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इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हुए लोग, बोले- इस्लाम नहीं सिखाता किसी का सिर शरीर से अलग करना

वाराणसी में इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ बनारस में लोगों ने एकजुट होकर एक बैठक की. बैठक में शामिल लोगों ने इस्लामी आंतकवाद के खिलाफ कुछ प्रस्ताव पारित किए.

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प्रतिनिधियों की बैठक
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Published : Jul 2, 2022, 5:39 PM IST

वाराणसी: इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ जिले के लोगों ने एकजुट होकर एक बैठक की. विशाल भारत संस्थान ने लमही के सुभाष भवन में सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, सुभाषवादी नेताओं एवं सूफियों के प्रतिनिधियों की बैठक में उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या का विरोध किया गया. बैठक में इस्लामी जिहादियों एवं आतंकवादियों और उनके समर्थकों से देश को बचाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई.

इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हुए लोग

बैठक में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हुए. बैठक में मौजूद लोगों ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. घुट्टी पिलाते–पिलाते आज पूरी दुनियां इस्लामी आतंकवाद से पीड़ित हो चुकी है. आतंकवाद का धर्म हो या न हो लेकिन आतंकवादी का धर्म जरूर है. वह अपने मजहब के लिए उकसावे में आकर आतंक फैला रहा है.

आतंकवादी संगठनों के लिए इस्लाम को बचाने के नाम पर स्लीपर सेल मुस्लिम नवयुवकों को आईएसआईएस, दावत–ए–इस्लामी, जैश–ए–मुहम्मद, लश्कर–ए–तैय्यबा, सूफ़ा, अलकायदा जैसे संगठनों में जाने के लिए प्रेरित करते हैं. पकड़े जाने पर इनके समर्थक इनको बच्चा, सिरफिरा, नासमझ, मानसिक रोगी बताकर बचाने का प्रयास करते हैं. संकट मोचन मंदिर में बम धमाका करने वालों को बचाने के लिए देवबन्द के मौलाना पैसा जुटाते हैं. अब ऐसे में अतंकवाद के खिलाफ आंदोलन चला कर क्या होने वाला?

बैठक की अध्यक्षता करते हुए विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने विस्तार पूर्वक आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध की चर्चा की. बैठक में तय किया गया कि आतंकवाद विरोधी अभियान से कुछ हासिल नहीं होगा. अब जरूरत आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाकर भारत को मुक्ति दिलाने की है. विशाल भारत संस्थान ने आतंकवादी मुखालफत मोर्चा का गठन किया. जिसका अध्यक्ष सुभाषवादी नेता नजमा परवीन, उपाध्यक्ष अशोक सैनी, महासचिव अर्चना भारतवंशी और दीपक आर्या एवं प्रवक्ता नाज़नीन अंसारी को बनाया गया है.

यह भी पढे़ं:Azadi Ka Amrit Mahotsav: पूर्वोत्तर रेलवे ने किया बाइक रैली का आयोजन, 15 अगस्त को पहुंचेगी गोरखपुर


बैठक में अन्य प्रस्ताव पारित किए गए

  • इस्लाम के नाम पर भड़काने वालों का हर स्तर पर विरोध करना है.
  • आतंकवादियों के समर्थकों और उसके परिवार का सम्पूर्ण बहिष्कार करना है.
  • आतंकवादियों को राजनीतिक, धार्मिक संगठनों द्वारा बचाने की योजना को बेनकाब करना है.
  • मुस्लिमों में धर्म के प्रचार के नाम पर भारत के खिलाफ या हिन्दुओं के खिलाफ भड़काने वालों को बेनकाब कर कानून के हवाले करना है.
  • अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी जिहादियों के संगठनों एवं आतंकी मौलानाओं के भारत विरोधी मंसूबों से आम मुसलमानों के अवगत कराना है ताकि इनके चक्कर में मुसलमान न पड़े.
  • आतंकवादियों के जनाजे में शरीक होने वाले लोगों का भी पूर्ण बहिष्कार हो.
  • आतंकवादियों को फंड देने वाले, पनाह देने वाले एवं किसी भी तरह की मदद करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर भारत की नागरिकता समाप्त की जाए.
  • आतंकवादियों का समर्थन करने वाले राजनैतिक दलों के नेताओं को गिरफ्तार किया जाए.
  • इस्लामी आतंकियों और उनके संगठनों की सूची को सरेआम कर लोगों को जागरूक किया जाए.
  • पूरी दुनिया इस्लामी आतंकियों और उनके समर्थकों को जेल में डाले, सारे अधिकार खत्म कर मानवता के खिलाफ युद्ध छेड़ने वालों को उचित दंड दे.
  • आतंकवादियों और इस्लामी जिहादियों से डरने की जरूरत नहीं, इनसे मुकाबला करने की जरूरत है.
  • आतंकवादियों और जिहादियों के परिवार में निकाह और रिश्ता प्रतिबंधित किया जाए.
  • आतंकियों, जिहादियों एवं उनके परिवार के लोगों का मस्जिदों में प्रवेश प्रतिबंधित हो.
  • आतंकवादी (दहशतगर्द) मुखालफत मोर्चा देश के प्रत्येक हिस्से में अपना कार्यालय स्थापित करेगा और आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर इस्लामी आतंवादियों से भारत को मुक्त कराने का काम करेगा। अब आतंकवादी का धर्म भी पता चल जाएगा और उनको दफन होने की जमीन भी नहीं मिलेगी.
  • विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर मुस्लिमों को आतंकवादी संस्थाओं में शामिल कराने की योजना का एएमएम पर्दाफाश करेगा.
  • आतंकियों और इस्लामी जिहादियों के खिलाफ जंग लड़ रहे सामाजिक एवं धार्मिक नेताओं को उच्च स्तरीय सुरक्षा तत्काल सरकार दे.
  • नजमा परवीन, मो. अजहरुद्दीन, महंत बालक दास जी महाराज, नाज़नीन अंसारी, डॉ. राजीव श्रीवास्तव, अफसर बाबा को सुरक्षा मिले.

