वाराणसी: काशी के रहने वाले वास्तु गुरु डॉक्टर मधुराज को हाल ही में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की तरफ से एक नई तकनीक पर काम करने के लिए वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड में जगह दी गई है. मधुराज बनारस के रहने वाले हैं और वह एक अलग और नई तकनीक पर काम कर रहे हैं. उन्होंने प्रयागराज में आयोजित हुए कुंभ में नागा साधुओं पर और रिसर्च किया था. एक दिन में 50 नागा साधुओं पर किए गए और रिसर्च में उन्होंने वहां मौजूद साधुओं की वजह से पॉजिटिव एनर्जी समेत अन्य कई अलग-अलग मामले पर रिसर्च बुक तैयार की थी, जिसके बाद उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया है.
घर पर मिला सम्मान का सर्टिफिकेट
पीएम के संसदीय क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. यहां पद्मश्री, पद्म विभूषण और विश्व स्तर के सम्मान पाने वालों की एक लंबी श्रृंखला है. उसी कड़ी में नगर के हबीबपुरा चेतगंज निवासी आचार्य डॉक्टर मधुराज वास्तु गुरु को वास्तु एनर्जी व औरा एक्सपर्ट की उपाधि 'वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड्स' लन्दन की ओर से प्रदान की गई. हालांकि कोरोना महामारी के चलते यह सम्मान उन्हें मंच के द्वारा सार्वजनिक रूप से नहीं मिल सका, बल्कि ऑनलाइन उनके पास पहुंचा है. काशी के लिए यह बहुत गौरव की बात है, क्योंकि पूरे उत्तर प्रदेश में इस फील्ड में यह सम्मान काशी निवासी को मिला है.
पहले भी कई लोग हो चुके हैं इससे सम्मानित
बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फिल्मकार मनोज कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी को भी इस सम्मान से नवाजा जा चुका है. मर्चेंट नेवी में पायलट के रूप में अपना कैरियर शुरू करने वाले मधुराज ने बताया कि उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय एवं श्रीलंका विश्वविद्यालय से एनर्जी वास्तु में पीएचडी की विधिवत शिक्षा ग्रहण की. इसके अलावा मॉरीशस में अरोमा थेरेपी, साउथ अफ्रीका में पैरानार्मल एक्टिविटी एवं मिस्त्र में एनर्जी-वास्तु का अध्ययन किया है. पिछले 30 वर्षो से वास्तु शास्त्र के माध्यम से लोगो की समस्याओं का समाधान करते आ रहे हैं.
कुंभ में किया था औरा सर्वे
मूलतः बनारस के रहने वाले डॉ मधुराज की ख्याति को देखते हुए देश के अलावा विदेशों से भी लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए परामर्श लेते हैं. एक प्रसिद्ध वास्तु-गुरु होने के साथ-साथ पैरानार्मल एक्टिविटी, जियोपैथिक स्ट्रेस का परीक्षण, अरोमा थेरेपी एवं औरा के विशेषज्ञ के रूप में भी इनकी पहचान हैं. विगत दिनों प्रयागराज में लगे महाकुंभ में नागा साधुओं के बीच वास्तु के माध्यम से उनकी समस्याओं को सुलझाने के दौरान ही वर्ल्ड बुक आफ रिकॉर्ड्स की टीम ने इनका चयन किया.
देश नहीं विदेशों से भी मिले हैं कई सम्मान
पहले भी इनको देश के विभिन्न राज्यों जैसे- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल, उड़ीसा,दिल्ली के अलावा मलेशिया, दुबई , यूरोप , नेपाल , स्विटजरलैंड, अमेरिका जैसे देशों में भी सम्मानित किया जा चुका है. वहीं मलेशिया, दुबई एवं यूरोप, में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है.