वाराणसी: बाबा विश्वनाथ धाम के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि कांवड़िये सीधे गंगाद्वार से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे. जी हां, विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के साथ काशी में जहां एक ओर मां गंगा और बाबा विश्वनाथ का मिलन करा दिया गया है. वहीं, दूसरी ओर इस बार का सावन बाबा विश्वनाथ व श्रद्धालुओं के लिए काफी खास होने वाला है. बीते सालों में भक्त दशाश्वमेध घाट से जल भरकर अलग रास्तों से विश्वनाथ धाम पहुंचकर बाबा का जलाभिषेक करते थे. लेकिन, अब इस बार भक्त सीधे ललिताघाट से जल भरकर परिसर में बने गंगाद्वार से बाबा का जलाभिषेक करेंगे.
विश्वनाथ धाम के फेस 2 क काम पूरा होने के बाद धाम का दूसरा मुख्य सिंह द्वार अब भक्तों के लिए खोल दिया गया है. मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि ये द्वार गंगा घाट पर स्थित है. जहां से गंगा कुछ ही पलों की दूरी पर बह रही हैं. श्रद्धालु यहां से सीधे जल भरकर चंद सीढ़ियों को चढ़ कर बाबा के गर्भगृह पहुंच जाएंगे और जलाभिषेक कर अपनी कामना पूर्ण करेंगे. उन्होंने बताया कि भक्त पैदल व नौका के जरिये भी गंगा द्वार तक पहुंच सकते हैं.
सदियों पुराना सपना हुआ पूरा: सदियों बाद यह सपना पूरा होने पर काशी के विद्वतजन भी काफी खुश हैं. पण्डित पवन त्रिपाठी का कहना है कि पहले अतिक्रमण के कारण ये रास्ता दूर पड़ता था, लेकिन गंगा द्वार बन जाने से अब यह आसान हो गया. पीएम मोदी ने इस सपने को साकार कर दिया है. इस सावन में पहली बार होगा जब श्रद्धालु सीधे जल लेकर बाबा का जलाभिषेक करेंगे.
बता दें कि इस बार सावन में लगभग 60 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अंदेशा जताया जा रहा है. हर सोमवार को 6 लाख से ज्यादा भक्त बाबा के दरबार में मत्था टेकेंगे. इसको देखते हुए प्रशासनिक अमला पूरी तैयारियों में जुटा है. इस बार बाबा का जलाभिषेक अपने आप में बेहद खास और ऐतिहासिक होने वाला है.
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