मेरठ: मेरठ में एक मृतक दारोगा का दिल मेडिकल कॉलेज में रखा गया है, ये पहला मौका है जब किसी के दिल को मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए रखा गया है. हालांकि दिवंगत दारोगा का अंतिम संस्कार हो चुका है. अंतिम संस्कार से पहले पोस्टमार्टम भी कर लिया गया था लेकिन मौत की वजह के ठीक से स्पष्ट न हो पाने की वजह से cause of death जानने को मेडिकल कॉलेज में दिल को सुरक्षित रखा गया है.
बीते दिन रविवार को करीब 49 वर्षीय यूपी पुलिस के दारोगा (UP Police Inspector) प्रदीप पुत्र इंद्रपाल को अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उन्हें अत्यधिक तकलीफ होने पर रविवार की रात्रि में मेरठ के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था. उपचार के दौरान उनकी मौत हो गयी थी. दिवंगत दारोगा मूल रूप से शामली जनपद के रहने वाले थे, जो कि अलीगढ़ जिले के खैर थाने में तैनात थे.
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दिवंगत दरोगा प्रदीप का हालांकि अंतिम संस्कार भी उनके पैतृक गांव शामली के थाना कांधला अंतर्गत ताहरपुर बबीसा में परिजनों द्वारा कर दिया गया है, लेकिन उससे पहले पोस्टमॉर्टम में उनकी मौत का कारण पूरी तरह से स्पष्ट न होने की वजह से उनके दिल को सुरक्षित मेडिकल कॉलेज में रखा गया है.
इस बारे में लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग (forensic medicine department) के सह आचार्य डॉक्टर मिथुन घोष का कहना है कि आशंका यही है कि उनकी हृदयघात से मौत हुई है. LLRM डिपार्टमेंट ऑफ फोरेंसिक मेडीसिन और डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी ये दोनों विभाग इस हार्ट के बारे में जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि सम्भवतया ये पहली बार है जब किसी हार्ट को LLRM में ये पहली बार हो रहा है.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि लीगल पॉइंट ऑफ व्यू (legal point of view) से हर मौत का cause of death जानना बेहद ही जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि ये मौत का सही कारण जानने के लिए किया गया है.
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