ETV Bharat / city

अब गांवों के प्रत्येक घर से एक रुपये में कूड़ा कलैक्शन, ग्राम पंचायत बेचेगा कूड़ा - self help groups

मेरठ में ग्रामीण इलाके को साफ रखने के लिए जिला पंचायती राज विभाग एक खास पहल शुरू करने जा रहा है. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से डोर टू डोर जाकर कूड़ा कलेक्शन किया जाएगा.

Etv Bharat
कूड़ा कलैक्शन
author img

By

Published : Sep 9, 2022, 6:23 PM IST

मेरठ: ग्रामीण इलाके को साफ रखने के लिए जिला पंचायती राज विभाग एक खास पहल शुरू करने जा रहा है. इस पहल से अब यहां गांव- देहातों में गंदगी नहीं दिखाई देगी. पहले चरण में ऐसे 87 गांवों का चयन किया गया है, जिनकी जनसंख्या 5 हजार से अधिक हैं. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से डोर टू डोर जाकर कूड़ा कलेक्शन किया जाएगा और इस काम के बदले हर ग्रामीण को एक निश्चित राशि जो कि 1 या 2 रुपये प्रतिदिन देनी पड़ सकती है. कई गांवों में तो इसकी शुरुआत भी हो चुकी है.

इस मामले में जिला पंचायती राज अधिकारी (District Panchayati Raj Officer) रेनू श्रीवास्तव का कहना है कि शहरों में तो घर- घर जाकर कूड़ा कलेक्शन किया जाता है, लेकिन गांवों में ये एक बहुत बड़ी समस्या है, इसीलिए इस बारे में विस्तृत योजना बनाई गई . ताकि गांवों में भी कूड़े को उठाया जा सके. उन्होंने बताया कि गीला और सूखा कूड़ा क्या होता है. इससे क्या नुकसान होते हैं. इस विषय में लोगो को जागरुक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मेरठ जिले में 87 गांवों में शीघ्र ही यह शुरुआत होने जा रही है. जबकि कई गांवों में हो चुकी है.

जिला पंचायती राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव

इसे भी पढ़ेंः मेरठ में ड्रग्स विभाग की छापेमारी, 50 लाख की कीमत के नकली कॉस्मेटिक उत्पाद बराम

उन्होंने बताया कि इस समस्या को हल करने के लिए जिले के ग्राम प्रधानों और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के साथ इस दिशा में कार्य करने की इच्छा जुटनी होगी. सभी ने अपनी सहमति इसमे जताई है. सबसे पहले मेरठ जिले के ऐसे गांव जिनकी आबादी पांच हजार या उससे अधिक है. उन गांवों में कूड़े के निस्तारण के लिए योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि ई -रिक्शा के माध्यम से कूड़ा उठाना शुरू किया गया है. कूड़े को गांव के बाहर एक निश्चित स्थान पर जो कि अधिकतर ग्रामसभा की जमीन है वहां स्टोर किया जाएगा और फिर वहीं, इसका पृथकीकरण किया जाएगा. उन्होंने कहना कि गीले कूड़े के लिए कंपोस्ट पिट्स बनाए गए हैं, ताकि वो एक निश्चित समय के बाद खाद के रूप में तब्दील हो सके.

etv bharat
कचरा

इसके अतिरिक्त अलग -अलग फर्मों से भी बात कर रहे हैं, जो कि कूड़ा खरीद भी रहे हैं. उससे भी ग्राम पंचायतों के लिए फंड जेनरेट हो रहा है. उन्होंने बताया कि गांवों में तो कबाड़ी वालों से भी MOU कर लिया गया है, जो कि रिसाइक्लिंग के लिए प्लास्टिक को ले रहे हैं. रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि ये प्रक्रिया लगातार चलती रहे. इसके लिये गांव के प्रत्येक घर से यूजर चार्ज भी लेने का प्लान भी बनाया गय. उन्होंने बताया कि ये यूजर चार्ज कितना होगा ये निर्णय ग्राम पंचायतों को करना है. हालांकि कई गांवों में प्रतिदिन के कूड़े के लिए एक रुपये की राशि चार्ज की जा रही है. वहीं, कुछ गांव में 2 रुपये भी ले रहे हैं. डेयरीज, डॉक्टर्स और दुकानों से ग्राम पंचायत अपने हिसाब से रेट फिक्स करके शुल्क ले रही है .

