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वाराणसी जिला प्रशासन की पहल, घरों में ही किया जाएगा कोरोना का इलाज - वाराणसी में मोबाइल वार्ड क्लीनिक

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने 15 मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहनों को हरी झंडी दिखाई है. इसके जरिए डॉक्टर मोहल्लों में जाकर मरीजों को इलाज सुनिश्चित कराया जाएगा.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा
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Published : Jul 17, 2020, 1:48 AM IST

वाराणसी: जिले में विगत 15 दिनों के अंदर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में हुए बढ़ोतरी को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. अब कोरोना लक्षणों की जांच एवं इलाज के लिए लोगों को ओपीडी एवं अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि उनके मोहल्ले में ही डॉक्टर जाकर उनकी जांच कर इलाज सुनिश्चित करेंगे.

मोबाइल वार्ड क्लीनिक को दिखाई हरी झंडी

वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा गुरुवार को शुरू की गई इस नए व्यवस्था के 15 मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहनों को कमिश्नर दीपक अग्रवाल एवं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कमिश्नरी स्थित कार्यालय परिसर से संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मोबाइल वार्ड क्लीनिक के माध्यम से एक माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत प्रत्येक थाना क्षेत्र में एक-एक मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहन आगामी एक माह तक चक्कर लगाएंगी. इस दौरान मोहल्ले में लाउड हेलर, आशा एवं एएनएम के माध्यम से लोगों को एकत्र कर उनकी मौके पर ही स्क्रीनिंग एवं जांच कराई जाएगी. कोरोना के लक्षण मिलने पर संबंधित व्यक्ति का मौके पर ही इलाज शुरू कर दिया जाएगा. इस सुविधा के शुरु होने से अब लोगों को ओपीडी, ईएसआई एवं अन्य अस्पतालों में आने की जरूरत नहीं होगी.

बढ़ते मरीजों को देखते हुए की गई व्यवस्था

जिलाधिकारी ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि विगत 15 दिनों में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए यह व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है, ताकि कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाया जा सके. उन्होंने बताया कि इस मोबाइल वार्ड क्लीनिक द्वारा जिन लोगों को शुगर एवं ब्लड प्रेशर आदि की बीमारी पूर्व से है, उनका भी इलाज किया जाएगा, ताकि वे भविष्य में कोरोना वायरस से संक्रमित न होने पाए. उन्होंने बताया कि मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहन में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं एवं मेडिकल जांच उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है.

आवश्यकतानुसार डॉक्टर और पैरामेडिकल की होगी व्यवस्था

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जनपद में सभी कोरोना संक्रमित मरीजों की पूरी तरह देखभाल एवं इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि होम क्वारंटीन की आवश्यकता नहीं है. जिलाधिकारी ने बताया कि वाराणसी में 800 से अधिक कोरोना के एक्टिव मरीज हैं, सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या एक हजार भी हो जाएगी तो भी कोई परेशानी नहीं होगी. डीएम ने कहा कि तीन हजार तक भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो कुछ स्कूल भवन चिन्हित किए गए हैं, उन्हें अस्पताल में कन्वर्ट करके मरीजों का इलाज सुनिश्चित कराया जाएगा.

उन्होंने बताया कि कुछ निजी विद्यालय जो अच्छी हालत में हैं, उनके प्रबंधन से वार्ता करके सूची तैयार कर ली गई है, कुछ इंटर कॉलेज भवन में भी जरूरत के अनुसार बेड एवं डॉक्टर तथा पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की जाएगा. इसके साथ ही यदि आवश्यकता पड़ी तो शहर के कुछ चिकित्सालयों के बेड, वहां के स्वास्थकर्मी तथा वेंटीलेटर आदि को सरकारी अस्पताल से जोड़कर भी चलाया जाएगा और यदि जरूरत नहीं पड़ा तो सरकारी अस्पताल में ही इलाज होता रहेगा.

बीएचयू में 400 बेडों की व्यवस्था

जिलाधिकारी ने बताया कि मैन पावर एवं लैब टेक्नीशियन की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि जिले में A सिंप्टोमेटिक मरीजों की संख्या ज्यादा है, जो वास्तव में चिंता का विषय है, लेकिन जिला प्रशासन सभी के स्वास्थ्य की पूरी तरह देखभाल करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि बीएचयू में 400 बेडों की व्यवस्था है, अभी वहां पर केवल 150 बेड क्षमता का संचालन हो रहा है. उन्होंने बताया कि जरूरत के अनुसार 50-50 बेड की बढ़ोतरी करके जरूरत के अनुसार पूरी क्षमता पर इसे संचालित कराया जाएगा.

