वाराणसीः भारतीय मुसलमानों को जड़ों से जोड़ने वाले अभियान को लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने पूर्वांचल के मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ लमही के सुभाष भवन में प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया. सम्मेलन में पूर्वांचल के सभी जनपदों के मुस्लिम प्रतिनिधि शामिल हुए. मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इन्द्रेश कुमार ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सम्मेलन की शुरुआत की.
पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से आये मुसलमानों ने अपने पूर्वजों की परम्पराओं के अनुभव के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि आज भी हम निकाह और त्योहार में परम्पराओं को अपनाते हैं. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हम भारतीय पूर्वजों, परम्पराओं, खेत खलिहान, वतन से एक ही तो हैं. तभी तो हमारा डीएनए एक है. आंख, बाल, शरीर की बनावट को देखकर ही डीएनए का पता लगाया जा सकता है. आज मुसलमान भी अपनी जड़ों की ओर लौट रहा है. जब जड़ों का पता चल जाएगा, तब हमारी रिश्तेदारी पक्की हो जाएगी. हमारे बीच का संघर्ष खत्म हो जाएगा.
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हम एक दूसरे को नफरत से नहीं बल्कि मोहब्बत के नजरिये से देखेंगे. यह सच है कि भारत में रहने वाले सभी लोगों की सिर्फ राष्ट्रीयता एक नहीं है, बल्कि जातियों और उपजातियों से भी एक ही हैं. विदेशी आक्रमणकारियों से किसी भी तरह का रिश्ता यहां के किसी व्यक्ति से नहीं है. जड़ों की ओर लौटने का अभियान पूरे देश के प्रत्येक जिले में चलेगा. हम सभी वंशावली, रीति रिवाज और संस्कारों को आधार मानकर जड़ों से जोड़ने का प्रयास करेंगे, ताकि समस्त भारतीय एक ही हैं. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि माँ, तिरंगा, देश एक है, केवल मजहब अलग है. जो जोड़ने का काम करे वही देश में एकता ला सकता है.
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