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मुरादाबाद: जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर स्कूली छात्र

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Published : Nov 29, 2019, 8:39 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि बसों में सीट न मिलने और जल्दी घर पहुंचने के लिए बसों में लटक कर सफर करते हैं.

छात्र.
बस पर लटके छात्र.

मुरादाबाद: जिले के मैनाठेर थाना क्षेत्र में स्कूली बच्चों के जान हथेली पर रखकर सफर करने का मामला सामने आया है. स्कूल जाने और घर लौटने के लिए मासूम स्कूली बच्चे तेज रफ्तार बसों की छत और पीछे लटक कर सफर कर रहे हैं.

जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर स्कूली छात्र.

जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे छात्र

  • हाइवे पर तेज रफ्तार इन बसों के पीछे लटके छात्र हर रोज कई किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं.
  • स्कूली छात्रों के मुताबिक ज्यादातर बसों में बैठने के लिए सीटें नहीं मिल पाती है.
  • जल्दी घर पहुंचने के चलते छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर बसों में लटक कर सफर करते हैं.
  • मामले में सवाल पूछे जाने पर पुलिस अधिकारी स्कूल प्रबंधकों को नोटिस जारी करने का दावा कर रहे हैं.
  • छात्रों के मुताबिक स्कूल बस का किराया ज्यादा होने के कारण छात्र जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं.

पुलिस प्रशासन स्कूली छात्रों की सुरक्षा के लिए तमाम प्रयाश करने का दावा करता है. जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. सीओ बिलारी के मुताबिक स्कूल प्रबन्धकों को छात्रों को कॉलेज बस में ही सफर करने की हिदायत दी जाएगी. सीओ ने कहा कि लापरवाही करने पर कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने की स्कूली बच्चों के बैग की चेकिंग

मुरादाबाद: जिले के मैनाठेर थाना क्षेत्र में स्कूली बच्चों के जान हथेली पर रखकर सफर करने का मामला सामने आया है. स्कूल जाने और घर लौटने के लिए मासूम स्कूली बच्चे तेज रफ्तार बसों की छत और पीछे लटक कर सफर कर रहे हैं.

जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर स्कूली छात्र.

जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे छात्र

  • हाइवे पर तेज रफ्तार इन बसों के पीछे लटके छात्र हर रोज कई किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं.
  • स्कूली छात्रों के मुताबिक ज्यादातर बसों में बैठने के लिए सीटें नहीं मिल पाती है.
  • जल्दी घर पहुंचने के चलते छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर बसों में लटक कर सफर करते हैं.
  • मामले में सवाल पूछे जाने पर पुलिस अधिकारी स्कूल प्रबंधकों को नोटिस जारी करने का दावा कर रहे हैं.
  • छात्रों के मुताबिक स्कूल बस का किराया ज्यादा होने के कारण छात्र जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं.

पुलिस प्रशासन स्कूली छात्रों की सुरक्षा के लिए तमाम प्रयाश करने का दावा करता है. जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. सीओ बिलारी के मुताबिक स्कूल प्रबन्धकों को छात्रों को कॉलेज बस में ही सफर करने की हिदायत दी जाएगी. सीओ ने कहा कि लापरवाही करने पर कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने की स्कूली बच्चों के बैग की चेकिंग

Intro:एंकर: मुरादाबाद: मुरादाबाद जनपद के मैनाठेर थाना क्षेत्र में स्कूली बच्चों द्वारा जान हथेली पर रखकर सफर करने का मामला सामने आया है. स्कूल जाने और घर लौटने के लिए मासूम स्कूली बच्चें तेज रफ्तार बसों की छत ओर पीछे लटक कर सफर कर रहें है. हाइवे पर तेज रफ्तार इन बसों के पीछे लटके छात्र कई किलोमीटर का सफर हर रोज तय कर रहें है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को यह नजर नहीं आता. स्कूली छात्रों के मुताबिक बस में बैठने की जगह न होने के चलते उन्हें यह जोखिम उठाना पड़ता है जबकि पुलिस स्कूल प्रबंधकों को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का दावा कर रहीं है. Body:वीओ वन: मुरादाबाद- सम्भल सड़क मार्ग पर तेजी से दौड़ती निजी बस और उसके पीछे जान जोखिम में डालकर सफर कर रहें ये स्कूली छात्र हर किसी को हैरान कर जाते है. मैनाठेर थाना क्षेत्र में हर रोज ग्रामीण इलाकों के रहने वाले ज्यादातर छात्र इसी तरह बस की छत और पीछे लटक कर सफर करते है. स्कूल जाने और स्कूल से घर लौटने के दौरान निजी बसों से लेकर ऑटो, टैम्पों के पीछे सफर कर रहें इन छात्रों को हमेशा देखा जा सकता है. हैरानी की बात यह की हाइवे पर इस जोखिम भरे सफर के दौरान ये छात्र पुलिस थाने और चौकियों के सामने से भी गुजरते है लेकिन अधिकारी इनको रोकने के बजाय आंखे बन्द किये नजर आते है.
बाईट: अब्दुल कादिर: छात्र
वीओ टू: मामले में सवाल पूछे जाने के बाद पुलिस अधिकारी इस मामले में स्कूल प्रबंधकों को नोटिस जारी करने का दावा कर रहें है लेकिन सफर करने वाले छात्रों के मुताबिक स्कूल बस का किराया ज्यादा होने के चलते छात्र जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है. छात्रों के मुताबिक ज्यादातर बसों में बैठने के लिए सीटें नहीं मिल पाती है जिसके चलते जल्दी घर पहुंचने के चलते छात्र बसों में लटक कर सफर करते है. सीओ बिलारी के मुताबिक स्कूल प्रबन्धको को छात्रों को कालेज बस में ही सफर करने की हिदायत दी जाएगी और लाहपरवाही करने पर कार्रवाई की जाएगी.
बाईट: अशोक शुक्ल: सीओ बिलारीConclusion:वीओ तीन: पुलिस प्रशासन स्कूली छात्रों की सुरक्षा के लिए तमाम प्रयाश करने का दावा करता है लेकिन जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन के दावे खोखले ही साबित हो रहें है. स्कूल जाने वाले छात्र कभी भी हादसे का शिकार हो सकते है लेकिन प्रशासन जरूरी कदम उठाने के बजाय हादसे का इंतजार करता नजर आता है.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
9634544417
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