मेरठ: अधिकतर यह कहा जाता है कि कीट फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ कीट ऐसे भी हैं जो हमें फायदा पहुंचाते हैं. ऐसे कीटों को मित्र कीट कहा जाता है. यह मित्र कीट किसानों की फसलों में नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को खात्मा कर फसल को सुरक्षित रखते हैं. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में ऐसे ही मित्र कीटों की तैयार किया जा रहा है, जो फसलों को सुरक्षित रखने में किसानों के मददगार साबित हो रहे हैं.
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विद्यालय की जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला में मित्र कीटों को तैयार किया जा रहा है. जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला के प्रभारी डॉ. राजेंद्र कुमार के मुताबिक जैविक मित्र कीटों का इस्तेमाल इस समय किसान काफी संख्या में करने लगे हैं. जिस तरह से फसलों में रसायनों के इस्तेमाल के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं. उसके चलते जैविक विधि द्वारा फसलों में कीट प्रबंधन काफी लाभकारी साबित हो रहा है.
बनी रहती है फसल की गुणवत्ती
मित्र कीटों के माध्यम से फसलों में लगने वाले ऐसे शत्रु कीटों का सफाया कर दिया जाता है, जो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. इस तरह फसल में किसी तरह के रसायन का इस्तेमाल नहीं होता और फसल में लगने वाले कीट खत्म हो जाते हैं और फसल की गुणवत्ता भी बनी रहती है.
किसानों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
इस समय जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला में ट्राईकोग्रामा क्राइसोपर्ला कार्निया, बैकुलोवायरस, ब्यूवेरिया एवं मेटा राइजियम का निर्माण किया जा रहा है. किसानों को भी इनके बारे में समय-समय पर प्रशिक्षण और जानकारी दी जा रही है. प्रशिक्षण के बाद किसान खुद भी कुछ मित्रों का अपने उत्पादन करने लगे हैं.
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यहां जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला में तैयार किए गए मित्र कीट वेस्ट यूपी के किसान अपनी फसलों में इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा हरियाणा पंजाब में भी यहां से मित्र कीट दिए जाते हैं. मित्र कीटों का इस्तेमाल किए जाने से अच्छे परिणाम सामने आने के बाद इनका उत्पादन बढ़ाया जा रहा है.
- डॉ राजेंद्र कुमार, प्रभारी जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला