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आईटीआई छात्र की नयी पहल, अब नींद से जगाएगा और एक्सीडेंट से बचाएगा ये खास चश्मा - iti student new initiative

सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए आईटीआई के छात्र ने एक अनोखे चश्मे का इजाद किया है. अगर कोई चालक इसे पहन कर वाहन चलाता है और उसे झपकी आती है तो वह सचेत हो जाएगा.

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आईटीआई छात्र की नयी पहल
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Published : Jul 15, 2022, 6:25 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 6:41 PM IST

मेरठ: एक तो भाग- दौड़ भरी जिंदगी और उस पर ये सड़क दुर्घटना. आए दिन देखने, पढ़ने और सुनने में आता है कि सड़क हादसा हो गया. कई बार झपकी आने के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं हो जाती है. ऐसी घटनाओं पर ब्रेक लगे. इसके लिए एक छात्र ने एक खास तरह का चश्मा इजाद किया है. जी हां यहां, बात हो रही है सचिन की.

वह मेरठ के साकेत स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (Government Industrial Training Institute) से इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड में कुछ समय पूर्व ही आईटीआई किया है. सचिन ने बताया कि वह इन हादसों को रोकने के लिए काफी मंथन किया कि क्या किया जाए ताकि सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगायी जा सके.

अब नींद से जगाएगा और एक्सीडेंट से बचाएगा ये खास चश्मा

उसने बताया कि सफर के दौरान कई बार चालक को नींद सता रही होती है. उसके बाद भी वह आगे बढ़ता जाता है. उस दौरान अगर थोड़ी भी चूक होती है तो बड़ी दुर्घटना होने की पूरी संभावनाएं बनी रहती हैं. कभी-कभार देखा जाता है कि वह चालक सड़क दुर्घटना का शिकार भी हो जाता है. सचिन ने बताया कि वह जो चश्मा बनाया है, वह अपने गुरुजनों और जूनियर साथियों के सहयोग से तैयार किया है.अब यह चश्मा झपकी नहीं लगने देगा. अगर कोई इस चश्मे को पहन कर वाहन चलाता है, तो नींद आने की स्थिति में वह चश्मा सुरक्षा प्रदान और सचेत करेगा.


उसने बताया कि इस चश्मे में नेनो डिवाइसस, एक मिनी बैट्री, एक छोटा बल्ब, खास तरह का सेंसर, एडवांस माइक्रो कंट्रोलर, सेंसर और बज्र के साथ इस चश्मे को बनाया गया है.

इसे भी पढ़ेंः केशव मौर्य ने दिलाई याद, कभी यशवंत सिन्हा ने मुलायम सिंह को ISI का एजेंट कहा था

आईटीआई के प्रशिक्षक विजेंद्र कुमार ने बताया कि इस चश्मे को अभी अपग्रेड किया जाएगा. अभी ये अलार्म देता है, बाद में इसे अपग्रेड करके इसमें वाइब्रेटर भी लगाया जाएगा, ताकि नींद आने पर आवाज के साथ-साथ झनझनाहट हो और वाहन चालक सचेत हो जाए.

इस बारे में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज (Sir Chhotu Ram Engineering College) के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर विजय राम ने बताया कि स्टूडेंट रोज नए प्रयोग करते हैं. जिस तरह से आईटीआई के छात्र ने यह प्रयोग किया है. यह काबिले तारीफ है. निश्चित ही ये वाहन चालकों के लिए उपयोगी साबित होगा. वहीं, सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर प्रोफेसर प्रियंका सिंह का कहना है कि आज- कल नेनो टेक्नोलॉजी का बहुत ही उपयोग हो रहा है. इस दिशा में स्टूडेंट्स काम कर रहे हैं.

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मेरठ: एक तो भाग- दौड़ भरी जिंदगी और उस पर ये सड़क दुर्घटना. आए दिन देखने, पढ़ने और सुनने में आता है कि सड़क हादसा हो गया. कई बार झपकी आने के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं हो जाती है. ऐसी घटनाओं पर ब्रेक लगे. इसके लिए एक छात्र ने एक खास तरह का चश्मा इजाद किया है. जी हां यहां, बात हो रही है सचिन की.

वह मेरठ के साकेत स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (Government Industrial Training Institute) से इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड में कुछ समय पूर्व ही आईटीआई किया है. सचिन ने बताया कि वह इन हादसों को रोकने के लिए काफी मंथन किया कि क्या किया जाए ताकि सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगायी जा सके.

अब नींद से जगाएगा और एक्सीडेंट से बचाएगा ये खास चश्मा

उसने बताया कि सफर के दौरान कई बार चालक को नींद सता रही होती है. उसके बाद भी वह आगे बढ़ता जाता है. उस दौरान अगर थोड़ी भी चूक होती है तो बड़ी दुर्घटना होने की पूरी संभावनाएं बनी रहती हैं. कभी-कभार देखा जाता है कि वह चालक सड़क दुर्घटना का शिकार भी हो जाता है. सचिन ने बताया कि वह जो चश्मा बनाया है, वह अपने गुरुजनों और जूनियर साथियों के सहयोग से तैयार किया है.अब यह चश्मा झपकी नहीं लगने देगा. अगर कोई इस चश्मे को पहन कर वाहन चलाता है, तो नींद आने की स्थिति में वह चश्मा सुरक्षा प्रदान और सचेत करेगा.


उसने बताया कि इस चश्मे में नेनो डिवाइसस, एक मिनी बैट्री, एक छोटा बल्ब, खास तरह का सेंसर, एडवांस माइक्रो कंट्रोलर, सेंसर और बज्र के साथ इस चश्मे को बनाया गया है.

इसे भी पढ़ेंः केशव मौर्य ने दिलाई याद, कभी यशवंत सिन्हा ने मुलायम सिंह को ISI का एजेंट कहा था

आईटीआई के प्रशिक्षक विजेंद्र कुमार ने बताया कि इस चश्मे को अभी अपग्रेड किया जाएगा. अभी ये अलार्म देता है, बाद में इसे अपग्रेड करके इसमें वाइब्रेटर भी लगाया जाएगा, ताकि नींद आने पर आवाज के साथ-साथ झनझनाहट हो और वाहन चालक सचेत हो जाए.

इस बारे में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज (Sir Chhotu Ram Engineering College) के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर विजय राम ने बताया कि स्टूडेंट रोज नए प्रयोग करते हैं. जिस तरह से आईटीआई के छात्र ने यह प्रयोग किया है. यह काबिले तारीफ है. निश्चित ही ये वाहन चालकों के लिए उपयोगी साबित होगा. वहीं, सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर प्रोफेसर प्रियंका सिंह का कहना है कि आज- कल नेनो टेक्नोलॉजी का बहुत ही उपयोग हो रहा है. इस दिशा में स्टूडेंट्स काम कर रहे हैं.

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Last Updated : Jul 15, 2022, 6:41 PM IST
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