वाराणसी: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई सोमवार को वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में हुई. सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से अधिवक्ता ने इस मामले में वादी महिलाओं की दलील पर जवाबी बहस की. एडवोकेट शमीम अहमद ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है. यह वक्फ संपत्ति के तौर पर ही दर्ज भी है. इसलिए ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित मसले की सुनवाई का अधिकार सिविल कोर्ट को नहीं है, बल्कि वक्फ बोर्ड को है.
कोर्ट में वादी और प्रतिवादी पक्ष में यह सहमति बनी है कि मसाजिद कमेटी 23 अगस्त को भी अपनी जवाबी बहस जारी रखेगी. उसके बाद वादी महिलाओं के एडवोकेट मसजिद कमेटी की जवाबी बहस का प्रतिउत्तर देंगे. बता दें कि श्रृंगार गौरी केस की पिछली सुनवाई 18 अगस्त को हुई थी. उस दिन कोर्ट में मसाजिद कमेटी की ओर से कहा गया था कि उनके दिवंगत अधिवक्ता अभय नाथ यादव की जगह अब मुकदमें की पैरवी एडवोकेट योगेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ मधु बाबू और शमीम अहमद करेंगे. दोनों एडवोकेट को मुकदमें को समझने और तैयारी के लिए 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाए.
इस पर अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 22 अगस्त निर्धारित की थी. कोर्ट ने कहा था कि अब इससे ज्यादा समय तैयारी के लिए नहीं दिया जाएगा. इस मामनले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में की जा रही है. इसे विलंबित नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने मसाजिद कमेटी पर लेट-लतीफी के लिए 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
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बता दें कि 4 अगस्त को कोर्ट में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता अभय नाथ यादव के निधन संबंधी सूचना देते हुए प्रार्थना पत्र दिया गया था. कोर्ट को बताया गया था, कि मुकदमें से संबंधित फाइल अभय नाथ यादव के चेंबर में होने की वजह से जवाबी बहस की तैयारी नहीं की जा सकी है. इसलिए मुकदमें की सुनवाई स्थगित करके अगली डेट 15 दिन के बाद निर्धारित की जाए. इस पर जिला जज की कोर्ट ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 18 अगस्त तय कर दी थी.
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