मुरादाबादः जिले के पाकबड़ा थाना क्षेत्र में 8 सितंबर को हुए युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है. हत्या का मास्टर माइंड किसी अन्य मामले में पहले से ही जेल में बंद है. 1 करोड़ 66 लाख रुपये की बीमा राशि प्राप्त करने के लिए दोस्त ने ही अपने दोस्त की हत्या की साजिश रची थी. मास्टर माइंड ने ही मृतक का बीमा भी करवाया था. हत्या का मास्टर माइंड 2017 में अपने साले की बीमा राशि पाने के लिए हत्या कर जेल जा चुका है. साजिशकर्ता ने युवक की हत्या कर एक्सीडेंट का रूप दिया था. हत्या के खुलासा करने पर पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की गई है.
मुरादाबाद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र 8 सितंबर को सड़क किनारे संभल जिले में असमोली थाना क्षेत्र के रहने वाले जालेंद्र सिंह का शव पड़ा मिला था. शव किसी अज्ञात वाहन द्वारा कुचला जाना प्रतीत हो रहा था. जालेंद्र के परिजनों ने हत्या का शक जताते हुए पाकबड़ा थाने में हत्या की तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराया था. पुलिस ने जब इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू की तो चौंकाने वाला मामला सामने आया. पुलिस ने बताया कि जालेंद्र के दोस्त राजीव ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर जालेंद्र की हत्या की है. जालेंद्र की पहले गाड़ी में ईंट से सर पर वार कर हत्या कर दी. इसके बाद कुछ दूरी पर सुनसान जगह पर शव को सड़क पर रखकर तीन बार गाड़ी से कुचला गया. जिससे यह लगे कि जालेंद्र की हत्या नहीं हुई. एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि मृतक जालेंद्र और राजीव दोस्त थे. जालेंद्र के नाम से पिछले साल दिसंबर में 1 करोड़ 66 लाख का टर्म प्लान बीमा हुआ था. बीमा की रकम को प्राप्त करने के लिए राजीव ने अपने साथियों के साथ मिलकर जालेंद्र की हत्या कर दी थी.
साले की भी हत्या कर चुका है आरोपी राजीव
एसएसपी ने बताया कि राजीव इस तरह की घटना को पहले भी अंजाम दे चुका है. जिसके बाद उसने इस दूसरी हत्या की घटना को अंजाम दिया. राजीव ने अमरोहा जनपद के रहने वाले साले की भी 2017 में बीमा राशि को प्राप्त करने के लिए हत्या के मामले में जेल जा चुका है. जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद साले की पत्नी को गायब करने के मामले में अभी कुछ दिन पहले दोबारा से जेल गया है. मृतक जालेंद्र के बीमा कागज जो पुलिस को मिले हैं, उसमें जालेंद्र के पते और मोबाइल नंबर की जगह हत्यारे राजीव का पता और मोबाइल नंबर दर्ज है. जिससे जालेंद्र की मौत के बाद बीमे राशि से राजीव को मिलती.
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बीमे के कागजों पर हस्ताक्षर लेने के बाद की हत्या
मृतक जालेंद्र का 1 करोड़ 66 लाख का बीमा दिसंबर मे कराया था. लेकिन इस बात की जानकारी उसके परिवार में किसी और को नहीं थी. यहां तक कि मृतक जालेंद्र की मां को यह भी नही पता था कि उस बीमे राशि की वह वारिश है. मृतक जालेंद्र की हत्या में अभी एक बात सामने नही आई कि जालेंद्र एक फैक्ट्री में स्टोर सुपरवाइजर था जिसकी वेतन भी ज्यादा नहीं थी. फिर उसको 1 करोड़ 66 लाख के बीमा राशि का प्रीमियम भुगतान के लिए रुपये कहां से आये और इतने बड़ा बीमा कराने की उसको क्या जरूरत पड़ी थी. बीमा राशि का प्रीमियम 30 से 50 हजार के बीच नकद जमा किया गया था. मृतक जालेंद्र का जो 1 करोड़ 66 लाख का बीमा किया गया था. उसके कुछ और कागजों पर हस्ताक्षर चाहिए थे. पहले तो मृतक ने मना कर दिया लेकिन राजीव के समझाने के बाद उसने उन कागजों पर हस्ताक्षर कर दिए. उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई.