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बारिश के बाद 'टापू' बना यह कॉलेज, डर के साए में शिक्षक और विद्यार्थी

यूपी के मथुरा में 12 से 15 घंटे तक हुई बारिश से जलभराव हो गया. वहीं, टेंटीगांव में स्थित श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज में भी भर गया, जिसकी वजह से बच्चों को घर वापस लौटना पड़ा.

श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज में भरा पानी.
श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज में भरा पानी.
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Published : Sep 22, 2021, 5:46 PM IST

मथुराः जिले में मंगलवार देर रात्रि से शुरू हुई बारिश बुधवार दोपहर तक जारी रही. लगातार हुई बारिश लोगों के लिए आफत बनकर बरसी, जिसकी वजह से जगह-जगह जलभराव के कारण लोगों को आवागमन में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. वहीं, जिले के टेंटीगांव में स्थित श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज में पानी घुसने के कारण टापू में तब्दील हो गया. पानी भरने के कारण छात्र-छात्राएं भी स्कूल आकर वापस लौट गए. वहीं, स्कूल स्टाफ भी घुटनों तक पानी में कुर्सी डालकर बदहाली पर आंसू बहता रहा. स्कूल स्टाफ की मानें तो कई बार शिकायत करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.

मथुरा के कॉलेज में भरा पानी.
श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज के प्रांगण में पानी भरने के साथ-साथ विद्यालयों के कमरे और ऑफिस भी से लबालब हो गए. यह पहली बार नहीं है जब विद्यालय में पानी भरा हो. आए दिन बरसात होने पर विद्यालय में पानी इसी प्रकार भर जाता है. पानी भरने का मुख्य कारण कस्बे में बनी नालियों से पानी की निकासी की कोई व्यवस्था न होना है. विद्यालय स्टाफ के 1957 में बनी विद्यालय की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. इस बिल्डिंग में पानी भरने से और भी हालत खराब होते जा रहे हैं. लगभग दो दशक से विद्यालय की कमेटी भंग पड़ी है, इसलिए इस समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा है.
श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज में भरा पानी.
श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज में भरा पानी.

विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरेश चंद ने बताया कि विद्यालय में जलभराव की समस्या है. उन्होंने बताया कि विद्यालय की दीवारों से सटी नालियां चोक पड़ी हुई है, जिसके चलते विद्यालय के अंदर सारा पानी आता है. नाली निकासी का जो पानी है, वह आगे कहीं नहीं है जिसके चलते विद्यालय के अंदर ही पानी का निकास हो रहा है. प्रधानाचार्य ने बताया कि गांव के कुछ लोगों द्वारा नाली की निकासी नहीं होने दी जाती, जिसके चलते ग्रामीणों के घरों का पानी भी अधिकतर विद्यालय परिसर में आकर ही एकत्रित हो जाता है. पानी क्लासरूम, स्टाफ रूम सभी जगह पर घुस जाता है.

इसे भी पढ़ें-ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा- कामयाब नहीं होंगे आतंकियों के मंसूबे


प्रधानाचार्य ने बताया कि इस संबंध में प्रशासन के आला अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकला. उन्होंने बताया कि विद्यालय में लगभग 450 बच्चे अध्ययन करते हैं. विद्यालय भवन भी जर्जर हो चुकी है, जिससे लगातार भय बना रहता है कि बच्चों के साथ कोई अनहोनी न हो जाए.

मथुराः जिले में मंगलवार देर रात्रि से शुरू हुई बारिश बुधवार दोपहर तक जारी रही. लगातार हुई बारिश लोगों के लिए आफत बनकर बरसी, जिसकी वजह से जगह-जगह जलभराव के कारण लोगों को आवागमन में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. वहीं, जिले के टेंटीगांव में स्थित श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज में पानी घुसने के कारण टापू में तब्दील हो गया. पानी भरने के कारण छात्र-छात्राएं भी स्कूल आकर वापस लौट गए. वहीं, स्कूल स्टाफ भी घुटनों तक पानी में कुर्सी डालकर बदहाली पर आंसू बहता रहा. स्कूल स्टाफ की मानें तो कई बार शिकायत करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.

मथुरा के कॉलेज में भरा पानी.
श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज के प्रांगण में पानी भरने के साथ-साथ विद्यालयों के कमरे और ऑफिस भी से लबालब हो गए. यह पहली बार नहीं है जब विद्यालय में पानी भरा हो. आए दिन बरसात होने पर विद्यालय में पानी इसी प्रकार भर जाता है. पानी भरने का मुख्य कारण कस्बे में बनी नालियों से पानी की निकासी की कोई व्यवस्था न होना है. विद्यालय स्टाफ के 1957 में बनी विद्यालय की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. इस बिल्डिंग में पानी भरने से और भी हालत खराब होते जा रहे हैं. लगभग दो दशक से विद्यालय की कमेटी भंग पड़ी है, इसलिए इस समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा है.
श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज में भरा पानी.
श्री ब्रज कृषक इंटर कॉलेज में भरा पानी.

विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरेश चंद ने बताया कि विद्यालय में जलभराव की समस्या है. उन्होंने बताया कि विद्यालय की दीवारों से सटी नालियां चोक पड़ी हुई है, जिसके चलते विद्यालय के अंदर सारा पानी आता है. नाली निकासी का जो पानी है, वह आगे कहीं नहीं है जिसके चलते विद्यालय के अंदर ही पानी का निकास हो रहा है. प्रधानाचार्य ने बताया कि गांव के कुछ लोगों द्वारा नाली की निकासी नहीं होने दी जाती, जिसके चलते ग्रामीणों के घरों का पानी भी अधिकतर विद्यालय परिसर में आकर ही एकत्रित हो जाता है. पानी क्लासरूम, स्टाफ रूम सभी जगह पर घुस जाता है.

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प्रधानाचार्य ने बताया कि इस संबंध में प्रशासन के आला अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकला. उन्होंने बताया कि विद्यालय में लगभग 450 बच्चे अध्ययन करते हैं. विद्यालय भवन भी जर्जर हो चुकी है, जिससे लगातार भय बना रहता है कि बच्चों के साथ कोई अनहोनी न हो जाए.

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