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वाराणसी: इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ जिले के लोगों ने एकजुट होकर एक बैठक की. विशाल भारत संस्थान ने लमही के सुभाष भवन में सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, सुभाषवादी नेताओं एवं सूफियों के प्रतिनिधियों की बैठक में उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या का विरोध किया गया. बैठक में इस्लामी जिहादियों एवं आतंकवादियों और उनके समर्थकों से देश को बचाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई.

इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हुए लोग

बैठक में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हुए. बैठक में मौजूद लोगों ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. घुट्टी पिलाते–पिलाते आज पूरी दुनियां इस्लामी आतंकवाद से पीड़ित हो चुकी है. आतंकवाद का धर्म हो या न हो लेकिन आतंकवादी का धर्म जरूर है. वह अपने मजहब के लिए उकसावे में आकर आतंक फैला रहा है.

आतंकवादी संगठनों के लिए इस्लाम को बचाने के नाम पर स्लीपर सेल मुस्लिम नवयुवकों को आईएसआईएस, दावत–ए–इस्लामी, जैश–ए–मुहम्मद, लश्कर–ए–तैय्यबा, सूफ़ा, अलकायदा जैसे संगठनों में जाने के लिए प्रेरित करते हैं. पकड़े जाने पर इनके समर्थक इनको बच्चा, सिरफिरा, नासमझ, मानसिक रोगी बताकर बचाने का प्रयास करते हैं. संकट मोचन मंदिर में बम धमाका करने वालों को बचाने के लिए देवबन्द के मौलाना पैसा जुटाते हैं. अब ऐसे में अतंकवाद के खिलाफ आंदोलन चला कर क्या होने वाला?

बैठक की अध्यक्षता करते हुए विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने विस्तार पूर्वक आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध की चर्चा की. बैठक में तय किया गया कि आतंकवाद विरोधी अभियान से कुछ हासिल नहीं होगा. अब जरूरत आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाकर भारत को मुक्ति दिलाने की है. विशाल भारत संस्थान ने आतंकवादी मुखालफत मोर्चा का गठन किया. जिसका अध्यक्ष सुभाषवादी नेता नजमा परवीन, उपाध्यक्ष अशोक सैनी, महासचिव अर्चना भारतवंशी और दीपक आर्या एवं प्रवक्ता नाज़नीन अंसारी को बनाया गया है.

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बैठक में अन्य प्रस्ताव पारित किए गए

  • इस्लाम के नाम पर भड़काने वालों का हर स्तर पर विरोध करना है.
  • आतंकवादियों के समर्थकों और उसके परिवार का सम्पूर्ण बहिष्कार करना है.
  • आतंकवादियों को राजनीतिक, धार्मिक संगठनों द्वारा बचाने की योजना को बेनकाब करना है.
  • मुस्लिमों में धर्म के प्रचार के नाम पर भारत के खिलाफ या हिन्दुओं के खिलाफ भड़काने वालों को बेनकाब कर कानून के हवाले करना है.
  • अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी जिहादियों के संगठनों एवं आतंकी मौलानाओं के भारत विरोधी मंसूबों से आम मुसलमानों के अवगत कराना है ताकि इनके चक्कर में मुसलमान न पड़े.
  • आतंकवादियों के जनाजे में शरीक होने वाले लोगों का भी पूर्ण बहिष्कार हो.
  • आतंकवादियों को फंड देने वाले, पनाह देने वाले एवं किसी भी तरह की मदद करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर भारत की नागरिकता समाप्त की जाए.
  • आतंकवादियों का समर्थन करने वाले राजनैतिक दलों के नेताओं को गिरफ्तार किया जाए.
  • इस्लामी आतंकियों और उनके संगठनों की सूची को सरेआम कर लोगों को जागरूक किया जाए.
  • पूरी दुनिया इस्लामी आतंकियों और उनके समर्थकों को जेल में डाले, सारे अधिकार खत्म कर मानवता के खिलाफ युद्ध छेड़ने वालों को उचित दंड दे.
  • आतंकवादियों और इस्लामी जिहादियों से डरने की जरूरत नहीं, इनसे मुकाबला करने की जरूरत है.
  • आतंकवादियों और जिहादियों के परिवार में निकाह और रिश्ता प्रतिबंधित किया जाए.
  • आतंकियों, जिहादियों एवं उनके परिवार के लोगों का मस्जिदों में प्रवेश प्रतिबंधित हो.
  • आतंकवादी (दहशतगर्द) मुखालफत मोर्चा देश के प्रत्येक हिस्से में अपना कार्यालय स्थापित करेगा और आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर इस्लामी आतंवादियों से भारत को मुक्त कराने का काम करेगा। अब आतंकवादी का धर्म भी पता चल जाएगा और उनको दफन होने की जमीन भी नहीं मिलेगी.
  • विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर मुस्लिमों को आतंकवादी संस्थाओं में शामिल कराने की योजना का एएमएम पर्दाफाश करेगा.
  • आतंकियों और इस्लामी जिहादियों के खिलाफ जंग लड़ रहे सामाजिक एवं धार्मिक नेताओं को उच्च स्तरीय सुरक्षा तत्काल सरकार दे.
  • नजमा परवीन, मो. अजहरुद्दीन, महंत बालक दास जी महाराज, नाज़नीन अंसारी, डॉ. राजीव श्रीवास्तव, अफसर बाबा को सुरक्षा मिले.

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