वाराणसी: लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने बीएचयू के कुलपति पर भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए कार्रवाई करने की मांग की है. चिराग पासवान ने पत्र की कॉपी मानव संसाधन विकास मंत्री को भी फॉरवर्ड की है. इस पर बीएचयू के छात्रों ने चिराग पासवान की सराहना की है.
चिराग पासवान ने पत्र में लिखा है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति ने महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा बनाए गए शिक्षक आवास को ध्वस्त करने की सुनियोजित योजना बनाई. यह सभी भवन सनातन धर्म वास्तु और धर्मशास्त्र के गहन अध्ययन के बाद बनवाए गए हैं, ताकि शिक्षक और गैर शिक्षण कर्मचारी सौहार्द और भाईचारे के साथ परिषद में रह सकें. महामना की वह परिकल्पना अभी तक जीवित है.
200 वृक्ष कटवाने के दिए निर्देश
पिछले वर्ष इनके जीर्णोद्धार के लिए करीब 30 करोड़ खर्च किए गए थे. विडंबना है कि हरियाली के लिए कॉलेज परिसर में जोधपुर कॉलोनी स्थित शिक्षक आवास पर बहुमंजिला भवनों का निर्माण कराया गया. इसके लिए कुलपति ने अनगिनत पेड़ कटवा दिए. वहीं प्रस्तावित बहुमंजिला भवन के लिए 200 और वृक्ष काटने का निर्देश दिया है. यह कृत्य विश्वविद्यालय परिपत्र के विरुद्ध है. इसमें व्यापक भ्रष्टाचार की आशंका है.
कुलपति को कई बार इन तथ्यों से अवगत कराया गया है, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. चिराग ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय परिषद में कई ऐसे स्थान हैं, जहां पड़ी जमीनों पर बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया जा सकता है. शिक्षकों को कई वर्षों से खाली आवास का आवंटन नहीं कराया जा रहा है. उन्हें वृक्ष को काटने के एनजीटी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की भी दलील दी.
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बीएचयू अपनी हरियाली के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. वर्तमान कुलपति ने पेड़ों को काटने का निर्देश दिया है. वह पूरी तरह से विश्वविद्यालय को कंक्रीट का जंगल बनाकर जाना चाहते हैं. इस लड़ाई में हम चिराग पासवान के साथ हैं.
वैभव कुमार तिवारी, शोध छात्र, बीएचयू
बीएचयू को महामना की बगिया के नाम से भी जाना जाता है. यहां की हरियाली ही पहचान है और महामना के उद्देश्यों और वास्तु शास्त्र के हिसाब से इसका निर्माण कराया गया है. लोग कहते हैं वर्तमान कुलपति बहुत ही ज्ञानी हैं, लेकिन वह इस तरह का कार्य कर रहे हैं, जिससे उनका ज्ञान साफ झलक रहा है. हम युवा नेता चिराग पासवान को बहुत-बहुत धन्यवाद देंगे कि उन्होंने हमारी बातों को पीएम के समक्ष रखा.
आशीष मिश्रा, शोध छात्र, बीएचयू