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ये आसान सी युक्ति, दिला सकती है एनीमिया से मुक्ति, जाने कैसे

सरकार गर्भवती महिलाओं (pregnant women) के स्वास्थ्य पर खासा ध्यान दे रही है. इसके लिए बकायदा राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग इस पोषण माह में गर्भवती महिलाओं को एनीमिया की बीमारी के प्रति जागरूक कर रहा है.

एक मुट्ठी गुड़ और चना
एक मुट्ठी गुड़ और चना
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Published : Sep 14, 2022, 3:18 PM IST

Updated : Sep 14, 2022, 3:35 PM IST

वाराणसी : सरकार गर्भवती महिलाओं (pregnant women) के स्वास्थ्य पर खासा ध्यान दे रही है. इसके लिए बकायदा राष्ट्रीय पोषण माह का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग इस पोषण माह में गर्भवती महिलाओं को एनीमिया की बीमारी के प्रति जागरूक कर रहा है. क्योंकि गर्भधारण या शिशु के जन्म के पश्चात एनीमिया बेहद सहजता से उत्पन्न हो जाती है, जो अनदेखा करने पर बेहद घातक साबित हो सकती है. इसको लेकर लोगों को न सिर्फ इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है, बल्कि आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गांव-गांव जाकर दीवारों पर स्लोगन भी लिखा जा रहा है, साथ ही एनीमिया से बचने के घरेलू उपाय भी बताये जा रहे हैं.



दरअसल, राष्ट्रीय पोषण माह के तहत वाराणसी में इस सप्ताह किशोरी, गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्वास्थ्य व पोषण देखभाल के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ऐसे में खून की कमी यानी एनीमिया दूर करने के लिए आयरन व प्रोटीन युक्त आहार के विषय मे जागरूक किया जा रहा है. साथ-साथ घरेलू उपायों नियमित पालन की सलाह भी दी जा रही है.

दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन लिख रहीं महिलाएं
दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन लिख रहीं महिलाएं

दूर होगी खून की कमी : जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह का कहना है कि शरीर में खून की कमी हो जाना एक आम समस्या है. जिसे यदि नजरअंदाज कर दिया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है. कई बार कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए महिलाएं गुड़ और चना भुना या अंकुरित खाना पसंद करती हैं. खास बात यह है कि उनकी ये पसंद कब्ज़ के अलावा एनीमिया रोग को दूर करने में काफी मददगार साबित होती है. उन्होंने कहा कि संतुलित व स्वस्थ आहार के साथ “एक मुट्ठी गुड़ और चना” के जरिए भी इस बीमारी को दूर किया जा सकता है. आगे वो बताते हैं कि गांव-गांव महिलाओं को जागरूक करने के लिए आशा कार्यकर्ता उनके घर जा रही हैं, वह दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन भी लिख रही हैं.

दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन लिख रहीं महिलाएं
दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन लिख रहीं महिलाएं




वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा रानी ने बताया कि गुड़ और चना हमारा क्षेत्रीय भोजन है, जो कि आसानी से हर घर में उपलब्ध हो सकता है. एनीमिया के कारण शरीर में थकान, कमजोरी व चिड़चिड़ापन आता है. अगर नियमित रूप से एक मुट्ठी चना और एक भेली गुड़ का सेवन करते हैं तो एनीमिया से मुक्त रहेंगे.

क्या है एनीमिया : रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाला एनीमिया रोग ज्यादातर महिलाओं और किशोरियों में देखने को मिलता है. खास तौर से आयरन की कमी के कारण यह समस्या सामने आती है, जिसमें थकान, चिड़चिड़ाहट और कमजोरी महसूस होना आम बात है. ऐसे में महिलाएं आयरन से भरपूर आहार का सेवन करें, जिससे हीमोग्लोबिन का स्तर कम न हो. गुड़ और चना खाने से आयरन अधिक मात्रा में मिलता है. गुड़ में उच्च मात्रा में आयरन होता है और भुने हुए चने में आयरन के साथ-साथ प्रोटीन भी सही मात्रा में पाया जाता है. इस तरह से रोज़ एक मुट्टी गुड़ और चने को मिलाकर खाने से पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है.

यह भी पढ़ें : आखिर अचानक हिंसक क्यों हो रहे पालतू डॉग? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

क्या कहते हैं आंकड़े : नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे 2015-16 के आंकड़े के अनुसार जनपद में 15 से 49 साल के मध्य उम्र वाली 50.9% महिलाएं एनीमिक थीं, जबकि एनएफ़एचएस-5 2019-21 में कम होकर 37.6% हो गयी. एनएफ़एचएस-4 के अनुसार, जिले की 15 से 19 साल की 50.3 % किशोरियां एनीमिक थीं. जबकि एनएफ़एचएस-5 में यह कम होकर 42% रह गयी हैं. देखा जाए तो महिलाओं और किशोरियों में एनीमिया के स्तर पर सुधार हो रहा.

