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करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय जालसाज गैंग का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

पुलिस ने अंतरराज्यीय जालसाज गैंग (interstate fraud gang) के 4 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. 20 अप्रैल 2022 को चेतगंज थाने में बेंगलुरु की एक रेशम कंपनी के मैनेजर अंकित शुक्ल ने दो करोड़ नकद ठगी का मुकदमा दर्ज किया था.

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अंतरराज्यीय जालसाज गैंग का पर्दाफाश
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Published : Apr 29, 2022, 3:40 PM IST

Updated : Apr 29, 2022, 4:51 PM IST

वाराणसी : पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी ए. सतीश गणेश (Police Commissioner Commissionerate Varanasi A. Satish Ganesh) द्वारा चलाए जा रहे अपराध नियंत्रण और अपराधियों के खिलाफ अभियान में सर्विलांस सेल, क्राइम ब्रांच और थाना चेतगंज की संयुक्त पुलिस टीम को अंतरराज्यीय जालसाज गैंग के 4 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. वहीं, पुलिस ने इनके कब्जे से एक करोड़ 87 लाख रुपये नकद बरामद किया है. इन चारों अभियुक्तों की पहचान पंकज भारद्वाज, रोहन खिची, तरुन गौतम और सचिन शर्मा के रूप में हुई है.

पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी ए. सतीश गणेश

दरअसल, 20 अप्रैल 2022 को चेतगंज थाने में बेंगलुरु की एक रेशम कंपनी के मैनेजर अंकित शुक्ल ने दो करोड़ नकद ठगी का मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत करके दोनों ठगों की तलाश कर रही थी. इसके लिए पुलिस की तीन टीमों को लगाया गया था. जालसाजी की इस चुनौतीपूर्ण घटना के खुलासे के लिए पुलिस आयुक्त वाराणसी ने प्रभारी सर्विलांस सेल, क्राइम ब्रांच और थाना चेतगंज की पुलिस को सम्मिलित कर तीन टीमें बनाकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. तीनों टीमों ने आपसी सुरागरसी, सीसीटीवी फुटेज, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मुखबिर की सूचना के आधार पर घटना में शामिल अभियुक्तों को ट्रेस किया. इनकी लोकेशन दिल्ली और मुम्बई प्राप्त हुई.

इसे भी पढ़ेंः यूपी का माफिया राज: पूर्वांचल का वो खूंखार माफिया जो 9 गोली लगने के बाद मुर्दाघर से बाहर आया जिंदा

अभियुक्त ने पूछताछ में घटना के मास्टरमाइंड सचिन शर्मा के बारे में बताया. इसी के आधार पर दिल्ली में मौजूद पुलिस टीम ने दिनांक 28 अप्रैल को कौशांबी बस स्टैंड के समीप गाजियाबाद से गिरफ्तार किया. इनके कब्जे से जालसाजी कर हड़पी गई रकम 1.87 करोड़ रुपये बरामद की गई. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अभियुक्तों ने अभिषेक गोयल और यश मित्तल के नाम से फर्जी नाम और पता बता कर जीएसटी बचाने और इन्वेस्टमेंट कर भारी मुनाफा दिलाने के नाम लगभग 2 करोड़ की सौदेबाजी की.

उसके बाद मलदहिया में फर्जी नाम पर किराये पर एक ऑफिस भी खोला. अभिषेक गोयल बने फ्रॉड व्यक्ति ने पीड़ित अंकित शुक्ल और उनके साले अश्विनी पांडे को बताया कि मलदहिया स्थित उनके ऑफिस में उनका चार्टर्ड अकाउंटेंट यश मित्तल के पास पैसे जमा करा दें तो वह जीएसटी बचाते हुए 2 करोड़ को अकाउंट में जमा करा देगा.

इसे भी पढ़ेंः क्राइम पर ईटीवी भारत की खास सीरीज़ यूपी का 'माफिया राज'

इस पर विश्वास कर अंकित और उनके साले 20 अप्रैल को उनके बताए हुए ऑफिस पहुंचे. यहां पर योजना के तहत पहले से मौजूद यश मित्तल उर्फ तरुण गौतम मौजूद मिला. ऑफिस में उसके साथ दो बाउंसर/ सुरक्षा गार्ड थे. वहीं, अंकित के रुपये देने पर यह लोग ऑफिस के पिछले दरवाजे से रुपये लेकर फरार हो गए. वहीं, गिरफ्तार इन चारों अभियुक्तों को आज न्यायलय में पेश किया जाएगा. अभियुक्तों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम इंस्पेक्टर अंजनी पांडेय, उपनिरीक्षक राज कुमार पांडेय, उपनिरीक्षक सूरज तिवारी सहित पूरी टीम को ACS Home ने एक लाख रुपये के पुरुस्कार देने की घोषणा की है.

