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Masik Shivratri 2022: मासिक शिवरात्रि आज, ये है पूजा- विधि और शुभ मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि व्रत 2022 आज है. सनातन पंचांग के अनुसार मास के दो अलग-अलग पक्ष में अलग-अलग तिथियों पर त्यौहार और पर्व के साथ व्रत का विशेष महत्व माना गया है और साल में एक बार पड़ने वाली महाशिवरात्रि की ही तरह हर महीने पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) का भी विशेष महत्व है.

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मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
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Published : Aug 25, 2022, 6:34 AM IST

वाराणसी: इस बार यह पावन पर्व यानी मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) आज है. भाद्रपद मास की मासिक शिवरात्रि पर शिवरात्रि पूजन के साथ ही रात्रि जागरण और शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन भगवान शिव के आगे घी का दीपक जलाकर उन्हें दूध अर्पित करने से आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तो आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.


मासिक शिवरात्रि के बारे में श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के सदस्य और ज्योतिषाचार्य पंडित प्रसाद दीक्षित बताते हैं कि यह पर्व भगवान शिव के पूजन के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है. जिस तरह से प्रदोष व्रत के बाद भगवान शिव का पूजन किया जाता है. वैसे मासिक शिवरात्रि अपने आप में हिंदू यानी सनातन पंचांग में विशेष महत्व रखने वाला दिन माना जाता है.

ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि पर बाबा भोलेनाथ के चार अलग-अलग समय चार अलग-अलग तरह के पूजन किए जाते हैं. चार पहर की पूजा से जीवन के 4 तरह के कष्टों का नाश होता है. सबसे पहली पूजा सुबह दूसरी दोपहर तीसरी पूजा शाम के वक्त और चतुर्थी पूजन रात्रि में जागरण के साथ होता है. चार पहर की 4 पूजा में शिवलिंग पर दूध जल अर्पित करने के साथ ही पंचामृत स्नान करवाया जाता है, यदि शिव का कोई मंत्र आपको नहीं आता तो सिर्फ ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए भगवान शिव को दूध याद जल अर्पित करें, क्योंकि ओम नमः शिवाय एक ऐसा मंत्र है जो सभी मंत्रों पर सर्वोपरि माना गया है.


पंडित प्रसाद दीक्षित करना है कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है और इस बार यह तिथि 25 अगस्त को सुबह 10:35 पर लग रही है, जो 26 अगस्त की दोपहर 12:23 तक रहेगी. इसलिए 25 अगस्त को मासिक शिवरात्रि का पूजा विधान उत्तम होगा.

वाराणसी: इस बार यह पावन पर्व यानी मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) आज है. भाद्रपद मास की मासिक शिवरात्रि पर शिवरात्रि पूजन के साथ ही रात्रि जागरण और शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन भगवान शिव के आगे घी का दीपक जलाकर उन्हें दूध अर्पित करने से आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तो आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.


मासिक शिवरात्रि के बारे में श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के सदस्य और ज्योतिषाचार्य पंडित प्रसाद दीक्षित बताते हैं कि यह पर्व भगवान शिव के पूजन के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है. जिस तरह से प्रदोष व्रत के बाद भगवान शिव का पूजन किया जाता है. वैसे मासिक शिवरात्रि अपने आप में हिंदू यानी सनातन पंचांग में विशेष महत्व रखने वाला दिन माना जाता है.

ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि पर बाबा भोलेनाथ के चार अलग-अलग समय चार अलग-अलग तरह के पूजन किए जाते हैं. चार पहर की पूजा से जीवन के 4 तरह के कष्टों का नाश होता है. सबसे पहली पूजा सुबह दूसरी दोपहर तीसरी पूजा शाम के वक्त और चतुर्थी पूजन रात्रि में जागरण के साथ होता है. चार पहर की 4 पूजा में शिवलिंग पर दूध जल अर्पित करने के साथ ही पंचामृत स्नान करवाया जाता है, यदि शिव का कोई मंत्र आपको नहीं आता तो सिर्फ ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए भगवान शिव को दूध याद जल अर्पित करें, क्योंकि ओम नमः शिवाय एक ऐसा मंत्र है जो सभी मंत्रों पर सर्वोपरि माना गया है.


पंडित प्रसाद दीक्षित करना है कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है और इस बार यह तिथि 25 अगस्त को सुबह 10:35 पर लग रही है, जो 26 अगस्त की दोपहर 12:23 तक रहेगी. इसलिए 25 अगस्त को मासिक शिवरात्रि का पूजा विधान उत्तम होगा.

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