वाराणसीः ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्यवाही के दौरान वजू स्थल पर मिले शिवलिंग पर आपत्तिजनक बयानबाजी करने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), एआईएआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) सहित अन्य अज्ञात पर मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं, इस पर मंगलवार को जिला कोर्ट में सुनवाई होनी थी. एसीजेएम पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत में अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने आवेदन दाखिल किया था. लेकिन एसीजेएम पंचम की कोर्ट खाली रहने के कारण लिंक कोर्ट एसीजेएम तृतीय नितेश सिन्हा की अदालत में पत्रावली पेश की गई. जिस पर अदालत ने कहा कि उसे सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है. अवकाश के बाद नियमित कोर्ट एसीजेएम पंचम की ही अदालत ही सुनवाई करेगी. वहीं कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 27 जून की तय की है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि 'अधिवक्ता हरिशंकर पाण्डेय ने 156-3 में एक केस फाइल किया है, जिसकी पोषणीयता पर आज सुनवाई होनी थी. बड़ा दुर्भाग्य है कि पोषणीयता पर ये मैटर महीने से चल रहा है और कोर्ट उसको डिसाइड नहीं कर रही है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 156-3 के बारे में बहुत ही क्लियर जजमेंट दे रखा है. इस मुकदमे में अधिवक्ता हरिशंकर पाण्डेय ने काफी एविडेंस कोर्ट को दिए हुए हैं.' अधिवक्ता रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि 'मेन कोर्ट छुट्टी पर है. जो लिंक कोर्ट है वो कहती है, हमें पावर नहीं सुनने की, जबकि सेक्शन 177 CRPC बाकायदा कहता है कि आप उसको सुन सकते हैं. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथि 27 जून की तय की है.'
उल्लेखनीय है कि एसीजेएम पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत में अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने आवेदन दाखिल किया था. उन्होंने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सहित अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों समेत यहां नमाज पढ़ने जाने वाले 2000 से ज्यादा लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी.
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हरिशंकर पांडेय ने आरोप लगाया था कि ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान वजू स्थल के पास शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वहां वजू करने, थूकने और धार्मिक उन्माद फैलाने संबंधित बयानबाजी नारेबाजी की बात कोर्ट में कही थी. जिस पर कोर्ट ने कुछ साक्ष्य मांगे थे और इससे सुनवाई योग्य माना जाएगा या नहीं इस पर फैसला देने के लिए 14 जून की तिथि मुकर्रर की थी.
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