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मुरादाबाद: RSS प्रमुख ने स्वयंसेवकों को किया संबोधित, कहा- हिंदू समाज को एक करना उद्देश्य

मुरादाबाद जिले में एमआईटी मैदान में मकर संक्रांति उत्सव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने लगभग एक घंटे तक स्वयंसेवकों संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संघ का काम हिंदू समाज को एक करना, ऊंच-नीच और छुआछूत भेदभाव को समाप्त करना है.

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RSS प्रमुख मोहन भागवत.
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Published : Jan 18, 2020, 3:11 PM IST

मुरादाबाद: चार दिन के प्रवास आखिरी दिन शनिवार को मकर संक्रांति उत्सव कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमको समाज से जात-पात और छुआछूत को दूर करना है. हम सभी लोग संविधान को प्राथमिकता से मानते हैं. पत्रकार कहते हैं कि हमारे हाथ में रिमोट कंट्रोल है तो हमारा रिमोट कंट्रोल तो हमारे स्वयंसेवक पर भी नहीं चलता है.

जनसभा को संबोधित करते RSS प्रमुख मोहन भागवत.
एमआईटी के मैदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने लगभग एक घंटे तक स्वयंसेवकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि संघ का काम हिंदू समाज को एक करना, ऊंच-नीच और छुआछूत भेदभाव को समाप्त करना है. इसे अपने मन के साथ ही समाज से भी समाप्त करना है. हमारा देश हमेशा एक संस्कृति वाला देश है. जो उस संस्कृति को मानकर चलता है, वही भारत का है.

'भारत हमारी मातृभूमि'
भारत में सभी लोग हैं अपनी जगह सब सही हैं. किसी भी प्रकार की बातों को लेकर आपस में झगड़ा करने का कोई काम नहीं है. आगे बढ़ो सब मिलकर चलो हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है, क्योंकि यहां आज जितने भी लोग हैं सब के पूर्वज हिंदू थे यह सत्य तो सत्य है. भारत में बाहर से कोई नहीं आया है. सब यहीं के हैं उनके पूर्वज हिंदू थे. उनकी मातृभूमि भारत ही है दूसरी नहीं है.

इसे भी पढ़ें- सीपीए सम्मेलन में हुई चर्चा से लोकतांत्रिक प्रणाली को मिलेगी मजबूती: लोकसभा अध्यक्ष

दुनिया में एक के बाद एक देश महाशक्ति बनते चले गए. रशिया महाशक्ति था और अमेरिका महाशक्ति लगभग है, जबकि चीन बनने जा रहा है. हमारे स्वयंसेवकों में कोई भेद नहीं होता हम हिंदुओं का संगठन बनाते हैं, लेकिन सेवा करने में जरूरतमंद व्यक्ति अपने आपको हिंदू न कहने वाला भी आ जाए तो हम उनको पराया नहीं मानते. हम तो 130 करोड़ के समाज में ऐसा वातावरण प्रकट करना चाहते हैं, जहां धार्मिकता का स्वार्थ हो बुद्धि का, देश शक्ति का, अनुशासन का, देश के लिए जीने-मरने का हम ऐसा देश चाहते हैं.

मुरादाबाद: चार दिन के प्रवास आखिरी दिन शनिवार को मकर संक्रांति उत्सव कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमको समाज से जात-पात और छुआछूत को दूर करना है. हम सभी लोग संविधान को प्राथमिकता से मानते हैं. पत्रकार कहते हैं कि हमारे हाथ में रिमोट कंट्रोल है तो हमारा रिमोट कंट्रोल तो हमारे स्वयंसेवक पर भी नहीं चलता है.

जनसभा को संबोधित करते RSS प्रमुख मोहन भागवत.
एमआईटी के मैदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने लगभग एक घंटे तक स्वयंसेवकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि संघ का काम हिंदू समाज को एक करना, ऊंच-नीच और छुआछूत भेदभाव को समाप्त करना है. इसे अपने मन के साथ ही समाज से भी समाप्त करना है. हमारा देश हमेशा एक संस्कृति वाला देश है. जो उस संस्कृति को मानकर चलता है, वही भारत का है.

'भारत हमारी मातृभूमि'
भारत में सभी लोग हैं अपनी जगह सब सही हैं. किसी भी प्रकार की बातों को लेकर आपस में झगड़ा करने का कोई काम नहीं है. आगे बढ़ो सब मिलकर चलो हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है, क्योंकि यहां आज जितने भी लोग हैं सब के पूर्वज हिंदू थे यह सत्य तो सत्य है. भारत में बाहर से कोई नहीं आया है. सब यहीं के हैं उनके पूर्वज हिंदू थे. उनकी मातृभूमि भारत ही है दूसरी नहीं है.