कचरा
कचरा
उन्होंने बताया कि ये सब कुछ शुरू करना एक लंबा प्रोसेस था. जिले के दस ऐसे गांवों के जनप्रतिनिधियों द्वारा अधिकारियों के साथ एक ऐसी कार्ययोजना तैयार की गई जिसको लेकर लखनऊ में प्रदर्शित किया गया, जब वहां अधिकारी सन्तुष्ठ हो गए कि ये योजना सफल हो सकती है, तो वहां से गांवों के लिये इस तरफ आगे बढ़ने के लिए बजट का भी प्रावधान किया गया.इसे भी पढ़ेंः गंगा किनारे बसे गांवों में नमामि गंगे योजना, पौधे लगाने पर हर महीने सरकार देगी 3000 रुपये

मेरठ: ग्रामीण इलाके को साफ रखने के लिए जिला पंचायती राज विभाग एक खास पहल शुरू करने जा रहा है. इस पहल से अब यहां गांव- देहातों में गंदगी नहीं दिखाई देगी. पहले चरण में ऐसे 87 गांवों का चयन किया गया है, जिनकी जनसंख्या 5 हजार से अधिक हैं. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से डोर टू डोर जाकर कूड़ा कलेक्शन किया जाएगा और इस काम के बदले हर ग्रामीण को एक निश्चित राशि जो कि 1 या 2 रुपये प्रतिदिन देनी पड़ सकती है. कई गांवों में तो इसकी शुरुआत भी हो चुकी है.

इस मामले में जिला पंचायती राज अधिकारी (District Panchayati Raj Officer) रेनू श्रीवास्तव का कहना है कि शहरों में तो घर- घर जाकर कूड़ा कलेक्शन किया जाता है, लेकिन गांवों में ये एक बहुत बड़ी समस्या है, इसीलिए इस बारे में विस्तृत योजना बनाई गई . ताकि गांवों में भी कूड़े को उठाया जा सके. उन्होंने बताया कि गीला और सूखा कूड़ा क्या होता है. इससे क्या नुकसान होते हैं. इस विषय में लोगो को जागरुक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मेरठ जिले में 87 गांवों में शीघ्र ही यह शुरुआत होने जा रही है. जबकि कई गांवों में हो चुकी है.

जिला पंचायती राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव

इसे भी पढ़ेंः मेरठ में ड्रग्स विभाग की छापेमारी, 50 लाख की कीमत के नकली कॉस्मेटिक उत्पाद बराम

उन्होंने बताया कि इस समस्या को हल करने के लिए जिले के ग्राम प्रधानों और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के साथ इस दिशा में कार्य करने की इच्छा जुटनी होगी. सभी ने अपनी सहमति इसमे जताई है. सबसे पहले मेरठ जिले के ऐसे गांव जिनकी आबादी पांच हजार या उससे अधिक है. उन गांवों में कूड़े के निस्तारण के लिए योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि ई -रिक्शा के माध्यम से कूड़ा उठाना शुरू किया गया है. कूड़े को गांव के बाहर एक निश्चित स्थान पर जो कि अधिकतर ग्रामसभा की जमीन है वहां स्टोर किया जाएगा और फिर वहीं, इसका पृथकीकरण किया जाएगा. उन्होंने कहना कि गीले कूड़े के लिए कंपोस्ट पिट्स बनाए गए हैं, ताकि वो एक निश्चित समय के बाद खाद के रूप में तब्दील हो सके.

etv bharat
कचरा

इसके अतिरिक्त अलग -अलग फर्मों से भी बात कर रहे हैं, जो कि कूड़ा खरीद भी रहे हैं. उससे भी ग्राम पंचायतों के लिए फंड जेनरेट हो रहा है. उन्होंने बताया कि गांवों में तो कबाड़ी वालों से भी MOU कर लिया गया है, जो कि रिसाइक्लिंग के लिए प्लास्टिक को ले रहे हैं. रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि ये प्रक्रिया लगातार चलती रहे. इसके लिये गांव के प्रत्येक घर से यूजर चार्ज भी लेने का प्लान भी बनाया गय. उन्होंने बताया कि ये यूजर चार्ज कितना होगा ये निर्णय ग्राम पंचायतों को करना है. हालांकि कई गांवों में प्रतिदिन के कूड़े के लिए एक रुपये की राशि चार्ज की जा रही है. वहीं, कुछ गांव में 2 रुपये भी ले रहे हैं. डेयरीज, डॉक्टर्स और दुकानों से ग्राम पंचायत अपने हिसाब से रेट फिक्स करके शुल्क ले रही है .

कचरा
कचरा
उन्होंने बताया कि ये सब कुछ शुरू करना एक लंबा प्रोसेस था. जिले के दस ऐसे गांवों के जनप्रतिनिधियों द्वारा अधिकारियों के साथ एक ऐसी कार्ययोजना तैयार की गई जिसको लेकर लखनऊ में प्रदर्शित किया गया, जब वहां अधिकारी सन्तुष्ठ हो गए कि ये योजना सफल हो सकती है, तो वहां से गांवों के लिये इस तरफ आगे बढ़ने के लिए बजट का भी प्रावधान किया गया.इसे भी पढ़ेंः गंगा किनारे बसे गांवों में नमामि गंगे योजना, पौधे लगाने पर हर महीने सरकार देगी 3000 रुपये
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.