वाराणसी: जिले में विगत 15 दिनों के अंदर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में हुए बढ़ोतरी को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. अब कोरोना लक्षणों की जांच एवं इलाज के लिए लोगों को ओपीडी एवं अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि उनके मोहल्ले में ही डॉक्टर जाकर उनकी जांच कर इलाज सुनिश्चित करेंगे.

मोबाइल वार्ड क्लीनिक को दिखाई हरी झंडी

वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा गुरुवार को शुरू की गई इस नए व्यवस्था के 15 मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहनों को कमिश्नर दीपक अग्रवाल एवं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कमिश्नरी स्थित कार्यालय परिसर से संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मोबाइल वार्ड क्लीनिक के माध्यम से एक माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत प्रत्येक थाना क्षेत्र में एक-एक मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहन आगामी एक माह तक चक्कर लगाएंगी. इस दौरान मोहल्ले में लाउड हेलर, आशा एवं एएनएम के माध्यम से लोगों को एकत्र कर उनकी मौके पर ही स्क्रीनिंग एवं जांच कराई जाएगी. कोरोना के लक्षण मिलने पर संबंधित व्यक्ति का मौके पर ही इलाज शुरू कर दिया जाएगा. इस सुविधा के शुरु होने से अब लोगों को ओपीडी, ईएसआई एवं अन्य अस्पतालों में आने की जरूरत नहीं होगी.

बढ़ते मरीजों को देखते हुए की गई व्यवस्था

जिलाधिकारी ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि विगत 15 दिनों में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए यह व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है, ताकि कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाया जा सके. उन्होंने बताया कि इस मोबाइल वार्ड क्लीनिक द्वारा जिन लोगों को शुगर एवं ब्लड प्रेशर आदि की बीमारी पूर्व से है, उनका भी इलाज किया जाएगा, ताकि वे भविष्य में कोरोना वायरस से संक्रमित न होने पाए. उन्होंने बताया कि मोबाइल वार्ड क्लीनिक वाहन में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं एवं मेडिकल जांच उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है.

आवश्यकतानुसार डॉक्टर और पैरामेडिकल की होगी व्यवस्था

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जनपद में सभी कोरोना संक्रमित मरीजों की पूरी तरह देखभाल एवं इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि होम क्वारंटीन की आवश्यकता नहीं है. जिलाधिकारी ने बताया कि वाराणसी में 800 से अधिक कोरोना के एक्टिव मरीज हैं, सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या एक हजार भी हो जाएगी तो भी कोई परेशानी नहीं होगी. डीएम ने कहा कि तीन हजार तक भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो कुछ स्कूल भवन चिन्हित किए गए हैं, उन्हें अस्पताल में कन्वर्ट करके मरीजों का इलाज सुनिश्चित कराया जाएगा.

उन्होंने बताया कि कुछ निजी विद्यालय जो अच्छी हालत में हैं, उनके प्रबंधन से वार्ता करके सूची तैयार कर ली गई है, कुछ इंटर कॉलेज भवन में भी जरूरत के अनुसार बेड एवं डॉक्टर तथा पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की जाएगा. इसके साथ ही यदि आवश्यकता पड़ी तो शहर के कुछ चिकित्सालयों के बेड, वहां के स्वास्थकर्मी तथा वेंटीलेटर आदि को सरकारी अस्पताल से जोड़कर भी चलाया जाएगा और यदि जरूरत नहीं पड़ा तो सरकारी अस्पताल में ही इलाज होता रहेगा.

बीएचयू में 400 बेडों की व्यवस्था

जिलाधिकारी ने बताया कि मैन पावर एवं लैब टेक्नीशियन की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि जिले में A सिंप्टोमेटिक मरीजों की संख्या ज्यादा है, जो वास्तव में चिंता का विषय है, लेकिन जिला प्रशासन सभी के स्वास्थ्य की पूरी तरह देखभाल करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि बीएचयू में 400 बेडों की व्यवस्था है, अभी वहां पर केवल 150 बेड क्षमता का संचालन हो रहा है. उन्होंने बताया कि जरूरत के अनुसार 50-50 बेड की बढ़ोतरी करके जरूरत के अनुसार पूरी क्षमता पर इसे संचालित कराया जाएगा.

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