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दुनिया में एक के बाद एक देश महाशक्ति बनते चले गए. रशिया महाशक्ति था और अमेरिका महाशक्ति लगभग है, जबकि चीन बनने जा रहा है. हमारे स्वयंसेवकों में कोई भेद नहीं होता हम हिंदुओं का संगठन बनाते हैं, लेकिन सेवा करने में जरूरतमंद व्यक्ति अपने आपको हिंदू न कहने वाला भी आ जाए तो हम उनको पराया नहीं मानते. हम तो 130 करोड़ के समाज में ऐसा वातावरण प्रकट करना चाहते हैं, जहां धार्मिकता का स्वार्थ हो बुद्धि का, देश शक्ति का, अनुशासन का, देश के लिए जीने-मरने का हम ऐसा देश चाहते हैं.

Intro:एंकर:- चार दिन के प्रवास के आज आखिरी दिन मकरसंक्रांति उत्सव कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत ने स्वयंसेवक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमको समाज से जातपात छुआछूत को दूर करना है. हम सभी लोग संविधान को प्राथमिकता से मानते है. पत्रकार कहते है कि हमारे हाथ मे रिमोट कंट्रोल है तो हमारा रिमोट कंट्रोल तो हमारे स्वयंसेवक पर भी नही चलता.


Body:वीओ:- एमआईटी के मैदान में मकरसंक्रांति उत्सव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत ने लगभग एक घंटे तक स्वयंसेवकों सम्बोधित किया. अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि संघ का काम क्या है हिंदू समाज को एक करना ऊंच-नीच छुआछूत भेदभाव समाप्त करना. अपने मन से भी समाप्त करना और समाज समाप्त करना है. देश हमेशा एक संस्कृति वाला देश है. उस संस्कृति को जो मानकर चलता है वह भारत का है. आज हम देखेंगे कि भारत के एक 130 करोड़ जनता पर कम या ज्यादा मात्रा में इसी संस्कृति का प्रभाव है. भारत में सभी लोग हैं अपनी जगह सब सही हैं. उन बातों को लेकर आपस में झगड़ा करने का कोई काम नहीं है. आगे बढ़ो सब मिलकर चलो भारतवर्षीय हिंदुस्तान में हिंदुओं का देश है. क्योंकि यहां आज जितने भी लोग हैं सब के पूर्वज हिंदू थे यह सत्य तो सत्य है. भारत मैं बाहर से कोई नहीं आया है. सब यहीं के हैं उनके पूर्वज हिंदू थे. उनकी मातृभूमि भारत ही है दूसरी नहीं है. इजराइल के लोगों को उनकी स्वतंत्रता से पहले एक प्रस्ताव मिला था कि आप रेगिस्तान में फिर से अपना देश क्यों बसाओगे अफ्रीका में हमारी जमीन है उसमे से 400 गुना तुम्हें देते हैं वहां इसराइल बसाओ उन्होंने कहा इसराइल वहां नहीं बस सकता क्योंकि हमारी मातृभूमि में ही इसराइल है. सारे देशों का इसके बारे में एक ही मत है. वही एक मत हमारे संविधान में प्रकट हुआ है. उस संविधान को प्राथमिकता से मान कर चलने वाले हम लोग हैं. इसका प्रियएम्बल पढ़िए नागरिक अधिकार का प्रकरण पढ़िए नागरिक कर्तव्यों का प्रकरण पढ़िए. दुनिया में एक के बाद एक महाशक्ति बनते चले गए उन्होंने देश दुनिया में क्या किया. रशिया महाशक्ति था. अमेरिका महाशक्ति लगभग है. चीन बन रहा है या बनने जा रहा है. हमारे स्वयंसेवकों में कोई भेद नहीं होता हम हिंदुओं का संगठन करते है. लेकिन सेवा करने में जरूरतमंद व्यक्ति अपने आपको हिंदू न कहने वाला भी आ जाए तो हम उनको पराया नहीं मानते. वक्त आने पर स्वयंसेवक कभी-कभी मिलिट्री से पहले भी पहुंच जाते हैं. बिना भेदभाव के अपनी सेवा देते है. कभी-कभी हमारे पत्रकार बंधु कहते हैं रिमोट कंट्रोल हमारे हाथ में हैं. कोई रिमोट कंट्रोल हमारे हाथ में नहीं है. कंट्रोल तो हम अपने स्वयंसेवकों सेवकों पर भी नहीं कर सकते. क्या कर लेंगे अगर वह शाखा में नहीं आएंगे तो हम क्या बिगाड़ लेंगे इनका. हम तो 130 करोड़ के समाज में ऐसा वातावरण प्रकट करना चाहते हैं धार्मिकता का स्वार्थ हो बुद्धि का, देश शक्ति का, अनुशासन का, देश के लिए जीने मरने का हम ऐसा देश चाहते है.


Conclusion:बाइट:- सर संघचालक डॉ मोहन भागवत

सुशील कुमार सिंह
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