वाराणसी: डब्लूएचओ और एम्स के डॉक्टरों के चेतावनी के बाद तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह से मुस्तैद हैं .इसके तहत पीएम के संसदीय क्षेत्र के कौशल केंद्र में वॉर रूम बनाया गया है, जहां पूरे पूर्वांचल के फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें 2 से 3 माह के प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स के तहत एक लाख से भी ज्यादा कोरोना वॉरियर्स को तैयार किया जा रहा हैं.
वाराणसी के अर्दली बाजार स्थित एक बिल्डिंग में प्रधान मंत्री कौशल केंद्र चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत युवक-युवतियों को कई तरीके के हुनर सिखाया जाते हैं, जिससे कि रोजगार करने के लिए उनके पास हुनर हो. पीएम नरेंद्र मोदी के योजना के तहत यहां पैरामेडिकल स्टाफ़ को भी तैयार किया जा रहा है. यहां स्टाफ को तैयार करने के बाद उन्हें स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा जाएगा और वहां उनसे सेवा ली जाएगी.
तैयार किया गया है वॉर रूम
वाराणसी में तैयार किए गए वॉर रूम में एक बेड लगा हुआ है. जहां पर डमी रख कर के बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनर ने बताया कि इस रूम में चिकित्सकीय सुविधाओं का सभी सामान उपलब्ध है, जिसमें ऑक्सीजन, ब्लड प्रेशर मशीन,दवाइयों के बोतल,स्टैंड और ट्रेनिंग देने वाले डॉक्टर भी युवाओं को बेहतरीन ट्रेनिंग दे रहे हैं. यहां पर युवाओं को यह बताया जा रहा है कि एक डॉक्टर की मदद कैसे ली जा सकती है और कैसे कोविड-19 में मरीजों की देखभाल करनी है.
युवाओं में है गजब का उत्साह
यहां ट्रेनिंग लेने वाले युवा बताते हैं कि उन्हें यहां सब कुछ बहुत उत्साह के साथ सीखने को मिल रहा है. तीसरी लहर के लिए वह तैयारी कर रहे हैं और इस ट्रेनिंग के बाद उन्हें रोजगार भी मिल जाएगा. उनका कहना है कि उन्हें तीसरी लहर में देश के लिए सेवा करने का मौका मिलेगा. यह उनके लिए बड़ा इनाम है.
6 कस्टमाइज्ड जॉब के लिए कोरोना वारियर्स को ट्रेनिंग
संचालक ने बताया कि अभियान के तहत सभी लाभार्थियों को निशुल्क ट्रेनिंग,सर्टिफिकेट,भोजन व आवास सुविधा, काम पर प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड और प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इसके साथ ही उम्मीदवार को दो 2 लाख का दुर्घटना बीमा प्राप्त होगा. उन्होंने बताया कि जिससे इस कोर्स के तहत होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस केयर सपोर्ट, एमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट जैसी कस्टमाइज्ड जॉब के लिए ट्रेंनिग दी जा रही है.
276 करोड़ रुपये किए जा रहे हैं खर्च
इस कोर्स को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के केंद्रीय घटक के तहत तैयार किया गया है. इस कार्यक्रम में 276 करोड रुपये खर्च किया जाएगा. यह कार्यक्रम चिकित्सकीय क्षेत्र में भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए चलाया जा रहा है, जिसमें गैर चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मियों का निर्माण किया जाएगा, इससे भविष्य में आने वाली समस्याओं का सामना किया जा सके.