ETV Bharat / city

UP MLC Election 2022: क्या बनारस की सीट पर 24 साल बाद टूटेगा इस बाहुबली परिवार का तिलिस्म - वाराणसी समाचार हिंदी में

यूपी विधान परिषद चुनाव (UP MLC Election 2022) की प्रक्रिया चल रही है. बनारस की सीट पर 24 सालों से एक बाहुबली परिवार का ही कब्जा है. वर्तमान में बृजेश सिंह एमएलसी हैं.

ईटीवी भारत
mlc election 2022 in varanasi
author img

By

Published : Mar 16, 2022, 10:31 PM IST

वाराणसी: बनारस सियासत के मामले में अब काफी आगे निकलता जा रहा है. धर्म और आस्था की नगरी होने के बाद सियासी समीकरण के लिए बनारस को हर कोई साधने की कोशिश करता है. माना जाता है कि जिसने बनारस साधा उसने पूर्वांचल की तमाम सीटों को भी साथ लिया. शायद यही वजह है कि लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव या फिर स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन की प्रक्रिया हर चुनाव में बनारस से सियासी समीकरण सेट करने की कोशिश हर राजनैतिक दल करता है.

वर्तमान में एमएलसी चुनाव (UP MLC Election 2022) की अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन की प्रक्रिया जारी है. बनारस की सीट पर पिछले 24 साल से एक बाहुबली परिवार का ही कब्जा है. यह बाहुबली परिवार पूर्वांचल के नामी बृजेश सिंह का है वर्तमान में बृजेश सिंह एमएलसी हैं. इस बार भी नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद बृजेश सिंह और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा से दोनों का नामांकन दाखिल हो चुका है.

नामांकन दाखिल करने के लिए बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा बुधवार को पहुंची थीं. यहां उन्होंने अपना और पति दोनों का नामांकन पत्र दाखिल किया. बताने की वजह से वर्तमान में वाराणसी के सेंट्रल जेल में बंद है और कई मामलों में अभी उन पर मामले विचाराधीन हैं. पिछले 24 साल से उनका ही परिवार इस सीट पर काबिज रहा है. बृजेश के बड़े भाई उदय नाथ उर्फ चुलबुल सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर दो बार एमएलसी रह चुके हैं. वहीं बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह बसपा के टिकट पर एमएलसी रह चुकी हैं. 2016 में खुद बृजेश सिंह ने अपनी किस्मत आजमाई और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को शिकस्त देकर एक बार फिर से अपने परिवार का दबदबा इस सीट पर बरकरार रखा.

बुधवार को बृजेश सिंह और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह का नामांकन पत्र दाखिल किया गया. बृजेश जेल में है और उनका नामांकन पत्र उनकी पत्नी ने दाखिल किया. जब फरवरी के महीने में एमएलसी चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हुई थी. उस वक्त बृजेश और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा दोनों ने नामांकन के लिए पर्चे खरीदे थे. एक बार फिर से बृजेश के नामांकन को लेकर राजनैतिक सरगर्मी ज्यादा तेज हो गई है.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर


इसकी बड़ी वजह यह है कि 2016 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने पीछे से बृजेश सिंह को समर्थन कर दिया था. इस बार भी अब तक किसी भी दल ने एमएलसी चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार भी या तो कमजोर प्रत्याशी के साथ मैदान में उतरेगी या फिर बैक डोर से बृजेश का ही समर्थन करेगी. बीजेपी खुलकर सामने इसलिए नहीं आना चाहती क्योंकि बाहुबली या माफियावाद से दूर रहने का दम भरने वाली बीजेपी बैक डोर से ही अपने समर्थन को जारी रखते हुए अपनी छवि को बेदाग बनाए रखने की भी कोशिश करना चाह रही है.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी अपने पिछले फॉर्मूले पर ही काम करते हुए इस चुनाव को जीतना चाह रही है. यूपी में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी के लिए एमएलसी चुनाव भी सम्मान का प्रश्न है. इसलिए बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी की तरफ से प्रत्याशी चयन के लिए पैनल का गठन किया जा रहा है. ये पैनल फैसला करेगा. वहीं समाजवादी पार्टी ने तो प्रत्याशी की घोषणा कर दी है, लेकिन नामांकन दाखिल नहीं किया गया है.

