सहारनपुर: रमजान के महीने बीमार व्यक्ति द्वारा रोजा रखे जाने को लेकर देवबंदी उलेमा ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति बीमार है और वह दवाई का सेवन कर रहा है. रोजा रखने से उसकी बीमारी बढ़ने का खतरा है, तो वह रोजा न रखें. कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति भी रोजा न रखें और स्वस्थ होने के बाद रोजे की कजा जरूर करें.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान देवबन्दी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कोरोना संक्रमित व्यक्ति भी रोजा रखे जाने के सवाल पर उन्होंने उत्तर देते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति, जो किसी भी बीमारी से ग्रसित है और अस्पताल में भर्ती है तो उसे इस्लाम के अनुसार रोजा ना रखने की छूट है. इसीलिए जो व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है और अस्पताल में भर्ती है और बार-बार उसे दवाई खानी या पीनी पड़ रही है और उसे रोजा रखने में परेशानी हो रही है, तो वह रोजा न रखे, लेकिन जब वे स्वस्थ हो जाएं तो बाद में रोजों की कजा अवश्य करें.