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वाराणसी : पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी ए. सतीश गणेश (Police Commissioner Commissionerate Varanasi A. Satish Ganesh) द्वारा चलाए जा रहे अपराध नियंत्रण और अपराधियों के खिलाफ अभियान में सर्विलांस सेल, क्राइम ब्रांच और थाना चेतगंज की संयुक्त पुलिस टीम को अंतरराज्यीय जालसाज गैंग के 4 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. वहीं, पुलिस ने इनके कब्जे से एक करोड़ 87 लाख रुपये नकद बरामद किया है. इन चारों अभियुक्तों की पहचान पंकज भारद्वाज, रोहन खिची, तरुन गौतम और सचिन शर्मा के रूप में हुई है.

पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी ए. सतीश गणेश

दरअसल, 20 अप्रैल 2022 को चेतगंज थाने में बेंगलुरु की एक रेशम कंपनी के मैनेजर अंकित शुक्ल ने दो करोड़ नकद ठगी का मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत करके दोनों ठगों की तलाश कर रही थी. इसके लिए पुलिस की तीन टीमों को लगाया गया था. जालसाजी की इस चुनौतीपूर्ण घटना के खुलासे के लिए पुलिस आयुक्त वाराणसी ने प्रभारी सर्विलांस सेल, क्राइम ब्रांच और थाना चेतगंज की पुलिस को सम्मिलित कर तीन टीमें बनाकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. तीनों टीमों ने आपसी सुरागरसी, सीसीटीवी फुटेज, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मुखबिर की सूचना के आधार पर घटना में शामिल अभियुक्तों को ट्रेस किया. इनकी लोकेशन दिल्ली और मुम्बई प्राप्त हुई.

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अभियुक्त ने पूछताछ में घटना के मास्टरमाइंड सचिन शर्मा के बारे में बताया. इसी के आधार पर दिल्ली में मौजूद पुलिस टीम ने दिनांक 28 अप्रैल को कौशांबी बस स्टैंड के समीप गाजियाबाद से गिरफ्तार किया. इनके कब्जे से जालसाजी कर हड़पी गई रकम 1.87 करोड़ रुपये बरामद की गई. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अभियुक्तों ने अभिषेक गोयल और यश मित्तल के नाम से फर्जी नाम और पता बता कर जीएसटी बचाने और इन्वेस्टमेंट कर भारी मुनाफा दिलाने के नाम लगभग 2 करोड़ की सौदेबाजी की.

उसके बाद मलदहिया में फर्जी नाम पर किराये पर एक ऑफिस भी खोला. अभिषेक गोयल बने फ्रॉड व्यक्ति ने पीड़ित अंकित शुक्ल और उनके साले अश्विनी पांडे को बताया कि मलदहिया स्थित उनके ऑफिस में उनका चार्टर्ड अकाउंटेंट यश मित्तल के पास पैसे जमा करा दें तो वह जीएसटी बचाते हुए 2 करोड़ को अकाउंट में जमा करा देगा.

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इस पर विश्वास कर अंकित और उनके साले 20 अप्रैल को उनके बताए हुए ऑफिस पहुंचे. यहां पर योजना के तहत पहले से मौजूद यश मित्तल उर्फ तरुण गौतम मौजूद मिला. ऑफिस में उसके साथ दो बाउंसर/ सुरक्षा गार्ड थे. वहीं, अंकित के रुपये देने पर यह लोग ऑफिस के पिछले दरवाजे से रुपये लेकर फरार हो गए. वहीं, गिरफ्तार इन चारों अभियुक्तों को आज न्यायलय में पेश किया जाएगा. अभियुक्तों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम इंस्पेक्टर अंजनी पांडेय, उपनिरीक्षक राज कुमार पांडेय, उपनिरीक्षक सूरज तिवारी सहित पूरी टीम को ACS Home ने एक लाख रुपये के पुरुस्कार देने की घोषणा की है.

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Last Updated : Apr 29, 2022, 4:51 PM IST
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