वाराणसी: बीते दिनों पर्दे पर दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म छपाक तेजाब अटैक से पीड़ित लक्ष्मी के दर्द को बयां कर रही है. इस फिल्म के सामने आने के बाद देशभर में गुमनामी की जिंदगी जी रही तेजाब पीड़ित महिलाएं और लड़कियां अब सामने आने लगी हैं. पीड़िताओं की बेरंग हो चुकी जिंदगी को बदलने का प्रयास भी बहुत से लोग कर रहे हैं और ऐसा ही एक यूनिक प्रयास धर्मनगरी वाराणसी में होने जा रहा है.
वाराणसी में पहला ऐसा रेस्टोरेंट खुलने जा रहा है, जहां मालिक भी तेजाब अटैक से पीड़ित लड़कियां और महिलाएं होंगी. इस रेस्टोरेंट के हर काम को भी यही करेंगी. 20 जनवरी को इस रेस्टोरेंट की शुरुआत ऑरेंज कैफे के नाम से वाराणसी के मानस मंदिर के सामने एक बिल्डिंग में होने जा रही है, जिसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.
रेस्टोंरेंट की रुपरेखा तैयार की
सामाजिक संस्था रेड ब्रिगेड के संस्थापक और सेवापुरी क्षेत्र निवासी अजय कुमार पटेल इस रेस्टोरेंट की रूपरेखा तैयार की है. अजय लगभग 2 साल तक तेजाब पीड़ित महिलाओं को खोजने के लिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में है. प्रदेश में लगभग 300 से ज्यादा इस पीड़ा से लड़ रही महिलाओं में से 29 ऐसी लड़कियों और महिलाओं को अजय ने ढूंढ निकाला जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाह रही थी.
इनमें से तीन ने अपने शहर को छोड़कर दूसरे शहर में जाकर भी काम करने की हामी भरी. इसके बाद अजय ने इस रेस्टोरेंट की रूपरेखा तैयार की और मानस मंदिर के सामने एक बंद हो चुके रेस्टोरेंट को किराए पर लेकर इसका इंटीरियर चेंज करवाने के बाद यहीं पर रेस्टोरेंट खोलने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसका नाम ऑरेंज कैफे दिया गया है.
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अजय का कहना है कि हम शुरुआती 6 महीने तक वाराणसी, रायबरेली, बरेली और जौनपुर से इस रेस्टोरेंट को संचालित करने वाली चार तेजाब अटैक पीड़ित महिलाओं को 4 हजार रुपये महीने देकर उनके जीवन को पटरी पर लाने का प्रयास करेंगे. उसके बाद रेस्टोरेंट से आने वाली इनकम और उसके प्रॉफिट को इन चारों में आपस में बराबर से बांटा जाएगा. सबसे बड़ी बात कि इस रेस्टोरेंट का संचालन करने से लेकर किचन में खाना बनाने और उसे सर्व करने का काम खुद यह महिलाएं ही करेंगी.