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मुरादाबाद: लॉकडाउन बढ़ने से किसानों के चेहरे पर चिंता, टमाटर सप्लाई न होने से भारी नुकसान की आशंका - farmers problems increased due to corona

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले अंतर्गत कुंदरकी क्षेत्र में लगभग दो हजार बीघा में टमाटर की फसल तैयार होने वाली है. वहीं कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के आगे बढ़ने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. किसानों का कहना है कि यदि उनकी फसल की सप्लाई नहीं हुई तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पडे़गा.

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खेत में खड़ी टमाटर की फसल.
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Published : Apr 15, 2020, 2:15 PM IST

मुरादाबाद: जिले के कुंदरकी क्षेत्र में लगभग दो हजार बीघा जमीन में टमाटर उगाया जाता है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ा दिया गया है. अगले कुछ दिनों में टमाटर बिक्री के लिए तैयार होने वाले हैं. कोरोना संक्रमण के चलते वाहनों की आवाजाही बंद होने से टमाटर को मंडियों और अन्य राज्यों में पहुंचाने की चुनौती किसानों को परेशान कर रही है. वहीं खेती में नुकसान की आशंका ने किसानों की नींद उड़ा दी है.

समस्या के बारे में जानकारी देते किसान.

कुंदरकी क्षेत्र में उगाया जाने वाला टमाटर प्रदेश के कई जिलों सहित अन्य राज्यों में भी सप्लाई किया जाता है. लॉकडाउन लागू होने से टमाटर उगाने वाले किसानों को आवश्यक दवाइयां और अन्य सामान ज्यादा कीमत पर खरीदना पड़ रहा है. दो हजार बीघा में उगाई गयी टमाटर की फसल अगले दस दिनों में तैयार होने वाली है. किसान जहां फसल को सुरक्षित रखने के इंतजाम में जुटे हैं, वहीं लॉकडाउन बढ़ने से उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रहीं है. लॉकडाउन के कारण टमाटर को मंडियों और अन्य राज्यों तक पहुंचाने की चिंता सता रही है और वहीं सप्लाई न होने पर भारी नुकसान की आशंका है.

क्या कहते हैं किसान
किसानों का कहना है कि बैंक से कर्ज लेकर उन्होंने टमाटर की खेती की है. ऐसे में यदि टमाटर नहीं बिका तो उनके सामने गम्भीर संकट पैदा हो जाएगा. कोरोना संकट के चलते टमाटर की खेती में होने वाला खर्च बढ़ गया है. किसानों को फसल के लिए दवाइयां और अन्य सामान ज्यादा कीमतों में खरीदना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. कुंदरकी में उगाए जाने वाला टमाटर देशभर में सप्लाई किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: एसी बोगियों में दिए जाने वाले बेड रोल से रेलवे तैयार कर रहा थ्री लेयर मास्क

प्रधानमंत्री ने 20 अप्रैल के बाद कोरोना से कम प्रभावित क्षेत्रों को छूट देने का एलान किया है, लेकिन मुरादाबाद और आस-पास के जनपदों में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहें है. ऐसे में करोड़ों रुपये मूल्य का टमाटर कैसे ग्राहकों तक पहुंचेगा और किसानों को नुकशान से कैसे बचाया जाए इसके लिए सभी की नजर सरकार के अगले फैसले पर टिकी है.

मुरादाबाद: जिले के कुंदरकी क्षेत्र में लगभग दो हजार बीघा जमीन में टमाटर उगाया जाता है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ा दिया गया है. अगले कुछ दिनों में टमाटर बिक्री के लिए तैयार होने वाले हैं. कोरोना संक्रमण के चलते वाहनों की आवाजाही बंद होने से टमाटर को मंडियों और अन्य राज्यों में पहुंचाने की चुनौती किसानों को परेशान कर रही है. वहीं खेती में नुकसान की आशंका ने किसानों की नींद उड़ा दी है.

समस्या के बारे में जानकारी देते किसान.

कुंदरकी क्षेत्र में उगाया जाने वाला टमाटर प्रदेश के कई जिलों सहित अन्य राज्यों में भी सप्लाई किया जाता है. लॉकडाउन लागू होने से टमाटर उगाने वाले किसानों को आवश्यक दवाइयां और अन्य सामान ज्यादा कीमत पर खरीदना पड़ रहा है. दो हजार बीघा में उगाई गयी टमाटर की फसल अगले दस दिनों में तैयार होने वाली है. किसान जहां फसल को सुरक्षित रखने के इंतजाम में जुटे हैं, वहीं लॉकडाउन बढ़ने से उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रहीं है. लॉकडाउन के कारण टमाटर को मंडियों और अन्य राज्यों तक पहुंचाने की चिंता सता रही है और वहीं सप्लाई न होने पर भारी नुकसान की आशंका है.

क्या कहते हैं किसान
किसानों का कहना है कि बैंक से कर्ज लेकर उन्होंने टमाटर की खेती की है. ऐसे में यदि टमाटर नहीं बिका तो उनके सामने गम्भीर संकट पैदा हो जाएगा. कोरोना संकट के चलते टमाटर की खेती में होने वाला खर्च बढ़ गया है. किसानों को फसल के लिए दवाइयां और अन्य सामान ज्यादा कीमतों में खरीदना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. कुंदरकी में उगाए जाने वाला टमाटर देशभर में सप्लाई किया जाता है.

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प्रधानमंत्री ने 20 अप्रैल के बाद कोरोना से कम प्रभावित क्षेत्रों को छूट देने का एलान किया है, लेकिन मुरादाबाद और आस-पास के जनपदों में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहें है. ऐसे में करोड़ों रुपये मूल्य का टमाटर कैसे ग्राहकों तक पहुंचेगा और किसानों को नुकशान से कैसे बचाया जाए इसके लिए सभी की नजर सरकार के अगले फैसले पर टिकी है.

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