यह भी पढ़ें : एएमयू टीचर्स चुनाव: पहली बार अध्यक्ष बनेगी कोई महिला, सौ साल के इतिहास में दो हिंदू सदस्य चुने गए

वाराणसी : सरकार गर्भवती महिलाओं (pregnant women) के स्वास्थ्य पर खासा ध्यान दे रही है. इसके लिए बकायदा राष्ट्रीय पोषण माह का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग इस पोषण माह में गर्भवती महिलाओं को एनीमिया की बीमारी के प्रति जागरूक कर रहा है. क्योंकि गर्भधारण या शिशु के जन्म के पश्चात एनीमिया बेहद सहजता से उत्पन्न हो जाती है, जो अनदेखा करने पर बेहद घातक साबित हो सकती है. इसको लेकर लोगों को न सिर्फ इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है, बल्कि आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गांव-गांव जाकर दीवारों पर स्लोगन भी लिखा जा रहा है, साथ ही एनीमिया से बचने के घरेलू उपाय भी बताये जा रहे हैं.



दरअसल, राष्ट्रीय पोषण माह के तहत वाराणसी में इस सप्ताह किशोरी, गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्वास्थ्य व पोषण देखभाल के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ऐसे में खून की कमी यानी एनीमिया दूर करने के लिए आयरन व प्रोटीन युक्त आहार के विषय मे जागरूक किया जा रहा है. साथ-साथ घरेलू उपायों नियमित पालन की सलाह भी दी जा रही है.

दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन लिख रहीं महिलाएं
दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन लिख रहीं महिलाएं

दूर होगी खून की कमी : जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह का कहना है कि शरीर में खून की कमी हो जाना एक आम समस्या है. जिसे यदि नजरअंदाज कर दिया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है. कई बार कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए महिलाएं गुड़ और चना भुना या अंकुरित खाना पसंद करती हैं. खास बात यह है कि उनकी ये पसंद कब्ज़ के अलावा एनीमिया रोग को दूर करने में काफी मददगार साबित होती है. उन्होंने कहा कि संतुलित व स्वस्थ आहार के साथ “एक मुट्ठी गुड़ और चना” के जरिए भी इस बीमारी को दूर किया जा सकता है. आगे वो बताते हैं कि गांव-गांव महिलाओं को जागरूक करने के लिए आशा कार्यकर्ता उनके घर जा रही हैं, वह दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन भी लिख रही हैं.

दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन लिख रहीं महिलाएं
दीवार पर एक मुट्ठी गुड़ और चना जरूरी का स्लोगन लिख रहीं महिलाएं




वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा रानी ने बताया कि गुड़ और चना हमारा क्षेत्रीय भोजन है, जो कि आसानी से हर घर में उपलब्ध हो सकता है. एनीमिया के कारण शरीर में थकान, कमजोरी व चिड़चिड़ापन आता है. अगर नियमित रूप से एक मुट्ठी चना और एक भेली गुड़ का सेवन करते हैं तो एनीमिया से मुक्त रहेंगे.

क्या है एनीमिया : रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाला एनीमिया रोग ज्यादातर महिलाओं और किशोरियों में देखने को मिलता है. खास तौर से आयरन की कमी के कारण यह समस्या सामने आती है, जिसमें थकान, चिड़चिड़ाहट और कमजोरी महसूस होना आम बात है. ऐसे में महिलाएं आयरन से भरपूर आहार का सेवन करें, जिससे हीमोग्लोबिन का स्तर कम न हो. गुड़ और चना खाने से आयरन अधिक मात्रा में मिलता है. गुड़ में उच्च मात्रा में आयरन होता है और भुने हुए चने में आयरन के साथ-साथ प्रोटीन भी सही मात्रा में पाया जाता है. इस तरह से रोज़ एक मुट्टी गुड़ और चने को मिलाकर खाने से पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है.

यह भी पढ़ें : आखिर अचानक हिंसक क्यों हो रहे पालतू डॉग? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

क्या कहते हैं आंकड़े : नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे 2015-16 के आंकड़े के अनुसार जनपद में 15 से 49 साल के मध्य उम्र वाली 50.9% महिलाएं एनीमिक थीं, जबकि एनएफ़एचएस-5 2019-21 में कम होकर 37.6% हो गयी. एनएफ़एचएस-4 के अनुसार, जिले की 15 से 19 साल की 50.3 % किशोरियां एनीमिक थीं. जबकि एनएफ़एचएस-5 में यह कम होकर 42% रह गयी हैं. देखा जाए तो महिलाओं और किशोरियों में एनीमिया के स्तर पर सुधार हो रहा.

यह भी पढ़ें : एएमयू टीचर्स चुनाव: पहली बार अध्यक्ष बनेगी कोई महिला, सौ साल के इतिहास में दो हिंदू सदस्य चुने गए

Last Updated : Sep 14, 2022, 3:35 PM IST
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