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हलाला पीड़िता के ससुरालीजनों पर डीएम ने दर्ज कराया मुकदमा - सहारनपुर न्यूज

यूपी के सहारनपुर में तीन तलाक और हलाला पीड़िता की खबर को ईटीवी भारत पर प्रसारित किए जाने के बाद जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लिया. जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने पीड़िता को बुलाकर उसकी फरियाद सुनी. संबंधित अधिकारियों को पीड़िता के पति एवं अन्य ससुराललियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया.

डीएम ने दर्ज कराया मुकदमा.
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Published : Jul 23, 2019, 9:53 PM IST

सहारनपुर: तीन तलाक पीड़िता पेशे से डॉक्टर है. उसका निकाह 2016 में हरिद्वार जिले के सलेमपुर गांव में हुआ था. दहेज में लग्जरी कार नहीं मिलने पर अपने मामा के कहने पर पीड़िता को न सिर्फ तलाक दे दिया था, बल्कि अपने भाई और मामा के साथ हलाला करने का दबाव बना रहा था. इसका पीड़िता ने विरोध किया तो उसके शौहर ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया.

डीएम ने दर्ज कराया मुकदमा.

सीएम योगी के आदेश पर हुआ मुकदमा दर्ज

  • सीएम योगी के आदेश के बाद मुकदमा तो दर्ज हो गया, लेकिन पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल पा रहा था.
  • सोमवार को पीड़िता की खबर को ईटीवी ने प्रमुखता से प्रसारित किया तो जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया.
  • आनन-फानन में जिलाधिकारी ने पीड़िता को दोबारा बुलाकर उसकी सुनवाई की.
  • पुलिस अधिकारियों को आरोपी ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए गए.
  • जिला अधिकारी के आदेश के बाद ही पीड़िता के बयान दर्ज कराए गए.

शरीयत और इस्लाम में हलाला का कोई प्रावधान नहीं है बावजूद इसके पीड़िता को जबरन तीन तलाक देकर उसका शौहर भाई और मामा के साथ हलाला करने का दबाव बना रहा है. पीड़िता ने हलाला से इनकार करते हुए कानून का सहारा लिया है.
फराह फैज, अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट

सहारनपुर: तीन तलाक पीड़िता पेशे से डॉक्टर है. उसका निकाह 2016 में हरिद्वार जिले के सलेमपुर गांव में हुआ था. दहेज में लग्जरी कार नहीं मिलने पर अपने मामा के कहने पर पीड़िता को न सिर्फ तलाक दे दिया था, बल्कि अपने भाई और मामा के साथ हलाला करने का दबाव बना रहा था. इसका पीड़िता ने विरोध किया तो उसके शौहर ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया.

डीएम ने दर्ज कराया मुकदमा.

सीएम योगी के आदेश पर हुआ मुकदमा दर्ज

  • सीएम योगी के आदेश के बाद मुकदमा तो दर्ज हो गया, लेकिन पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल पा रहा था.
  • सोमवार को पीड़िता की खबर को ईटीवी ने प्रमुखता से प्रसारित किया तो जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया.
  • आनन-फानन में जिलाधिकारी ने पीड़िता को दोबारा बुलाकर उसकी सुनवाई की.
  • पुलिस अधिकारियों को आरोपी ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए गए.
  • जिला अधिकारी के आदेश के बाद ही पीड़िता के बयान दर्ज कराए गए.

शरीयत और इस्लाम में हलाला का कोई प्रावधान नहीं है बावजूद इसके पीड़िता को जबरन तीन तलाक देकर उसका शौहर भाई और मामा के साथ हलाला करने का दबाव बना रहा है. पीड़िता ने हलाला से इनकार करते हुए कानून का सहारा लिया है.
फराह फैज, अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट

Intro:सहारनपुर : सहारनपुर में ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ हैं। तीन तलाक एवं हलाला पीड़िता की खबर को ईटीवी पर प्रसारित किए जाने के बाद जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लिया है। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने जहां पीड़िता को बुलाकर उसकी फरियाद सुनी है वही संबंधित अधिकारियों को राबिया के पति एवं अन्य ससुराललियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। डीएम सहारनपुर ने पीड़िता को निष्पक्ष जांच कर न्याय का भरोसा भी दिया है। डीएम आलोक कुमार पांडे ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर आरोपी पति और अन्य ससुरालजनो के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि हलाला पीड़िता राबिया पेशे से डॉक्टर है। जिसका निकाह 2016 में हरिद्वार जिले के सलेमपुर ग़ांव निवासी मुनीर के साथ हुआ था। मुनीर ने दहेज में लग्जरी कार नही मिलने पर अपने मामा पूर्व ब्लॉक प्रमुख के कहने पर राबिया को न सिर्फ तलाक दे दिया था बल्कि अपने भाई और 50 साल के मामा के साथ हलाला करने का दबाव बना रहा था। जिसका राबिया ने विरोध किया तो उसके शौहर ने उसके साथ मारपीट कर घर से निकाल दिया। खास बात ये रही कि मामला पीएम मोदी और सीएम योगी के आदेश के बाद मुकदमा तो दर्ज हो गया लेकिन पीड़िता को इंसाफ नही मिला। सोमवार को राबिया की खबर को ईटीवी ने प्रमुखता से प्रसारित किया तो जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आनन फानन में जिलाधिकारी ने राबिया को दोबारा बुलाकर उसकी सुनवाई की और पुलिस अधिकारियों को अरोपी ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए। इतना ही नही जिला अधिकारी के आदेश के बाद ही पीड़िता के 164 के बयान दर्ज कराए गए। डॉ राबिया की खबर को ईटीवी भारत पर प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद यहां जिला प्रशासन ने आरोपों खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है वहीं राबिया को भी इंसाफ की उम्मीद जगी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता फराह फैज ने बताया कि शरीयत और इस्लाम में हलाला का कोई प्रावधान नहीं है। बावजूद इसके राबिया को जबरन तीन तलाक देकर उसका शौहर भाई और 50 साल के मामा के साथ हलाला करने का दबाव बना रहा है। राबिया ने हलाला से इंकार करते हुए कानून का सहारा ले लिया है।

बाईट - आलोक कुमार पांडे ( जिलाधिकारी )
बाईट - फराह फ़ैज़ ( अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट )


Conclusion:FVO - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कानून बनाने का दावा कर रहे हैं और राबिया पढ़ी-लिखी पैसे से डॉक्टर है। शायद यही वजह है कि उसने इस कुप्रथा के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि राधा को इंसाफ मिलता है या नही।


रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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