मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh University) के कुछ छात्र पढ़ाई की जगह नकल करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं. कहते हैं कि नकल भी बिना अक्ल के नहीं की जा सकती है. इसीलिए छात्र नकल करते पकड़े न जाने के लिए नए तरीके खोज रहे हैं.
नकल रोकने के लिए खास टीम भी बनायी जाती हैं. इसके बावजूद छात्र नकल करने के नये तरीके ढूंढ निकालते हैं. ऐसे नकलची कई बार सरप्राइज़ विज़िट में पकड़े जाते हैं.
नकल रोकने के लिए बनायी गये सचल दल के कॉर्डिनेटर डॉ. शिवराज सिंह पुण्डीर ने कहा कि समय के साथ नकल करने के तरीके बदल रहे हैं. छात्र नकल के लिए अब इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. वो नाखून पर फॉर्मूले लिख रहे हैं. कई छात्र हाथ पर ऐसे लिखते हैं कि दूर से वो आपको मेहंदी की डिज़ाइन लगेगी. गहन जांच में ये छात्र पकड़े जाते हैं.
उन्होंने कहा कि नकल करने के लिए प्रिंटेंड पर्चियों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. छोटे फॉंट की नकल की पार्चियां प्रिंट कराकर छात्र ला रहे हैं. पहले की तुलना में अब काफी कम नकल होती है.
वहीं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में परीक्षाएं हो रही हैं. जिन कॉलेज में कैमरे काम नहीं कर रहे हैं या जिन कॉलेज ने आईपी एड्रेस नहीं दिया है. उनको नकल रोकने के लिए चेतावनी दी गई है. परीक्षाओं को नकलविहीन कराने की पूरी कोशिश की जा रही है.
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