वाराणसी: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन को बढ़ाकर तीन मई लागू कर दिया गया है. वाराणसी को धर्म, अध्यात्म के साथ ही साहित्य और कवियों का भी शहर कहा जाता है. शहर के कवि ने लोगों से हाथ जोड़कर निवेदन किया कि जो लोग अभी भी घर से निकल रहे हैं, वे घर से न निकलें.
कवि अवधेश मिश्र रजत ने अपनी रचना के माध्यम से कहा कि 'घर परिवार समाज से यदि प्रेम हो तो वायरस का गुप्तदान मत लीजिए' इन लाइनों से उन लोगों को आगाह किया है, जो बेवजह घरों के बाहर घूम रहे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन को अभी भी हल्के में ले रहे हैं. कवि का कहना है कि अगर ऐसा ही रहा, तो यह देश श्मशान बन जाएगा.
इसे भी पढ़ें- आगरा: 1 और कोरोना पॉजिटिव की मौत, 5 हुई कुल संख्या
अवधेश मिश्रा ने कहा मेरी कविता की लाइनें बहुत कुछ कह रही हैं और वह अपनी कविता के माध्यम से एक बार उन लोगों को जागरुक कर रहे हैं, जो बेवजह लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं. साथ ही कहा कि कोरोना के खिलाफ यह लड़ाई अभी बड़ी है, जिसमें हमें हासिल करनी है, इसलिए आप घरों में रहे और बेवजह बाहर न निकलें.