्शन
छात्र अभय शर्मा ने बताया कि हम अंधे हैं, इसलिए हमारे साथ ऐसा किया जा रहा है. जब देर रात हमारे कुछ साथी वहां प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस ने उनके साथ मारपीट भी की. पता नहीं कहां ले गई. हम लोगों ने उत्तर प्रदेश के मंत्री अनिल राजभर से मुलाकात की और सुबह अपने प्रदर्शन के स्थान को बदलने वाले थे. इतनी रात में इस तरह की कार्यवाही क्यों की गई.

वाराणसी : पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते 23 दिनों से हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय के बाहर दृष्टिबाधित छात्र धरने पर बैठे हुए. प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर के बाहर छात्रों का यह आंदोलन लगातार चल रहा था. इन्हें अब राजनीतिक पार्टियों के साथ सामाजिक संस्थानों के जनसमर्थन मिलने लगा था.

यहां प्रदर्शन कर रहे लगभग 12 दृष्टिबाधित छात्रों को पुलिस ने रविवार देर रात धरना स्थल से जबरन हटा दिया. इसके विरोध में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रहने वाले से सैकड़ों दृष्टिबाधित छात्रों ने मुख्य द्वार बंद कर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इससे एक बार फिर काशी हिंदू विश्वविद्यालय का माहौल गर्म हो गया. एहतियात के तौर पर कई थानों की फोर्स और पीएसी गेट के बाहर तैनात कर दी गई है.

यह भी पढ़ें : वाराणसी पहुंचे औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने की व्यापारियों के साथ बैठक

घटनास्थल पर पहुंचे कई पार्टियों के बड़े नेता

दृष्टि बाधित छात्रों के इस आंदोलन को विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं ने अपना समर्थन दिया. इसमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस आम आदमी पार्टी शामिल है. इन सभी दलों के बड़े नेता जिनमें सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र, कांग्रेस के राजेश मिश्र, अजय राय समेत सभी लोगों ने अपना समर्थन दिया था.

यह है मामला

बताते चलें कि पोद्दार अंध विद्यालय के कक्षा 9 से लेकर 12 तक की कक्षाओं में प्रवेश बंद कर दिया गया है. निजी ट्रस्ट द्वारा संचालित इस विद्यालय के ट्रस्टी ने बताया कि आर्थिक फंडिंग न होने से और आर्थिक कारणों से इन कक्षाओं को बंद किया गया है.

इसी के खिलाफ बीते 23 दिन से अंध विद्यालय के वर्तमान और पूर्व छात्र आंदोलनरत थे जोकि अब धीरे-धीरे प्रशासन के लिए एक सिरदर्द साबित हो रहा था. यहां से पढ़ने वाले छात्र ही इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय, दिल्ली यूनिवर्सिटी जेएनयू और लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र हैं.

पिछले 23 दिनों से प्रदर्शन कर रहे दृष्टिबाधित छात्रों को पुलिस ने उठाया, बीएचयू मुख्य द्वार पर प्रदर्शन
छात्र अभय शर्मा ने बताया कि हम अंधे हैं, इसलिए हमारे साथ ऐसा किया जा रहा है. जब देर रात हमारे कुछ साथी वहां प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस ने उनके साथ मारपीट भी की. पता नहीं कहां ले गई. हम लोगों ने उत्तर प्रदेश के मंत्री अनिल राजभर से मुलाकात की और सुबह अपने प्रदर्शन के स्थान को बदलने वाले थे. इतनी रात में इस तरह की कार्यवाही क्यों की गई.
Last Updated : Aug 30, 2021, 12:16 PM IST
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