ETV Bharat / city

वाराणसी में खुलेगा पहला एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं द्वारा संचालित रेस्टोरेंट

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में एक ऐसा रेस्टोंरेंट खुलने जा रहा है, जिसे तेजाब अटैक से पीड़ित महिलाएं चलाएंगीं. सामाजिक संस्था रेड ब्रिगेड के संस्थापक अजय ने प्रदेश में लगभग 300 से ज्यादा एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं में से 29 ऐसी लड़कियों और महिलाओं को ढूंढ निकाला जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाह रही थीं.

etv bharat
एसिड अटैक पीड़ित महिलाएं चलाएंगी रेस्टोंरेंट.
author img

By

Published : Jan 15, 2020, 9:47 AM IST

Updated : Jan 15, 2020, 11:59 AM IST

वाराणसी: बीते दिनों पर्दे पर दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म छपाक तेजाब अटैक से पीड़ित लक्ष्मी के दर्द को बयां कर रही है. इस फिल्म के सामने आने के बाद देशभर में गुमनामी की जिंदगी जी रही तेजाब पीड़ित महिलाएं और लड़कियां अब सामने आने लगी हैं. पीड़िताओं की बेरंग हो चुकी जिंदगी को बदलने का प्रयास भी बहुत से लोग कर रहे हैं और ऐसा ही एक यूनिक प्रयास धर्मनगरी वाराणसी में होने जा रहा है.

एसिड अटैक पीड़ित महिलाएं चलाएंगी रेस्टोंरेंट.

वाराणसी में पहला ऐसा रेस्टोरेंट खुलने जा रहा है, जहां मालिक भी तेजाब अटैक से पीड़ित लड़कियां और महिलाएं होंगी. इस रेस्टोरेंट के हर काम को भी यही करेंगी. 20 जनवरी को इस रेस्टोरेंट की शुरुआत ऑरेंज कैफे के नाम से वाराणसी के मानस मंदिर के सामने एक बिल्डिंग में होने जा रही है, जिसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.

रेस्टोंरेंट की रुपरेखा तैयार की
सामाजिक संस्था रेड ब्रिगेड के संस्थापक और सेवापुरी क्षेत्र निवासी अजय कुमार पटेल इस रेस्टोरेंट की रूपरेखा तैयार की है. अजय लगभग 2 साल तक तेजाब पीड़ित महिलाओं को खोजने के लिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में है. प्रदेश में लगभग 300 से ज्यादा इस पीड़ा से लड़ रही महिलाओं में से 29 ऐसी लड़कियों और महिलाओं को अजय ने ढूंढ निकाला जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाह रही थी.

इनमें से तीन ने अपने शहर को छोड़कर दूसरे शहर में जाकर भी काम करने की हामी भरी. इसके बाद अजय ने इस रेस्टोरेंट की रूपरेखा तैयार की और मानस मंदिर के सामने एक बंद हो चुके रेस्टोरेंट को किराए पर लेकर इसका इंटीरियर चेंज करवाने के बाद यहीं पर रेस्टोरेंट खोलने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसका नाम ऑरेंज कैफे दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- बसपा अध्यक्ष मायावती का जन्मदिन आज, प्रदेश कार्यालय पर काटेंगी केक

अजय का कहना है कि हम शुरुआती 6 महीने तक वाराणसी, रायबरेली, बरेली और जौनपुर से इस रेस्टोरेंट को संचालित करने वाली चार तेजाब अटैक पीड़ित महिलाओं को 4 हजार रुपये महीने देकर उनके जीवन को पटरी पर लाने का प्रयास करेंगे. उसके बाद रेस्टोरेंट से आने वाली इनकम और उसके प्रॉफिट को इन चारों में आपस में बराबर से बांटा जाएगा. सबसे बड़ी बात कि इस रेस्टोरेंट का संचालन करने से लेकर किचन में खाना बनाने और उसे सर्व करने का काम खुद यह महिलाएं ही करेंगी.

वाराणसी: बीते दिनों पर्दे पर दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म छपाक तेजाब अटैक से पीड़ित लक्ष्मी के दर्द को बयां कर रही है. इस फिल्म के सामने आने के बाद देशभर में गुमनामी की जिंदगी जी रही तेजाब पीड़ित महिलाएं और लड़कियां अब सामने आने लगी हैं. पीड़िताओं की बेरंग हो चुकी जिंदगी को बदलने का प्रयास भी बहुत से लोग कर रहे हैं और ऐसा ही एक यूनिक प्रयास धर्मनगरी वाराणसी में होने जा रहा है.

एसिड अटैक पीड़ित महिलाएं चलाएंगी रेस्टोंरेंट.

वाराणसी में पहला ऐसा रेस्टोरेंट खुलने जा रहा है, जहां मालिक भी तेजाब अटैक से पीड़ित लड़कियां और महिलाएं होंगी. इस रेस्टोरेंट के हर काम को भी यही करेंगी. 20 जनवरी को इस रेस्टोरेंट की शुरुआत ऑरेंज कैफे के नाम से वाराणसी के मानस मंदिर के सामने एक बिल्डिंग में होने जा रही है, जिसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.

रेस्टोंरेंट की रुपरेखा तैयार की
सामाजिक संस्था रेड ब्रिगेड के संस्थापक और सेवापुरी क्षेत्र निवासी अजय कुमार पटेल इस रेस्टोरेंट की रूपरेखा तैयार की है. अजय लगभग 2 साल तक तेजाब पीड़ित महिलाओं को खोजने के लिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में है. प्रदेश में लगभग 300 से ज्यादा इस पीड़ा से लड़ रही महिलाओं में से 29 ऐसी लड़कियों और महिलाओं को अजय ने ढूंढ निकाला जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाह रही थी.

