मेरठ: रावण की ससुराल मेरठ में इस बार दशहरे के अवसर पर एक सौ तीस फीट का रावण जलेगा. मेरठ में भूमि पूजन के साथ परंपरागत तरीके से रामलीला की तैयारियां शुरू हो गई हैं. यही नहीं, मेरठ में 42 साल से रावण का पुतला बना रहे असलम भाई अभी से 103 फीट का दशानन तैयार करने में जुट गए हैं.
यूं तो, देश के हर कोने में दशहरा धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन, रावण की ससुराल कहे जाने वाले मेरठ में एक महीने पहले से ही परंपरागत तरीके से रामलीला की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. यहां बाकायदा रामलीला के मंचन वाले स्थान का भूमि पूजन कर सभी तैयारियां शुरू हो गई हैं. राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, उर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर सहित तमाम हस्तियां शुक्रवार को भूमि पूजन के अवसर पर पहुंची. इस दौरान सभी ने कहा कि रामलीला छावनी की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. मेरठ की रामलीला सबसे अच्छी होती है. यहां की बात ही अलग है.
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इस बार मेरठ में उसी स्थान पर रामलीला का मंचन होगा जहां कभी मंदोदरी तालाब में स्नान के लिए आया करती थीं. मान्यता है कि इसी स्थान पर रावण और मंदोदरी की पहली मुलाकात हुई थी. रामलीला के मंचन की तैयारियां जोरों पर हैं. रावण का विशालकाय पुतला भी तैयार किया जा रहा है. बताया गया है कि, इस बार 103 फीट का दशानन पुतला जलेगा. मेरठ में पिछले 42 सालों से रावण का पुतला बना रहे असलम भाई का कहना है कि वो अपने जीवन की आखिरी सांस तक यही काम करते रहेंगे.
मेरठ के भैंसाली ग्राउंड पर तीन घंटे की हाईटेक रामलीला होगी. इसका लाइव प्रसारण सभी सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर भी किया जाएगा. रामलीला कमेटी छावनी के पदाधिकारी विजय गोयल और पवन गर्ग का कहना है कि 24 सितबंर को भगवान शंकर जी की बारात निकालकर भव्य आयोजन की शुरुआत होगी. 25 सितंबर से रामलीला का मंचन होगा. 27 को सीता स्वयंवर का कार्यक्रम होगा. 28 को राम बारात का आयोजन होगा और 5 अक्टूबर दशहरा मनाया जाएगा.
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