वहीं कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी भी मजबूत चेहरे को सामने लाना चाह रही है, ताकि एक परिवार के कब्जे को तोड़कर वाराणसी परिक्षेत्र कि इस सीट पर विपक्ष का कब्जा हो जाए. वाराणसी में प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र में वाराणसी, भदोही और चंदौली जिले शामिल हैं. इन तीनों जिले के ग्राम प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, पार्षद के अलावा सांसद, विधायक समेत प्राधिकरण में निर्वाचित अन्य सदस्य मतदान करते हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: बनारस सियासत के मामले में अब काफी आगे निकलता जा रहा है. धर्म और आस्था की नगरी होने के बाद सियासी समीकरण के लिए बनारस को हर कोई साधने की कोशिश करता है. माना जाता है कि जिसने बनारस साधा उसने पूर्वांचल की तमाम सीटों को भी साथ लिया. शायद यही वजह है कि लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव या फिर स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन की प्रक्रिया हर चुनाव में बनारस से सियासी समीकरण सेट करने की कोशिश हर राजनैतिक दल करता है.

वर्तमान में एमएलसी चुनाव (UP MLC Election 2022) की अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन की प्रक्रिया जारी है. बनारस की सीट पर पिछले 24 साल से एक बाहुबली परिवार का ही कब्जा है. यह बाहुबली परिवार पूर्वांचल के नामी बृजेश सिंह का है वर्तमान में बृजेश सिंह एमएलसी हैं. इस बार भी नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद बृजेश सिंह और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा से दोनों का नामांकन दाखिल हो चुका है.

नामांकन दाखिल करने के लिए बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा बुधवार को पहुंची थीं. यहां उन्होंने अपना और पति दोनों का नामांकन पत्र दाखिल किया. बताने की वजह से वर्तमान में वाराणसी के सेंट्रल जेल में बंद है और कई मामलों में अभी उन पर मामले विचाराधीन हैं. पिछले 24 साल से उनका ही परिवार इस सीट पर काबिज रहा है. बृजेश के बड़े भाई उदय नाथ उर्फ चुलबुल सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर दो बार एमएलसी रह चुके हैं. वहीं बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह बसपा के टिकट पर एमएलसी रह चुकी हैं. 2016 में खुद बृजेश सिंह ने अपनी किस्मत आजमाई और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को शिकस्त देकर एक बार फिर से अपने परिवार का दबदबा इस सीट पर बरकरार रखा.

बुधवार को बृजेश सिंह और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह का नामांकन पत्र दाखिल किया गया. बृजेश जेल में है और उनका नामांकन पत्र उनकी पत्नी ने दाखिल किया. जब फरवरी के महीने में एमएलसी चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हुई थी. उस वक्त बृजेश और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा दोनों ने नामांकन के लिए पर्चे खरीदे थे. एक बार फिर से बृजेश के नामांकन को लेकर राजनैतिक सरगर्मी ज्यादा तेज हो गई है.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर


इसकी बड़ी वजह यह है कि 2016 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने पीछे से बृजेश सिंह को समर्थन कर दिया था. इस बार भी अब तक किसी भी दल ने एमएलसी चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार भी या तो कमजोर प्रत्याशी के साथ मैदान में उतरेगी या फिर बैक डोर से बृजेश का ही समर्थन करेगी. बीजेपी खुलकर सामने इसलिए नहीं आना चाहती क्योंकि बाहुबली या माफियावाद से दूर रहने का दम भरने वाली बीजेपी बैक डोर से ही अपने समर्थन को जारी रखते हुए अपनी छवि को बेदाग बनाए रखने की भी कोशिश करना चाह रही है.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी अपने पिछले फॉर्मूले पर ही काम करते हुए इस चुनाव को जीतना चाह रही है. यूपी में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी के लिए एमएलसी चुनाव भी सम्मान का प्रश्न है. इसलिए बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी की तरफ से प्रत्याशी चयन के लिए पैनल का गठन किया जा रहा है. ये पैनल फैसला करेगा. वहीं समाजवादी पार्टी ने तो प्रत्याशी की घोषणा कर दी है, लेकिन नामांकन दाखिल नहीं किया गया है.

वहीं कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी भी मजबूत चेहरे को सामने लाना चाह रही है, ताकि एक परिवार के कब्जे को तोड़कर वाराणसी परिक्षेत्र कि इस सीट पर विपक्ष का कब्जा हो जाए. वाराणसी में प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र में वाराणसी, भदोही और चंदौली जिले शामिल हैं. इन तीनों जिले के ग्राम प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, पार्षद के अलावा सांसद, विधायक समेत प्राधिकरण में निर्वाचित अन्य सदस्य मतदान करते हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.