इनमें से तीन ने अपने शहर को छोड़कर दूसरे शहर में जाकर भी काम करने की हामी भरी. इसके बाद अजय ने इस रेस्टोरेंट की रूपरेखा तैयार की और मानस मंदिर के सामने एक बंद हो चुके रेस्टोरेंट को किराए पर लेकर इसका इंटीरियर चेंज करवाने के बाद यहीं पर रेस्टोरेंट खोलने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसका नाम ऑरेंज कैफे दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- बसपा अध्यक्ष मायावती का जन्मदिन आज, प्रदेश कार्यालय पर काटेंगी केक

अजय का कहना है कि हम शुरुआती 6 महीने तक वाराणसी, रायबरेली, बरेली और जौनपुर से इस रेस्टोरेंट को संचालित करने वाली चार तेजाब अटैक पीड़ित महिलाओं को 4 हजार रुपये महीने देकर उनके जीवन को पटरी पर लाने का प्रयास करेंगे. उसके बाद रेस्टोरेंट से आने वाली इनकम और उसके प्रॉफिट को इन चारों में आपस में बराबर से बांटा जाएगा. सबसे बड़ी बात कि इस रेस्टोरेंट का संचालन करने से लेकर किचन में खाना बनाने और उसे सर्व करने का काम खुद यह महिलाएं ही करेंगी.

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: तेजाब से जलन शायद उसी को सही मायने में महसूस हो सकती है जो इस दर्द से गुजर रहा हो और इसी दर्द को बयां करने के लिए इन दिनों रूपहले पर्दे पर दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म छपाक तेजाब अटैक से पीड़ित लक्ष्मी के दर्द को बयां कर रही है. इस फिल्म के सामने आने के बाद देशभर में गुमनामी की जिंदगी जी रही तेजाब पीड़ित महिलाएं और लड़कियां अब सामने आने लगी हैं और इतना ही नहीं इनकी बेरंग हो चुकी जिंदगी को बदलने का प्रयास भी बहुत से लोग कर रहे हैं और ऐसा ही एक यूनिक प्रयास धर्मनगरी वाराणसी में होने जा रहा है. जहां देश का पहला ऐसा रेस्टोरेंट्स खुलने जा रहा है जहां मालिक भी तेजाब अटैक से पीड़ित लड़कियां और महिलाएं होंगी. इस रेस्टोरेंट के हर काम को भी यही करेंगी. 20 जनवरी को इस रेस्टोरेंट की शुरुआत ऑरेंज कैफे के नाम से वाराणसी के मानस मंदिर के सामने एक बिल्डिंग में होने जा रही है. जिसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.


Body:वीओ-01 दरअसल सामाजिक संस्था रेड ब्रिगेड के संस्थापक व सेवापुरी क्षेत्र के रहने वाले अजय कुमार पटेल इस रेस्टोरेंट की रूपरेखा तैयार की है. अजय लगभग 2 साल तक तेजाब पीड़ित महिलाओं को खोजने के लिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में है. प्रदेश में लगभग 300 से ज्यादा इस पीड़ा से लड़ रही महिलाओं में से 29 ऐसी लड़कियों और महिलाओं को अजय ने ढूंढ निकाला जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाह रही थी. इनमें से तीन ने अपने शहर को छोड़कर दूसरे शहर में जाकर भी काम करने की हामी भरी. जिसके बाद अजय ने इस रेस्टोरेंट की रूपरेखा तैयार की और मानस मंदिर के सामने एक बंद हो चुके रेस्टोरेंट को किराए पर लेकर इसका इंटीरियर चेंज करवाने के बाद यहीं पर रेस्टोरेंट खोलने की तैयारी शुरू कर दी है. जिसका नाम ऑरेंज कैसे दिया गया है.


Conclusion:वीओ-02 अजय का कहना है कि हम शुरुआती 6 महीने तक वाराणसी, रायबरेली, बरेली और जौनपुर से इस रेस्टोरेंट को संचालित करने वाली चार तेजाब अटैक पीड़ित महिलाओं को 4000 रुपये महीने देकर उनके जीवन को पटरी पर लाने का प्रयास करेंगे. उसके बाद रेस्टोरेंट से आने वाली इनकम और उसके प्रॉफिट को इन चारों में आपस में बराबर से बांटा जाएगा. सबसे बड़ी बात कि इस रेस्टोरेंट का संचालन करने से लेकर किचन में खाना बनाने और उसे सर्व करने का काम खुद यह महिलाएं ही करेंगी. अजय की माने तो इन चार अलग-अलग जिलों से आने के बाद यह महिलाएं यहीं रहकर इस काम को आगे बढ़ाएंगी. फिलहाल वाराणसी के पहाड़िया इलाके की रहने वाली बदामा देवी अजय के साथ कदम से कदम मिलाकर अभी से ही तैयारियों में जुटी हैं. बदामा के ऊपर 8 साल पहले संपत्ति विवाद में उनके भतीजे नहीं एसिड फेंक दिया था और उनके पति को भी कहीं गायब कर उनके भाई की हत्या भी कर दी गई. जिसके बाद बदामा की जिंदगी थम सी गई, लेकिन अब बदामा को विश्वास है कि इस रेस्टोरेंट की मालिक बनने के बाद वह नए सिरे से अपनी इस बदरंग जिंदगी में रंग भर सकेंगी, क्योंकि उनका एक 10 साल का बेटा भी है. जिसके पालन पोषण का काम अब वह इस रेस्टोरेंट के बल पर करेंगी.

बाईट- अजय कुमार पटेल, संस्थापक, रेड ब्रिगेड
बाईट- बादाम देवी, तेजाब अटैक पीड़िता

गोपाल मिश्र

9839809074
Last Updated : Jan 15, 2020, 11:59 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.