सहारनपुर: तीन तलाक पीड़िता पेशे से डॉक्टर है. उसका निकाह 2016 में हरिद्वार जिले के सलेमपुर गांव में हुआ था. दहेज में लग्जरी कार नहीं मिलने पर अपने मामा के कहने पर पीड़िता को न सिर्फ तलाक दे दिया था, बल्कि अपने भाई और मामा के साथ हलाला करने का दबाव बना रहा था. इसका पीड़िता ने विरोध किया तो उसके शौहर ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया.
सीएम योगी के आदेश पर हुआ मुकदमा दर्ज
- सीएम योगी के आदेश के बाद मुकदमा तो दर्ज हो गया, लेकिन पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल पा रहा था.
- सोमवार को पीड़िता की खबर को ईटीवी ने प्रमुखता से प्रसारित किया तो जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया.
- आनन-फानन में जिलाधिकारी ने पीड़िता को दोबारा बुलाकर उसकी सुनवाई की.
- पुलिस अधिकारियों को आरोपी ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए गए.
- जिला अधिकारी के आदेश के बाद ही पीड़िता के बयान दर्ज कराए गए.
शरीयत और इस्लाम में हलाला का कोई प्रावधान नहीं है बावजूद इसके पीड़िता को जबरन तीन तलाक देकर उसका शौहर भाई और मामा के साथ हलाला करने का दबाव बना रहा है. पीड़िता ने हलाला से इनकार करते हुए कानून का सहारा लिया है.
फराह फैज, अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट