मुरादाबाद: चार दिन के प्रवास आखिरी दिन शनिवार को मकर संक्रांति उत्सव कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमको समाज से जात-पात और छुआछूत को दूर करना है. हम सभी लोग संविधान को प्राथमिकता से मानते हैं. पत्रकार कहते हैं कि हमारे हाथ में रिमोट कंट्रोल है तो हमारा रिमोट कंट्रोल तो हमारे स्वयंसेवक पर भी नहीं चलता है.
'भारत हमारी मातृभूमि'
भारत में सभी लोग हैं अपनी जगह सब सही हैं. किसी भी प्रकार की बातों को लेकर आपस में झगड़ा करने का कोई काम नहीं है. आगे बढ़ो सब मिलकर चलो हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है, क्योंकि यहां आज जितने भी लोग हैं सब के पूर्वज हिंदू थे यह सत्य तो सत्य है. भारत में बाहर से कोई नहीं आया है. सब यहीं के हैं उनके पूर्वज हिंदू थे. उनकी मातृभूमि भारत ही है दूसरी नहीं है.
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दुनिया में एक के बाद एक देश महाशक्ति बनते चले गए. रशिया महाशक्ति था और अमेरिका महाशक्ति लगभग है, जबकि चीन बनने जा रहा है. हमारे स्वयंसेवकों में कोई भेद नहीं होता हम हिंदुओं का संगठन बनाते हैं, लेकिन सेवा करने में जरूरतमंद व्यक्ति अपने आपको हिंदू न कहने वाला भी आ जाए तो हम उनको पराया नहीं मानते. हम तो 130 करोड़ के समाज में ऐसा वातावरण प्रकट करना चाहते हैं, जहां धार्मिकता का स्वार्थ हो बुद्धि का, देश शक्ति का, अनुशासन का, देश के लिए जीने-मरने का हम ऐसा देश चाहते हैं.